सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 26 अप्रैल - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 27 अप्रैल 2020

सीहोर (मध्यप्रदेश) की खबर 26 अप्रैल

मजदूरों को विधायक सुदेश राय के प्रयास से मिले सवा करोड़  सब्जी हाथ ठेला चालक फेरी वालों को भी जल्द मिलेगी सौगात 

sehore newsसीहोर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनहितैशी विधायक सुदेश राय के अनुरोध पर श्रम विभाग के माध्यम से जिले के 13 हजार पंजीकृत लॉकडाउन से प्रभावित मजदूरों को 1 करोड़ 30 लाख रूपएं की आर्थिक मदद दी है। विधायक श्री राय के प्रयासों से प्रति मजदूर एक हजार रूपये की राशि मजदूरों के बैंक एकाउंट में पहुंच भी चुकी है।  पार्षदों की मांग पर जनहित में विधायक सुदेश राय ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नगर पालिका परिषद सीहेार में पंजीकृत चार सौ से अधिक सब्जी विक्रेता, हाथ ठेला चालक, फेरी वाले, फुटपाथ पर छोटी दुकाने लगाने वाले नारियल प्रसाद विक्रेता, आईकी्रम बेचने वालों सहित अन्य पंजीकृत नागरिकों को आर्थिक लाभ प्रदान करने की अनुशंसा भी की है। लॉक डाउन से प्रभावित उक्त सभी नागरिकों को जल्द हीं मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा नगर पालिका के माध्यम से मदद उपलब्ध कराई जाएगी। 

हाथठेले वालों के लिए मांगी थी मदद 
विधायक सुदेश राय ने जनहित में लॉक डाउन के प्रारंभिक दिनों में हीे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सीहोर विधानसभा सहित संपूर्ण जिले के लॉक डाउन से प्रभावित मजदूरों छोटे काम धंधा करने वाले आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को आर्थिक सहायता राशि एवं पर्याप्त राशन उपलब्ध कराने की मांग की थी। जिस के बाद प्रभावित पात्र नागरिकों को श्रम विभाग और नगर पालिका के माध्यम से राहत राशि और राशन खाद्य सामग्री का वितरण शुरू हो गया है। 

प्रति मजदूर 1 हजार रूपये की मदद 
जिला श्रम अधिकारी सुश्री प्रियंका वंशीवाल के अनुसार जिले के 13 हजार मजदूर विभाग में पंजीकृत है मुख्यमंत्री के द्वारा लॉक डाउन से बेरोजगार हुए मजदूरों को जीवन यापन करने के लिए आर्थिक मदद के रूप में प्रति मजदूर एक हजार रूपये प्रदान किए गए है। इस में सीहेार विधानसभा क्षेत्र के मजदूर भी बड़ी संख्या में सम्मिलित है। 

उपलब्ध कराएंगे पंजीकृतों को राशन 
नगर पालिका परिषद सीएमओ संदीप श्रीवास्तव के मुताबिक नगर पालिका परिषद सीहेार में पंजीकृत चार सौ से अधिक सब्जी विक्रेता, हाथ ठेला चालक, फेरी वाले, फुटपाथ पर छोटी दुकाने लगाने वाले नारियल प्रसाद विक्रेता, आईकी्रम बेचने वालों सहित अन्य राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत पंजीकृत छोटे दुकानदारों को राहत सामग्री उपलब्ध कराए जाने के निर्देश शासन के द्वारा प्राप्त हुए है। 

पार्षदों ने विधायक का माना आभार 
विधायक श्री राय के द्वारा मजदूरों गरीब हाथ ठेले वालों सब्जी बेचने वालों हम्मालों फेरी वालों को आर्थिक मदद और राशन उपलब्ध कराने पर पार्षद  विजेंद्र परमार,कपिल कुशवाहा, हर्षादिनेश कटारिया, संतोष शाक्य, सुशील ताम्रकार, सांध्या जैन, सौदरा मेवाड़ा, गोपाल बिसोरिया, आकाश रोहित, विरेंद्र सलुजा, आकाश जैन, मुकेश मेवाड़ा, दीपक राठौर सहित हाथ ठेला यूनियन जिलाध्यक्ष विजय गुप्ता, मजदूर नेता दिनेश मालवीय और लाभार्थियोंं ने आभार व्यक्ति किया। 

बेरोजगार मजदूर परिवारों को रोज  भोजन उपलब्ध करा रहे युवा 

sehore news
सीहोर। कोरोना वायरस से भयभीत और लॉक डाउन से प्रभावित ग्रामीण अंचलों के मजदूर परिवारों को शासकीय मदद नहीं पहुंच रहीं है एैसे परिवारों को घर पर पहुंचकर युवासेना से जुड़े कार्यकर्ता प्रवीण यादव के  मार्गदर्शन में भोजन उपलब्ध करा रहे है। युवाओं के द्वारा भोजन वितरण का अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत शहर की गरीब बस्तियों सहित आसपास के गांवों में प्रवीण यादव ,सुनील राय, पियूष राय, आशीष राजपूत ,प्रदीप नगर, हर्ष राय, मोनू राय, रोहित केवट, रवि राय ,गौरव राय ,विकाश धाकड़ ,महेंद्र धाकड़ ,बिक्की मीणा, ओजश सिसोदिया आदि पहुंचकर मानवता की सेवा कर रहे है। 


पिछले 24 घंटों में की गई 196 लोगों की स्क्रीनिंग अभी तक कुल 116 रिपोर्ट निगेटिव आई

स्वास्थ्य विभाग के अमले द्वारा मैदानी स्तर पर ग्राम एवं शहरी वार्डो में निरंतर घर-घर सर्वे कर विदेश से सीहोर जिले में लौटे तथा अन्य जिलों व राज्यों से व्यक्तियों की खोजबीन की जा रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान जिले में अन्य राज्यों व अन्य जिलों से आए हुए करीब 196 व्यक्तियों की पहचान व पता लगाकर उनकी तत्काल स्क्रीनिंग की गई तथा उन्हें होम क्वारेंटाईन किया गया है। सीहोर जिले में अन्य जिलों अथवा राज्यों से लौटे हुए यात्रियों की संख्या अब तक कुल 29950 है। उन्हें होम कोरेंटाईन से संबंधित गाईड लाईन की जानकारी प्रदान कर सख्त हिदायत दी गई है कि होम कोरेंटाइन गाइड लाइन का कड़ाई से पालन करेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुधीर डेहरिया ने जानकारी दी कि जिले में अन्य देशों से सीहोर पहुंचे कुल व्यक्तियों की संख्या 232 है जिनमें से 184 लोगों की अब तक स्क्रीनिंग स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा चुकी है। पिछले 24 घंटों के दौरान 196 ऐसे व्यक्तियों की पहचान की गई जो अन्य राज्यों और अन्य जिलों से लौटे थे इन सभी व्यक्तियों की तत्काल स्क्रीनिंग कर इन्हें 26 अप्रैल को ही होम कोरेंटाईन कर दिया गया है जिले में अब तक होम कोरेंटाईन किए गए व्यक्तियों की संख्या 29950 है। डॉ.डेहरिया ने बताया कि पिछले 24 घंटों के दौरान ऐसे व्यक्ति जो विदेश से सीहोर जिले में नहीं लौटे थे परंतु अन्य जिलों एवं राज्यों से लौटे थे और विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा घर-घर सर्वे के दौरान चिन्हित किए गए। पिछले 24 घंटों में होकोंरेटाईन की अवधि से 271 लोग बाहर आ चुके हैं जबकि अब तक कुल 23831 व्यक्तियों का होम कोरेंटाइन पूर्ण किया जा चुका है। जिले से अब तक 199 सेम्पल जांच के लिए भेजे गए थे जिनमें से 116 की रिपोर्ट अब तक निगेटिव प्राप्त हुई है। रविवार को ही 01 सेम्पल जांच के लिए भोपाल भेजे गए है। 01 सेंपल सहित कुल 79 सेंपलों की रिपोर्ट आना शेष है। आज की स्थिति में हास्पिटल आईसोलेशन में भर्ती मरीजों की संख्या, कोरोना संक्रमण पाजीटिव मरीजों की संख्या शून्य है। वहीं विदेश से आए यात्री जो गृह जिला या निवासरत जिला में वापस नहीं आए उनकी संख्या 48 है। विभाग की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है जिसका संपर्क नंबर 7247704181 है इस नंबर पर बाहर से बाहर से आए हुए व्यक्तियों की जानकारी 24 घंटे दी जा सकती है। वहीं कलेक्ट्रेट कार्यालय में भी 24 घंटे के लिए काल सेंटर बनाया गया है जिसका संपर्क नंबर 07562-226470 है इस नंबर पर संपर्क कर कोविड-19 के संबंध में किसी प्रकार की सलाह ली जा सकती है 24 घंटे संचालित उक्त काल सेंटर में चिकित्सा अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है जिनके द्वारा विदेश, अन्य राज्यों व जिलों से आकर होम कोरेंटाइन किए गए व्यक्तियों को फोनकर  प्रतिदिन फीडबैक लिया जाता है तथा इसकी जानकारी जिला स्तरीय नोडल अधिकारी, संबंधित ब्लाक मेडिकल आफिसर को तत्काल दी जाती है। वहीं जिला चिकित्सालय सीहोर में टेलीमेडिसिन सेंटर स्थापित किया गया है जिसका संपर्क नंबर 07562-401259 है यहां पर टेलीमेडिसिन के संबध में उचित सलाह ली जा सकती है।

