बिहार : सोशल डिस्टेंसिंग पर बल दिया है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 22 अप्रैल 2020

बिहार : सोशल डिस्टेंसिंग पर बल दिया है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने

मुख्य सचिव ने पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर टू डोर कैंपेन की अघतन स्थिति,राशन कार्डधारियों को दी जा रही 1,000 रूपये की सहायता राशि एवं गेहूं अधिप्राप्ति की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी
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पटना,21 अप्रैल। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अस्वीकृत,लंबित एवं त्रुटिपूर्ण राशन कार्डों के जांचोपरांत सही पाये गये आवेदनों को पहले सहायता राशि उपलब्ध करायी जाय, तत्पश्चात राशन कार्ड निर्गत करने की भी कार्रवाई की जाय। मुख्य सचिव ने पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर डोर टू डोर कैंपेन की अघतन स्थिति,राशन कार्डधारियों को दी जा रही 1,000 रूपये की सहायता राशि एवं गेहूं अधिप्राप्ति की स्थिति के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अस्वीकृत,लंबित एवं त्रुटिपूर्ण राशन कार्डों के जांचोपरांत सही पाये गये आवेदनों को पहले सहायता राशि उपलब्ध करायी जाय, तत्पश्चात राशन कार्ड निर्गत करने की भी कार्रवाई की जाय।साथ ही उन्होंने कहा कि राशन कार्ड विहीन परिवारों का जीविका दीदियों द्वारा चिन्हित सूची के अनुसार चिन्हित परिवारों को राशन कार्ड निर्गत होने का इंतजार किये बिना सहायता राशि एवं अन्य मदद तत्काल उपलब्ध कराया जाय और तत्पश्चात सूची के आधार पर उन्हें राशन कार्ड निर्गत करने की भी कार्रवाई की जाय।  मुख्यमंत्री ने गेहूं अधिप्राप्ति की समीक्षा के क्रम में कहा कि पैक्सों के माध्यम से गेहूं अधिप्राप्ति कार्य तेजी लायी जाय ताकि किसानों को उनके फसल का उचित लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के अंदर चल रहे आपदा राहत केन्द्रों में दिहाड़ी मजदूरों, ठेला वेंडरों,रिक्शा चालकों एवं अन्य जरूरतमंदों को गुणवतापूर्ण भोजन के साथ-साथ बाढ़ राहत शिविरों जैसी सुविधायें-बर्तन,कपड़ा और दूध से लेकर अन्य तमाम सुविधायें भी उपलब्ध करायी जाय। शिविर में खाना बनाने वाले को अलग से पारिश्रमिक देने की व्यवस्था की जाय। उन्होंने कहा कि लोगों की जरूरतों को देखते हुए आवश्यकतानुसार आपदा राहत केन्द्रों की संख्या भी बढ़ायें। उन्होंने कहा कि बिहार के बाहर फंसे लोग बिहार में रह रहे अपने निकट संबंधी एवं परिवार के सदस्यों के लिए परेशान न हों। हम उनका पूरा ध्यान रख रहे हैं। समीक्षा के क्रम में जानकारी दी गयी कि पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर प्रभावित जिलों में कोरोना संदिग्धों की पहचान के लिए डोर टू डोर स्क्रीनिंग चलाया जा रहा है, जिसमें अबतक 36 लाख 14 हजार घरों का सर्वें किया जा चुका है। उसमें से मात्र 1,386 लोगों में सर्दी,खांसी एवं बुखार के सामान्य लक्षण हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि डोर टू डोर स्क्रीनिंग का दायरा भी बढ़ाया जाय। उन्होंने कहा कि इन आंकड़ों से पता चलता है कि लाॅकडाउन का पालन करने से कोरोना संक्रमण से बचाव में काफी मदद मिल रही है, साथ ही अन्य बीमारियों से भी लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लाॅकडाउन का पालन और सोशल डिस्टेंसिंग ही हम सभी को सुरक्षित रखेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जा कि जन वितरण प्रणाली के माध्यम से लोगों में वितरित किया जाना वाला खाघान्न की गुणवता एवं उसकी तौल सही हो। यदि इसमें कोई गड़बड़ी की शिकायत मिलती है तो जिम्मेवार व्यक्तियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाय। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि सोशल मीडिया पर भ्रांति एवं अफवाह फैलाने वाले लोगों से सतर्क एवं सावधान रहें। ऐसे लोगों पर बिहार पुलिस का सोशल मीडिया निगरानी तंत्र न केवल नजर रख रहा है बल्कि उन पर कार्रवाई भी कर ही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि आपलोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ठीक से करेंगे तो आप सबके सहयोग से हम सब इस महामारी पर विजय प्राप्त करने में सफल होंगे। 

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