बिहार : मातृ दिवस पर बेटी पोती के सहयोग से माँ ने काटी केक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 12 मई 2020

बिहार : मातृ दिवस पर बेटी पोती के सहयोग से माँ ने काटी केक

mothers-day-bihar
अरुण शाण्डिल्य (बेगूसराय) कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर जहाँ पूरे देश में लॉक डाउन की स्थिति बनी हुई है उसमें भी बिहार प्रान्त के नगर बेगूसराय में धारा 144 लागू होने के कारण 7 बजे के बाद बाजार बन्द यानी मार्केट जाना संदया 5/6 बजे के बाद काफी मुश्किल है कार्य है,बेटियों के जिद्द पर भी पापा बाजार से उपहार के किसी सामानों के साथ  केक आदि लाकर देने में अपनी असमर्थता दिखाई तो बेटी ने घर में ही केक बनाकर यानी 10 मई 2020 को देर रात्रि तकरीबन 10:30 बजे सभी बच्चे अपनी माँ और दादी से केक कटवाकर मातृदिवस की खुशियाँ मनाई।इस मातृदिवस पर कल एक साथ ज्योतिषाचार्य अरुण शाण्डिल्य के घर तीन मातायें,दो बहुयें व एक सासु माँ अपने बहु के साथ केक काटकर बहुओं को आशीर्वाद दीं।शिवांशी शाण्डिल्य तो मातृ दिवस पर अपने माँ को घर का भी कोई काम नहीं करने दी सुबह से लेकर रात्रि तक के चाय से लेकर भोजन तक भी खुद ही बनाई। सारा काम खुद करते हुए केक भी बनाई।इस कार्य में अनामिका (झुना) अभिलाषा (सन्नो)वैष्णवी (चुनमुन) सभी बहनें साथ मिलकर मातृदिवस हर्षोल्लास के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सफलता पूर्वक मनाई।केक काटने में शामिल सासु माँ शशिकला देवी बहु इन्दु देवी और रेखा देवी शामिल थीं।इसके साथ ही दोनो पोता शान्तनु उर्फ सोनू और शिवम राज के साथ माता शशिकला देवी के चार पुत्र अरुण,अजय,विजय एवं सबसे छोटे पुत्र मनोज भी इस खुशी में शामिल हुए और सभी अपनी अपनी माताश्री को  उपहार देते हुए आशीर्वाद प्राप्त किया।इस तरह लॉक डाउन की स्थिति में भी सम्पन्न हुआ मातृदिवस बेटी और पोतियों के सहयोग से।सही मायने में गर देखा जाय तो बेटी वाकई घर की लक्ष्मी ही हैं।  

कोई टिप्पणी नहीं: