बेतिया : बैंक खाता में संचित एवं अव्यवहृत राशि को राज्य के समेकित निधि में जमा करने का निर्देश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 2 सितंबर 2020

बेतिया : बैंक खाता में संचित एवं अव्यवहृत राशि को राज्य के समेकित निधि में जमा करने का निर्देश

सभी कार्यालय प्रधान कैशबुक रखें अपडेट एवं अनावश्यक बैंक खाते को अविलंब कराये बंद : जिलाधिकारी
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बेतिया,03 सितम्बर। जिले के सभी सरकारी कार्यालयों/विभागों में वितीय अनुशासन बनाये रखने के उद्देश्य से आज जिलाधिकारी कार्यालय प्रकोष्ठ में आज एक आवश्यक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गयी। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी, श्री कुंदन कुमार द्वारा वित्त विभाग द्वारा वितीय अनुशासन बनाये रखने के लिए जारी गाइड लाइन का अक्षरशः अनुपालन करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी कार्यालय प्रधान यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके यहाँ किसी भी प्रकार का अनावश्यक बैंक खाता संचालित नहीं हो। इस संदर्भ में पूर्व में भी कई बार निर्देश दिया जा चुका है, बावजूद इसके अभी भी कुछ कार्यालय प्रधान द्वारा अनावश्यक बैंक खातों को बंद नहीं कराया गया है। वित्त विभाग द्वारा जारी निर्देश के आलोक में अविलंब अनावश्यक बैंक खातों को बंद कराया जाना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही कार्यालयों के कैश बुक का संधारण हमेशा अपडेट रहना चाहिए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही एवं कोताही बरतने वाले निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बैंक में जमा राशि एवं कैश बुक में व्यय राशि का मिलान बैंक स्टेटमेंट निकालकर नियमित रूप से किया जाय। बैंक स्टेटमेंट से राशि मिलान करने के उपरांत अगर कहीं वितीय गड़बड़ी सामने आता है तो उसका निष्पादन तुरंत किया जाय। 



समीक्षा के दौरान वरीय कोषागार पदाधिकारी, बेतिया द्वारा बताया गया कि प्रधान सचिव, वित्त विभाग से प्राप्त निर्देश के आलोक में अबतक कुल 222 निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों में से कुल 129 निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों द्वारा संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध करा दिया गया है। 129 निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों द्वारा लगभग 36 करोड़ की अव्यवहृत राशि सरकारी खजाने में जमा करा दी गयी है। शेष 93 निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों को अबतक प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं करने तथा वित्त विभाग के निर्देशों का अनुपालन नहीं करने के कारण अव्यवहृत राशि अबतक सरकारी खजाने में जमा नहीं कराई जा सकी है। जिलाधिकारी द्वारा इसे अत्यंत गंभीरता से लेते हुए प्रतिवेदन समर्पित नहीं करने वाले 93 निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों को शोकॉज करते हुए वित्त विभाग से प्राप्त निर्देश के आलोक में कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश वरीय कोषागार पदाधिकारी को दिया गया है। साथ ही जिले के जिन निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों द्वारा अव्यवहृत राशि सरकारी खजाने में जमा नहीं कराई गई है तथा अनावश्यक बैंक खाता का संचालन अभी भी किया जा रहा है, उनके नजारत की वृहद जाँच जिलास्तरीय जाँच दल द्वारा कराने का निर्देश दिया गया है। जाँच के क्रम में गड़बड़ी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।  इस अवसर पर वरीय कोषागार पदाधिकारी, श्री श्यामाकांत मेहरा, निदेशक, डीआरडीए, श्री राजेश कुमार, वरीय उप समाहर्ता सह जिला नजारत प्रभारी पदाधिकारी, श्री रवि प्रकाश आदि उपस्थित रहे।

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