बिहार : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव बने प्रत्यय अमृत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 27 जुलाई 2020

बिहार : स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव बने प्रत्यय अमृत

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पटना. बिहार में प्रतिदिन गहराते जा रहे कोरोना के खतरे. कोरोना काल के बीच में ही नीतीश सरकार ने एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को बदल दिया है. सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार हटाये गये.अभी उदय सिंह कुमावत को किनारे कर दिया गया.  सरकार के बेहद खास माने जाने वाले अधिकारी प्रत्यय अमृत को स्वास्थ्य विभाग का प्रधान सचिव बनाया गया है. भारत में केवल प्रत्यय अमृत आईएएस अधिकारी थे जिनको भारत सरकार ने सार्वजनिक प्रशासन में प्रधान मंत्री के उत्कृष्टता पुरस्कार के लिए व्यक्तिगत श्रेणी में 2011 में चुना था.  दरअसल दो दिन पहले शनिवार को कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के मौजूदा प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत की लापरवाही का मामला उठा था. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शिकायत की थी कि प्रधान सचिव उनकी ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के निर्देश को भी नहीं मान रहे हैं. स्वास्थ्य सचिव लगातार कोरोना से जुड़े मामलों में फैसले लेने में देर कर रहे हैं जिससे स्थिति खऱाब होती जा रही है.स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हत्थे से उखड गये थे. उन्होंने कैबिनेट मीटिंग के दौरान ही प्रधान सचिव की जमकर खबर ली थी. इसके बाद जब उन्होंने विभाग की समीक्षा की तो कई लापरवाही सामने आयी. तभी स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को हटाने का फैसला लिया गया था.बिहार में कोरोना टेस्टिंग को लेकर कई बार सवाल उठ रहे थे. सीएम प्रत्येक दिन 20 हजार जांच को मिशन बनाने का निर्देश दिया था. लेकिन जांच का लक्ष्य पूरा नहीं करने से भी सीएम नाराज चल रहे थे. हालांकि सरकार की ये कवायद अपनी नाकामी पर पर्दा डालने की ही कोशिश लग रही है. सरकार ने इससे पहले कोरोना के विस्फोट के दौरान ही स्वास्थ्य विभाग के सुपर एक्टिव प्रधान सचिव संजय कुमार को हटा दिया था. संजय कुमार पर कोई आरोप नहीं था और उनके काम की चारो ओर से तारीफ हो रही थी. लेकिन सरकार को उनका काम पसंद नहीं आया और कोरोना से जंग के बीच सेनापति को बदल दिया गया. संजय कुमार के हटने के बाद स्वास्थ्य विभाग का कामकाज लगातार बिगडता गया. उदय सिंह कुमावत को हटाने को लेकर आईएमए ने भी सीएम को पत्र लिखा था.आईएमए के सचिव डॉ. सुनील कुमार और वरीय उपाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने सोमवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि संजय कुमार के रहते हुए बिहार में कोरोना के हालात नियंत्रण में थे, लेकिन उदय सिंह के आने के बाद स्थिति खराब होती जा रही है. संगठन के पदाधिकारियों ने बिहार के अस्पतालों के हालात और अन्य मामलों की तरफ इशारा करते हुए कहा था कि पहले जहां कोरोना से जुड़े डाटा सही आ रहे थे, अस्पतालों की मॉनिटरिंग की जा रही थी. वहीं अब हर जगह हालत खराब है. न तो सचिव किसी से संवाद करते हैं और न राय देते हैं. कुमावत की शिकायत करते हुए कहा गया था कि इनके व्यवहार से बिहार के डॉक्टरों में असंतोष हैं. अगर समय रहते नहीं हटाया गया तो डॉक्टर में काफी रोष उत्पन्न हो जाएगा.अपने पदस्थापना के दिन से ही कुमावत चर्चा में थे. लगातार सीएम के पास इनके खिलाफ शिकायतें पहुंच रही थी. जिसको देखते हुए सीएम नीतीश ने यह फैसला लिया.

कौन हैं नवनियुक्त प्रधान सचिव
नवनियुक्त प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत गोपालगंज जिला के हथुआ सब डिविजन के भरतपुरा गांव का निवासी हैं. उनका जन्म 07 जुलाई 1967 को हुआ.गोपालगंज के रहने वाले हैं.उनका विवाह रत्ना के साथ 1993 में हुआ.एक पुत्र और पुत्री हैं. अमृत के पिता रिपुसूदन श्रीवास्तव एक कॉलेज शिक्षक थे पूर्व कुलपति, जबकि उनकी मां कविता वर्मा भी एक व्याख्याता थीं.उनकी एक बहन है, प्रज्ञा रिचा जो आईपीएस हैं, मध्यप्रदेश में एडीजीपी पद पर कार्यरत हैं. बड़ा भाई प्रतीक प्रियदर्शी भारतीय एलाइड सेवा में चयनित होने के बाद बीमा क्षेत्र में अधिकारी रहे.प्रत्यय ने सेंट स्टीफ़न कॉलेज, दिल्ली से स्नातक की उपाधि प्राप्त की.उन्होंने प्राचीन इतिहास में स्नातकोत्तर किया और दिल्ली विश्वविद्यालय में शीर्ष स्थान पर रहे.अमृत को श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, नई दिल्ली में एक व्याख्याता का काम पेश किया गया था.बाद में, अमृत ने अपने दूसरे प्रयास में आईएएस स्थिति में इतिहास और मनोविज्ञान के साथ यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षाओं को मंजूरी दे दी.  प्रत्यय बिहार कैडर के 1991 के बैच आईएएस अधिकारी हैं.उन्होंने जिला अस्पताल के लिए कटिहार के डीएम के रूप में सार्वजनिक-निजी साझेदारी लागू की. उन्होंने छपरा के डीएम के रूप में सिनेमाघरों में सीसीटीवी स्थापित करने के लिए अनिवार्य बनाकर प्रसिद्ध सोनपुर मेला में शो को धुंधला करने का अंत किया.प्रत्याय ने दुमका (अब झारखंड में) में आईएएस परिवीक्षा के दौरान एक जनजातीय संथाली भाषा को सीखा.अमृत ने सिमडेगा में उप-मंडल मजिस्ट्रेट में दूर-दराज वाले गांवों में जुआ रैकेट को फेंक दिया.अमृत नवंबर 2001 से अप्रैल 2006 तक नई दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे, लेकिन उन्होंने बिहार में निर्धारित समय सीमा से पहले छह महीने पहले इसे काट लिये.

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