- डबल बुलडोजर की सरकार को सत्ता से बेदखल करने का निर्णायक अवसर: दीपंकर भट्टाचार्य
भूमि सुधार व कृषि सुधार पर जोर, रोजगान्मुख औद्योगिक विकास व बंद पड़े सरकारी मिलों को चालू करना प्राथमिकता में

मुख्य विन्दु
डी बंदोपाध्याय आयोगों की अनुशंसाओं के आलोक में सीलिंग की जमीन घटाना, कानून का सख्ती से पालन, भूदान समितियों की पुनर्स्थापना, बटाईदारों का पंजीकरण, किसानी का हक, बिना आवास वाले परिवार को 10 डिसमिल आवासीय जमीन
कृषि में सरकारी निवेश पर जोर, सस्ते लोन, नए कृषि विश्विद्यालय, हर पंचायत में खरीद केंद्र की गारंटी
बन्द पड़े मिलों व सरकारी इलाके की बीमार इकाइयों को फिर से आरम्भ करना
रोजगारनन्मुख औद्योगिक विकास पर जोर और अन्य छोटे-मध्यम उद्योगों पर विकास
बेरोजगारी भत्ता का प्रावधान, सभी रिक्त पड़े सरकारी पदों पर अविलंब बहाली
मनरेगा में प्रति परिवार की बजाए प्रति व्यक्ति 200 दिन काम और न्यूनतम मजदूरी की गारंटी
शहरी रोजगार गारंटी कानून पारित कर उसके तहत 300 दिन का काम और न्यूनतम जीवनयापन लायक मजदूरी की गारंटी
कोविड-19 के दौर में विकेन्द्रित शहरी योजना बने जिसके तहत राज्य सरकार ‘जाॅब स्टाम्प’ जारी करेगी और उन्हें अनुमोदित संस्थाओं में वितरित करेगी, नियोक्ता द्वारा जारी जाॅब स्टाम्प दिखाकर मजदूरी का भुगतान सीधा श्रमिकों के खाते में किया जाएगा
पलायन पर रोक
शिक्षा के निजीकरण पर रोक
सरकारी स्कूलों में बेहतर शिक्षा की व्यवस्था, आरटीआई लागू करना
स्वास्थ्य सरकारी खर्च बहुत कम. रोगियों पर खर्च नहीं. 80 प्रतिशत से ज्यादा निजी खर्च हो रहा है, जांच-दवाई मुफ्त में देने की व्यवस्था, इन्फ्रास्ट्रक्चर ठीक होना चाहिए, पीएचसी की संख्या बढ़े, मुहल्ला क्लीनिक बननी चाहिए
आशा कार्यकर्ताओं को सम्मान और वेतनमान तय हो
आशा की तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में उषा का गठन
साम्प्रदयिक नफरत, दंगे - को रोकने के लिए जो भी कानून बने हैं, उनपर ठीक अमल होना चाहिए, प्रशासन को जिम्मेवार बनाना
सभी शेल्टर होम, वृद्धाश्रम, जुबेनाइल शेल्टर का लेखा-जोखा
वृद्धावस्था पेंशन के नाम पर भीख नहीं, कम से कम 3000 रु.
बच्चों व ट्रांसजेंडर के सवालों पर संवेदनशील रूख
शासन के लोकतंत्रीकरण पर जोर, संविधान का राज्य कायम करना, जेलों में बंद विचारधीन कैदियों की रिहाई, यूपपीए पर रोक
संस्कृति, भाषा, पर्यटन पर विशेष ध्यान
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