पटना जिले के सिगोड़ी (पालीगंज) के नूरचक में दलित-मुस्लिमों पर सामंतों का बर्बर हमला, माले ने की निंदा.एफआईआर में नाम के बावजूद दबंगों की नहीं हो रही गिरफ्तारी, सरकार कड़ी कार्रवाई करे.

नूरचक की घटना - पटना जिले के सिगोड़ी थाना का नूरचक गांव 100 घर भाट ब्राह्मण, 30 घर रविदास, 10 घर पासवान और 30 घर मुस्लिम समुदाय का गांव है. इस गांव में दलित व मुस्लिम लंबे समय से एक साथ रहते आए हैं और आज भी इनके बीच एकता कायम है. बीते 28 अप्रैल और आज 29 अप्रैल को भांट ब्राह्मणों के द्वारा दलितों-अल्पसंख्यकों के टोले पर बारंबार हमला किया गया, जिसमें कई लोगों के घायल होने की रिपोर्ट है. भाकपा-माले की केन्द्रीय कमिटी के सदस्य व खेग्रामस के राज्य सचिव गोपाल रविदास, भाकपा-माले की राज्य कमिटी सदस्य अनवर हुसैन, सुधीर कुमार और स्थानीय नेता राजेश गुप्ता ने पूरे मामले की जानकारी लेने के बाद बतलाया है कि गांव में माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. कभी भी ब्राह्मण समुदाय के लोग उसे दंगे में तब्दील कर सकते हैं. प्रशासन की भूमिका बेहद नकारात्मक है. उलटे प्रशासन माले नेताओं पर ही मुकदमा दर्ज करने की धमकी दे रहा है. यह विवाद तब आरंभ हुआ जब 28 अप्रैल को भाट जाति के 4-5 दबंगों ने गांव में एक छोटी सी दुकान चला रहे फेंकू मियां की दुकान पर पहुंचे. फेकू मियां के बेटे परवेज आलम ने बताया कि उस समय उनकी बहन सोहरत खातून दुकान पर बैठी हुई थी. चाॅकलेट खाने के बाद दबंगों ने पैसा देना उचित नहीं समझा, जबकि पहले से भी उन लोगों का अच्छा खासा पैसा बकाया हो गया था. सोहरत ने जब पैसा मांगा तो वे लोग उसके साथ बहस में उतर गए. छोटा भाई तबरेज आलम दौड़कर आया. बगल में ही पिता फेकू मियां थे, वे भी आए. दबंगों ने तब कहना शुरू किया कि मुसलमान लोग कोरोना फैलाने वाले हैं. फेकू मियां को पीटने की धमकी देने लगे. जब फेकू मियां की पत्नी ने इसका विरोध किया, तो उनके साथ भी अभ्रदता की गई. जिसको लेकर काफी कहासुनी हो गई. दलित व अल्पसंख्यक समुदाय के लोग एकजुट होकर विरोध करने लगे. पल भर में ही पूरा ब्राह्मण समुदाय उठकर दलितों व मुस्लिमों के टोली पर चढ़ आया और लोगों की पिटाई शुरू कर दी. इसमें फेकू मियंा को चोट लग गई. इसकी सूचना थाने को दी गई लेकिन थाना उदासीन बना रहा. जरखा पंचायत के वर्तमान मुखिया ने मामले को शंात करने की कोशिश की, कुछ देर के लिए ऐसा लगा कि मामला शांत हो गया है, लेकिन दबंगों को पीछे हटना कहां गंवारा था. थोड़ी ही देर बाद उन्होंने जलावन की लकड़ी लिए जा रहे रंजीत पासवान को बुरी तरह पीट दिया. उनके पेट में काफी चोट लगी. आज 29 अप्रैल को एक बार फिर दबंगों ने टोले पर हमला कर दिया, जिसमें कम से कम 6 लोग घायल हो गए हैं. 1. नूरजहां, पति - फेंकू मियां 2. सोहरत खातून 15 वर्ष, बेटी - फेंकू मियां 3. प्रतिमा देवी, पति - रमेश पासवान 4. रमेश पासवान, पिता - जीतन पासवान 5. मुन्ना मियां, पिता - कैश मियां और 6. अनुपा देवी, पति - देवी प्रसाद पासवान. भाकपा-माले ने प्रशासन पर उदासीनता अपनाने का आरोप लगाया है. यदि कल ही एफआईआर हो जाता और दबंगों की धर-पकड़ हो जाती तो आज की घटना नहीं घटती. बारंबार बात होने के बावजूद भी अभी तक दलित-अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से दिए गए आवेदन पर एफआईआर नहीं हुआ है लेकिन प्रशासन माले नेताओं पर एफआईआर करने की धमकी जरूर दे रहा है.
भोजपुर - भोजपुर जिले में राजपूत जाति से आने वाले सामंतों के द्वारा अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार नफरत का माहौल बनया जा रहा है और उन पर हमला भी किया जा रहा है. इन दबंगों को भाजपा के स्थानीय सांसद आरके सिंह का खुला संरक्षण हासिल है.
जगदीशुपर प्रखंड के कौड़ा गांव में 27 अप्रैल की शाम 6 बजे मो. जकी अख्तर, पिता - मो. इसरार को दबंगों ने बुरी तरह पीट दिया. उस वक्त वे एक फील्ड में पुलिस बहाली के लिए दौड़ लगा रहे थे. दबंगों ने कहा कि ये लोग कोरोना फैलाने वाले हैं. दबंगों के खिलाफ एफआईआर हुआ है लेकिन गिरफतारी नहीं हुई है. हमलावर का नाम हैं: समर प्रताप सिंह उर्फू भोलू, पिता - जयप्रकाश जिद्दी. उसी गांव में 27 अप्रैल को 7 बजे एहसानउल हक, पिता - अफजल हुसैन गांव में अंडा बेच रहे थे. राजपूत दबंगों ने उनको पीट दिया व कान फाड़ दिया. इस मामले में एफआईआर हुआ है लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. हमलवार - 1. रोहित कुमार - पिता शिवकुमार सिंह 2. दीपक सिंह, पिता - वीरेन्द्र सिंह उर्फ भगेलू सिंह 3. रोहित कुमार, पिता सुरेन्द्र सिंह.
इस घटना के दो - चार दिन पहले भी मुस्लिम लोगों को पीटा गया था. गांव सियरुआ में 12 अप्रैल की घटना है. राजपूत जाति के छोटू सिंह के घर में एक मुस्लिम परिवार रहता है, जो पेंटर का काम करता है. साथ में पत्नी व 2 बच्चे हैं. राजपूत सामंतों ने मुस्लिम परिवार के साथ-साथ छोटू सिह को भी धमकाया कि मुसलमान को अपने घर से जल्दी निकालो. इस प्रकार से भोजपुर के विभिन्न गांवों में अल्पसंख्यकों को मारने-पीटने व धमकाने की घटना सामने आई है.
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