राशन के सवाल पर कल 12 अप्रैल को गरीब पीटेंगे थाली, रखेंगे उपवास
पटना 11 अप्रैल, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने आज प्रेस बयान जारी करके कहा है कि कल 12 अप्रैल को देशव्यापी आह्वान के तहत पूरे राज्य में दलित-गरीब, भुखमरी के कगार पर खड़े निर्माण मजदूर, अन्य दिहाड़ी मजदूर, मनरेगा मजदूर, रिक्शा-टेंपों-ई रिक्शा चालक, निम्न मध्यवर्गीय तबके और समाज के कामकाजी हिस्से से भाकपा-माले अपील करती है कि दिन के 2 बजे 10 मिनट के लिए थाली व अन्य बर्तन बजाकर अथवा एक दिन का उपवास रखककर दिल्ली-पटना की सरकार से राशन की मांग करेंगे. कहा कि प्रधानमंत्री के आह्वान पर देश के गरीबों ने थाली भी बजाया और दीया भी जलाया, लेकिन उनकी थाली अभी तक खाली है. लोगो के सामने भुखमरी की समस्या मुंह बाये खड़ी है. इसलिए सरकार की पहली प्राथमिकता गरीबों के लिए राशन की व्यवस्था करनी की होनी चाहिए. लेकिन इन मामलों में सरकार बेहद उदासीन रवैया दिखला रही है. भूख के कारण लोगों की हालत खराब होते चली जा रही है. इसलिए हम सरकार से मांग करते हैं कि सभी के लिए राशन की व्यवस्था तत्काल करें. उन्होंने बिहार के प्रबुद्धजनों से भी थाली बजाने व उपवास कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है. कहा कि लोग अपने घरों से थाली बजाएं अथवा एक दिन का उपवास रखकर गरीबों के लिए सरकार से राशन की व्यवस्था करने की मांग करे. उन्होंने यह भी कहा कि कार्यक्रम के दौरान कोरोना से बचाव के रोकथाम के उपायों का सख्ती से पालन किया जाएगा. उन्होंने जनता से अपील की है कि कहीं भी भीड़ नहीं लगाएं.
प्रशासन का सांप्रदायिककरण बेहद निंदनयी -
राज्य सचिव ने आगे कहा कि कोरोना महामारी के जरिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की कोशिश बेहद ही निंदनीय है. भाजपा व संघ के लोग तो इस काम को शुरू से ही करते आ रहे हैं, लेकिन उससे भी खतरनाक है प्रशासन का सांप्रदायिक हो जाना. यह लोकतंत्र के लिए गंभीर चेतावनी है. बिहार के पश्चिम चंपारण जिला प्रशासन द्वारा एक पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि कोरोना को एक खास धर्म के लोगों से जोड़कर देखना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. जिला प्रशासन ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि कोरोना फैलाने के उद्देश्य से 40 से 50 कोरोना संदिग्ध भारतीय मुसलमानों के भारत में आने की सूचना मिली है. यह भी कहा कि जालितम मुख्यिा नामक का एक नेपाल का मुस्लिम भारत में कोरोना महामारी फैलाने की योजना बना रहा है. माले राज्य सचिव ने कहा कि प्रशासन इस तरह की सांप्रदायिक हरकत से बाज आए. इस तरह के पत्र-व्यवहार से सांप्रदाकिय सौहार्द बिगड़ेगा ही. उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री से अपील की है कि कोरोना के नाम पर सांप्रदायिकता की राजनीति को सख्ती से रोकेें.
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