कोरोना को लेकर किये गए लॉकडाउन में आवागमन बंद होने के कारण श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के बाद अस्थि कलश को बाहर ले जाकर विसर्जन करना बंद हो गया है. जिसके कारण अस्थि कलश कक्ष में भारी संख्या में अस्थि कलश जमा हो गया है.
जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) : लॉकडाउन का असर अस्थि कलश के विसर्जन पर भी पड़ा है. जमशेदपुर में अलग-अलग क्षेत्र में स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार के बाद अस्थि कलश को रखा गया है. पार्वती घाट में सौ से ज्यादा अस्थि कलश को रखा गया है जबकि सुवर्णरेखा घाट में 50 से अधिक अस्थि कलश रखा गया है. जिनका देखभाल श्मशान घाट के कर्मचारी कर रहे है. कर्मचारी का कहना है लॉकडाउन खत्म होने तक उन्हें अस्थि कलश का देखभाल करने की जिम्मेदारी है. गौरतलब है कि अंतिम संस्कार के बाद कई लोग अस्थि कलश को विसर्जन करने के लिए बाहर अपने गांव या बनारस गंगा नदी या गया लेकर जाते है लेकिन लॉकडाउन के कारण अस्थि कलश का विसर्जन नहीं हो पा रहा है. जमशेदपुर भुइयांडीह स्थित सुवर्णरेखा घाट के कर्मचारी शशि भूषण महतो ने बताया है कि पिछले 25 दिनों से अस्थि कलश की संख्या बढ़ गई है. लॉकडाउन के कारण लोग विसर्जन के लिए बाहर नहीं ले रहे है. नंबर सिस्टम से अस्थि कलश को रखा गया है कुछ बाहर रखा गया है कुछ कलश अलमीरा में रखे गए है. लॉकडाउन खत्म होने तक इनकी देखभाल की जिम्मेदारी हमारी है. इधर घाट पर आए लोगों का भी यही कहना था कि लॉकडाउन के खत्म होने का इंतजार है, जिसके खत्म होते ही अस्थि कलश को बाहर ले जाकर विसर्जन कर सकेंगे.
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