लॉकडाउन में किसान हो रहे परेशान, नहीं मिल रहा खरीददार, जानवरों को खिला रहे सब्जी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 15 अप्रैल 2020

लॉकडाउन में किसान हो रहे परेशान, नहीं मिल रहा खरीददार, जानवरों को खिला रहे सब्जी

जमशेदपुर से सटे ग्रामीण इलाकों में खेती करने वाले किसानों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण सब्जी नहीं बेच पा रहे हैं.
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जमशेदपुर (आर्यावर्त संवाददाता) : कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन को लेकर जमशेदपुर से सटे ग्रामीण इलाकों में खेती करने वाले किसानों को बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. जमशेदपुर से 25 किलोमीटर दूर पटमदा बोड़ाम के ग्रामीण इलाकों में किसान सब्जी नहीं बेच पा रहे हैं. मौसम के अनुसार, किसान अपने खेत मे अलग-अलग तरह के सब्जी की खेती करते हैं. इस इलाके में बड़ी आबादी सिर्फ खेती पर ही निर्भर है. इन दिनों खेतों में चना, भिंडी, टमाटर और कद्दू का उत्पादन हो रहा है. इन सब्जियों की बिक्री किसानों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. हालत ये है कि इन फसलों को अब पशु खा रहे हैं. खेती पर निर्भर रहकर अपना परिवार चलाने वाले 70 वर्षीय किसान सुनील महतो अपनी भाषा में कहते हैं कि सब्जी तो उगाया, लेकिन कहां बेचेंगे गाड़ी वाला शहर नहीं जाता है और पुलिस कहीं जाने नहीं देती. बता दें कि पटमदा क्षेत्र में अधिकांश ग्रामीण खेती पर निर्भर हैं. सालों भर अपने खेत के उत्पादन को जमशेदपुर शहर में लाकर बेचते हैं. कुछ सामूहिक रूप से अपने उत्पादन को बड़े वाहन के जरिए शहर में लाते हैं. पटमदा के बिडदा गांव के किसान राखाल चंद्र महतो के खेत मे भिंडी का उत्पादन हुआ है, लेकिन उसे खरीदने वाला कोई नहीं है. राखाल नियमित रूप से अपने खेत में आते हैं और हरी सब्जी को देख प्रसन्न तो होते है, लेकिन पल भर में निराशा सामने आ जाती है. राखाल का कहना है कि शहर जाने के लिए गाड़ी वाले ज्यादा पैसा मांगते हैं और खुद सब्जी लेकर शहर जाते हैं तो देर होने पर पुलिस की लाठी के साथ गांव वाले भी गांव में घुसने नहीं देते हैं. अब करें तो क्या करें घर की पूंजी भी खत्म हो रही है.हालांकि किसानों की समस्या की जानकारी मिलने के बाद पटमदा प्रखंड के बीडीओ शंकराचार्य समद ने बताया कि किसानों की इस समस्या के लिए कृषक मित्रों का सर्वे कराकर उन्हें सामूहिक रूप से एक बड़े वाहन के जरिए उनके उत्पादन को शहर भेजने की व्यवस्था की जाएगी, जिससे उन्हें और नुकसान न उठाना पड़े.

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