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए संचालित गतिविधियों हेतु नोडल अधिकारी बने जिला पंचायत सीईओ श्री विश्वकर्मा

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री अजय गुप्ता द्वारा नोवेल कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए संचालित की जा रही समस्त गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी अपर कलेक्टर श्री विनोद कुमार चतुर्वेदी को बनाया गया था। वर्तमान स्थिति में अपर कलेक्टर श्री विनोद कुमार चतुर्वेदी का स्वयं एवं परिवार का कोरोना सेंपल जांच के लिए भेजा गया है वे उनके परिवार सहित होम क्वांरेटाईन हो गए हैं। कलेक्टर द्वारा तत्कालिक आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए नोवेल कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए संचालित की जा रही समस्त गतिविधियों के समन्वय के लिए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अरुण कुमार विश्वकर्मा को नोडल अधिकारी बनाया गया है।    

संभाग के सभी जिलों द्वारा मान्य किया जाएगा ई- पास

जिलों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति संबंधी ई- पास यदि प्रदेश में 1 जिले के सक्षम प्राधिकारी द्वारा किसी  व्यक्ति या संस्था के पक्ष में जारी किया जाता है तो उसे प्रदेश के अन्य सभी जिलों द्वारा भी स्वीकार किए जाएंगे जो रास्ते में आएंगे। यह निर्देश संभाग में करुणा संक्रमण के दौरान आमजनों को आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता एवं आपूर्ति नियमित रूप से कराने को सुनिश्चित करने हेतु दिए गए हैं। उल्लेखनीय है कि  प्रदेश के समस्त जिलों के थोक व्यापारी संघ परिवहन करता संघ व सब्जी व्यापारी संघ के प्रमुख व्यक्तियों व संबंधित अधिकारियों से चर्चा करने के दौरान यह तथ्य सामने आया कि जिलों में परिवहन कर्ताओं को आवश्यक वस्तुओं के परिवहन में अभी भी पास संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान मध्यप्रदेश शासन गृह मंत्रालय वल्लभ भवन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में जिले के भीतर आवागमन और प्रदेश के 1 जिले से अन्य जिले व राज्य में आवागमन हेतु सक्षम अधिकारी द्वारा पास जारी करने के स्पष्ट निर्देश प्रसारित किए गए हैं तथा यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसे परिवहन कर्ता जिन्हें विभिन्न प्रकार की सामग्रियों को मध्य प्रदेश के एक जिले से दूसरे जिले अथवा अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश में सामग्री लाने अथवा मध्य प्रदेश से सामग्री अन्य राज्यों में ले जाने के लिए परिवहन करना हो तो विशेष रूप से निर्मित पोर्टल पर ई-पास प्राप्त करने हेतु आवेदन कर सकेंगे और सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया जा सकेगा। यही पास प्रदेश के उन सभी जिलों द्वारा भी स्वीकार किए जाएंगे जो परिवहन के दौरान रास्ते में आएंगे।

शासकीय स्कूलों में 1 मई से 7 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश

प्रदेश में समस्त शासकीय स्कूलों में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के लिये 1 मई से 7 जून 2020 तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया है। स्कूल शिक्षा ने पूर्व में जारी आदेश में विद्यार्थियों के लिये 1 मई से 16 जून तक तथा शिक्षकों के लिये 01 मई से 9 जून  तक के लिये ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया था। ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी विद्यालयों द्वारा लॉकडाउन के कारण प्रारंभ की गई ऑनलाइन अध्यापन गतिविधि जारी रखी जा सकती है, प्रारंभ भी की जा सकती है। इसके लिये अभिभावकों तथा छात्रों पर किसी भी प्रकार का दबाव नहीं बनाया जाएगा तथा कोई अतिरिक्त फीस भी नहीं ली जाएगी। ऑनलाइन अध्यापन करा रहे विद्यालय ऐसे सभी विद्यार्थियों के अध्यापन की प्रतिपूर्ति अतिरिक्त कक्षाएँ लगाकर करेंगे, जो परिस्थितिवश ऑनलाईन कक्षाओं में भाग नहीं ले पा रहे हैं।

