बिहार : अजूबा धरना में गंगा आंदोलन के नेता गुड्डू बाबा आए. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 22 अगस्त 2020

बिहार : अजूबा धरना में गंगा आंदोलन के नेता गुड्डू बाबा आए.

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मझौलिया,22 अगस्त। पश्चिमी चम्पारण में है मझौलिया चीनी मिल और मझौलिया एथेनॉल प्लांट। इसके द्वारा  बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलाया जा रहा है।उसके खिलाफ लोग गोलबद्ध हो रहे हैं। जो मिल और प्लांट का प्रदूषित पानी था वह अलग-अलग रसायनिक पदार्थ और तेजाब के रूप में अत्यधिक मात्रा में पानी बह कर वह आसपास के खेतों में पसर जाता है जिससे खेतों के फसल को भारी मात्रा में नुकसान होता है। इसी खेत में बैठकर धरना प्रदर्शन किया गया।इस अजूबा धरना प्रदर्शन में पटना से गंगा आंदोलन के नेता विकास चन्द्र उर्फ गुड्डू बाबा आए थे। पटना में गंगा आंदोलन चलाने वाले नेता विकास चन्द्र उर्फ गुड्डू बाबा ने कहा कि इस आंदोलन को अंतिम मुकाम तक पहुंचाना होगा। बिहार सरकार और उनके नौकरशाहों को याद है कि जो कार्य फकीर गुड्डू बाबा लेते हैं,उसको पूरा करके ही मानते हैं। गंगा को प्रदुषण मुक्त करने का अभियान चलाया।अब यह अभियान सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए ‘नमामि गंगे’ नामक एक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया है।अगर आवेदन देकर बातचीत करने से मसला हल नहीं होता है, तो उसे जनहित मामला बनाकर माननीय पटना उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की जाती है।अबतक हजारों की संख्या में जनहित याचिका दायर की जा चुकी है।उसका सकारात्मक परिणाम भी सामने आया है। उन्होंने मझौलिया चीनी मिल और मझौलिया एथेनॉल प्लांट से आग्रह किया कि किसानों का बकाया पैसा जल्द ही दे दें।वहीं प्रदुषित पानी को ट्रीटमेंट प्लांट से सफाई करने की व्यवस्था करें।ऐसा नहीं करने से बड़ा जनांदोलन झेलने के लिए तैयार रहे। मझौलिया मिल के 15 किलोमीटर की परिधि में रहने वाले लोग परेशान है। खेत की मिट्टी खराब हो गयी। खेत की उर्वरा शक्ति कम होने से खेतों के फसल को भारी मात्रा में नुकसान हो रहा  है।वहीं जो तीस फीट पर पानी निकल जाता था वह अभी 200 फीट पाइप गाढ़ने के बाद भी नहीं निकल रहा है।अगर निकलता भी है तो प्रदूषित पानी पीकर लोग अक्सर बीमार हो रहे हैं। मझौलिया मिल के 15 किलोमीटर की परिधि में रहने वाले स्थानीय लोगों ने युवा नेता मनीष कश्यप को बुलाकर अपनी समस्याओं को बताया। तब मनीष कश्यप ने मझौलिया चीनी मिल और मझौलिया एथेनॉल प्लांट को 20 अगस्त तक का समय दिया। किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान करें और मिल से निकलने वाला रसायनिक प्रदूषित पानी को रोके। वरना 21 तारीख से मिल गेट में ताला लगाकर अनिश्चितकालीन तक धरने पर बैठेंगे। इस अल्टीमेटम के आलोक में मझौलिया चीनी मिल और मझौलिया एथेनॉल प्लांट ने भारी संख्या में पुलिस बल तैनात करा दिये। इसके आलोक में खेत में बैठकर धरना प्रदर्शन किया गया।

इस संदर्भ में सुगौली के समाजसेवी सुजीत रमन ने कहा कि सरकार किसानों का आय दोगुना करने की बात कर रही है और यहां स्थानीय नेता और मिल की मिलीभगत के कारण किसान मर रहे हैं। आज के सांकेतिक विरोध में मझौलिया के आसपास के गांव के किसान,महिलाएं और स्थानीय ग्रामीण नेता शामिल हुए और सबने एक सुर में कहा “मिल हम गरीब किसानों को चैन से जीने दो”।इस सांकेतिक विरोध प्रदर्शन में राजन कुमार, निपुन पाण्डेय, गोविंद बैठा, शत्रुधन बैठा, शम्भू यादव, बिशेषर बैठा, भिखारी यादव, देवानंद पासवान, भिखारी गिरी, राजू गिरी, रमेश कुशवाहा, महिंद्र पटेल, सतन गिरी आदि अनेकों ग्रामीण शामिल हुए। इस बीच प्रदूषण मझौलिया चीनी मिल के इथनॉल प्लांट की  जांच की गई। जांच बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय पदाधिकारी अनिल कुमार ने की। इस दौरान उन्होंने इथनॉल प्लांट और चीनी मिल परिसर का जायजा लिया। इसके अलावा चीनी मिल से निकलने वाले गंदा पानी निकासी नाला का भी निरीक्षण किया। जांच अधिकारी ने मोतीलाल उच्च विद्यालय मझौलिया के प्रधानाध्यापक मोहम्मद शिवली से प्रधानाध्यापक कक्ष में शिकायत के बारे में गहन पूछताछ की। अधिकारियों ने जांच के दौरान कहा कि गंदे पानी की निकासी का नाला अधूरा है। अभी भी कचरा फैला हुआ है। साथ ही उचित मात्रा में पेड़ों की रोपाई नहीं की गई है, जो मानक के विपरीत है। जांच दल ने उपस्थित मिल अधिकारियों से मानक के अनुरूप पर्यावरण को सुरक्षित रखने एवं अप टू मार्क करने का निर्देश दिया। मौके पर लोक आयुक्त पटना, चीनी मिल के गन्ना महाप्रबंधक जेपी त्रिपाठी, जीएम टेक्निकल विजय कुमार दीक्षित, सचिन कुमार, गन्ना प्रबंधक सुधीर कुमार सिंह आदि उपस्थित रहे। इधर जांच अधिकारी श्री कुमार ने बताया कि बोर्ड के निर्देश पर यहां के इथनॉल प्लांट की जांच की गई है। जांच रिपोर्ट बोर्ड के वरीय अधिकारी को सौंपी जाएगी।इस प्लांट के ट्रीटमेंट प्लांट की बेहतर व्यवस्था नहीं होने के कारण एवं इससे प्रदूषण फैलने को लेकर इसे बंद करने का आदेश दिया गया था। इस संबंध में बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पटना के अध्यक्ष डा. अशोक कुमार घोष ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर इस प्लांट को बंद करने का निर्देश दिया था। इसके आलोक में यह इथनॉल प्लांट एक माह से बंद है। इधर बोर्ड के निर्देश पर इस प्लांट की जांच की गई।

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