चिकित्सक ने अपने मरीज को दिया शराब पीने की सलाह वो भी प्रिस्क्रिप्शन पर लिखकर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 5 अप्रैल 2020

चिकित्सक ने अपने मरीज को दिया शराब पीने की सलाह वो भी प्रिस्क्रिप्शन पर लिखकर

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अरुण शाण्डिल्य (बेगूसराय) कोरोना महामारी की वजह से जहाँ पूरे भारत में लॉकडाउन जारी है।इस लॉक डाउन के कारण लोगों को खाने-पीने का सामान मिलने पर आफत है,वहीं एक चिकित्सक ने मरीज के प्रिस्क्रिप्शन पर दारू पीने की सलाह देकर भारी विवाद खडा कर दिया है।जबकि मेडिकल पेशे से जुड़े लोगों ने ही डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन को इस पवित्र पेशे का अपमान करार कर दिया है।

मामला मेघालय का है।
मरीज को दारू पीने की सलाह देने वाला मामला मेघालय में की है।हैरानी की बात ये भी है कि ये सलाह दांत के डॉक्टर ने दिया है।शिलांग के धानकेती इलाके में दांतों का अस्पताल चलाने वाले डॉक्टर बी पुरकायस्था ने अपने एक मरीज को दो बोतल शराब लेने को लिखा है।65 साल का एक मरीज कल डॉक्टर के पास अपना इलाज कराने गया था।डॉक्टर ने बकायदा प्रिस्क्रिप्शन पर दारू पीने की सलाह दे दी है।

प्रिस्क्रिप्शन पर हिदायती तौर पर डॉक्टर ने लिखा कि तीन पैग से ज्यादा नहीं लेना है।
डॉक्टर ने मरीज को दो बोतल शराब देने की सलाह दी है।वहीं प्रिस्क्रिप्शन पर लिखा है कि हर दिन तीन पैग से ज्यादा शराब नहीं लेना है।मरीज को शराब लेने की सलाह देने वाले डॉक्टर बी पुरकायस्था ने मरीज को ये सलाह देने का कारण भी बताया है,डॉक्टर के मुताबिक उनका मरीज शराब लेने का आदि था।लॉकडाउन के कारण शराब नहीं मिल रही है।लिहाज मरीज को नींद नही आ रही है,उसे कई और परेशानियाँ भी हो रही है।अतः मरीज को होते हुए परेशानियों से राहत पाने के लिए डॉ०पुरकायस्था ने मरिज को शराब लेने की सलाह देने को विवश हुआ।

सरकार के द्वारा जारी आदेशों पर हुआ विवाद।
दरअसल में देश भर में लॉकडाउन के बाद दो राज्यों की सरकार ने शराबियों के लिए खास आदेश निकाला था उसमें केरल और मेघालय सरकार का यह आदेश था कि अगर डॉक्टर सलाह दे तो किसी व्यक्ति को शराब की होम डिलेवरी हो सकती है।हालांकि मेघालय सरकार ने दो दिन पहले ही अपने आदेश को वापस भी ले लिया था।लेकिन डॉक्टर ने आदेश वापस लेने के बाद भी मरीज को शराब देने की सलाह दी है।वैसे लॉकडाउन के दौरान शऱाब की बिक्री को लेकर देश के कई राज्यों में बखेड़ा तो खड़ा हुआ है।हरियाणा और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में लॉकडाउन के कई दिनों बाद तक भी शराब की दुकानें खुली हुई थी।शराब की बिक्री पर सरकार की क़ड़ी आलोचना भी हुई।बाद में राज्य सरकारों को खास तौर पर आदेश जारी कर शराब की दुकानों को बंद करवाना पड़ा।शिलांग के डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन पर मेडिकल क्षेत्र में बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया है।डॉक्टरों का कहना है कि कोई चिकित्सक किसी सूरत में अपने मरीज को शराब पीने की सलाह नहीं दे सकता है।ऐसे में शराब से उपचार करने वाले डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाना चाहिये था।वहीं शिलांग में शराब का एक पुनर्वास केंद्र चलाने वालों ने डॉक्टर पुरकायस्था का समर्थन किया है।पुनर्वास केंद्र संचालकों का कहना है कि मरीज की जान बचाने के लिए सीमित मात्रा में शराब पीने की सलाह देना कहीं से गलत नहीं है।ये बात तो शराब व्यवसायी ही कर सकता है।

बीजेपी ने की मेघालय में शराब बिक्री करने की मांग।
मजेदार बात तो ये है कि मेघालय में बीजेपी मांग कर रही है कि लॉकडाउन के दौरान शराब की बिक्री होनी चाहिये।मेघालय बीजेपी के अध्यक्ष अर्नेस्ट मावरी ने मुख्यमंत्री कोर्नाड के संगमा को पत्र लिखा है,जिसमें शराब की दुकानों को खोलने की मांग की गयी है।बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि शराब मेघालय के लोगों के जीने का माध्यम बन गया है।बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष शराब दुकानदारों के संघ के सचिव भी हैं।

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