निजी विद्यालयों को लॉकडाउन में फीस नियमों को शिथिल रखने के निर्देश

राज्य शासन ने प्रदेश के समस्त सी.बी.एस.ई., आई.सी.एस.ई., माध्यमिक शिक्षा मंडल तथा अन्य समस्त बोर्ड से सम्बद्ध गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों को लॉकडाउन अवधि में फीस संबंधी नियमों को शिथिल रखने के निर्देश दिये हैं। इन विद्यालयों से कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2019-20 की 30 जून तक जमा कर सकने वाले बकाया शुल्क के लिये कोई विलंब शुल्क नहीं लें। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिये आगामी आदेश तक कोई शुल्क वृद्धि नहीं करें। पालकों को फीस की एकमुश्त अदायगी के लिये बाध्य नहीं करें। शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार निजी विद्यालयों द्वारा पालकों की सुविधानुसार मासिक रूप से अथवा न्यूनतम 4 किश्तों में फीस ली जा सकेगी। फीस जमा न किये जाने के कारण किसी विद्यार्थी का नाम विद्यालय से नहीं काटा जायेगा। आर्थिक कठिनाइयों के कारण पालकों द्वारा आपदा अवधि में शुल्क को स्थगित किये जाने का अनुरोध किये जाने पर विद्यालय फीस स्थगित कर शुल्क को आगामी महीनों में किश्तों के आधार पर समायोजित करेंगे। निजी विद्यालयों द्वारा लॉक डाउन अथवा ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान ऑनलाइन अध्यापन गतिविधियाँ प्रारंभ की गई हैं। निर्देशों में कहा गया है कि विद्यालय ऐसी गतिविधियाँ जारी रख सकेंगे। इसके लिये विद्यार्थियों से अतिरिक्त फीस नहीं ली जायेगी। सभी निजी विद्यालय अपने शैक्षणिक एवं गैर-शैक्षणिक स्टॉफ को नियमित रूप से वेतन का भुगतान करेंगे। निजी विद्यालय किसी भी स्थिति में संबंधित बोर्ड की पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकों को खरीदने के लिये पालकों को बाध्य नहीं करेंगे।

किसान अपनी उपज सरलता से विक्रय कर सकेंगे

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये कृषि उपज मंडी समितियों में किसानों की उपस्थिति कम से कम रखने के उद्देश्य से कृषि उपज क्रय-विक्रय प्रक्रिया का शासन द्वारा सरलीकरण किया गया है। किसान को उसके घर से ही उपज विक्रय के विकल्प प्रदान कर संकट की इस घड़ी में किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिये शासन दृढ़ संकल्पित है।प्रायवेट खरीदी केन्द्र मंडियों में क्रय-विक्रय के अलावा प्रायवेट खरीदी केन्द्र भी खोले गये हैं। कोई भी व्यक्ति, फर्म, संस्था अथवा प्र-संस्करणकर्ता संबंधित मंडी में 500 रूपये देकर अनुमति ले सकता है। यदि वह मंडी लायसेंसी है, तो अलग से प्रतिभूति जमा करने की आवश्यकता नहीं है, किन्तु लायसेंसी नहीं है तो उसे एक दिन की खरीदी का घोषणा-पत्र देकर प्रतिभूति जमा करना होगी। प्रतिभूति नगद, बैंक ड्राफ्ट, चौक, आरटीजीएस, एनईएफटी, बैंक गारंटी के रूप में दे सकता है। प्रायवेट खरीदी केन्द्र पर पर्याप्त खुला स्थान होना चाहिये ताकि सोशल डिस्टेंसिंग तथा कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये शासन द्वारा जारी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जा सके। सौदा-पत्रक के माध्यम से क्रय-विक्रय शासन द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार जो किसान किसी कारण से मंडी में अपनी उपज नहीं ला सकते हैं, वो अपनी उपज का नमूना मण्डी में लाकर उसके आधार पर घोष विक्रय करा सकेंगे। मंडी के बाहर स्वीकृत खरीदी केन्द्र में सीधे विक्रय कर सकते हैं। मंडी प्रांगण के बाहर किसान एवं व्यापारी आपसी सहमति से भी उपज का क्रय-विक्रय कर सकते हैं। इसका रिकार्ड कृषि उपज मंडी संधारित करेगी। व्यापारी द्वारा किसानों को भुगतान किये जाने के बाद ही उपज का परिवहन किया जाएगा। ई-नाम पोर्टल तथा मार्कफेड एग्री बाजार से क्रय-विक्रय मंडी के ई-नाम पोर्टल पर किसान अपना पंजीयन करा के उपज की फोटो तथा गुणवत्ता की जानकारी अपलोड करेंगे। रजिस्टर्ड व्यापारी को विक्रय प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद किसान की सहमति होने पर उपज का ऑनलाइन विक्रय किया जाएगा। किसान रजिस्टर्ड एफपीओ के माध्यम से भी ई-नाम पोर्टल पर उपज की जानकारी भरकर विक्रय कर सकते हैं। प्रदेश में मार्कफेड द्वारा कृषि उपज बेचने के लिये ‘मार्कफेड एग्री बाजार’ मॉडल तैयार किया गया है। इसमें सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से कृषि उपज बेची जा सकती है।    

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