झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 06 नवम्बर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 6 नवंबर 2020

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 06 नवम्बर

विधायक कांतिलाल भूरिया ने किया सोसाईटी का औचक निरीक्षण -सुनी किसानों की समस्या उच्चाधिकारीयों से फोन पर चर्चा कर कहा जल्द समस्याओं का हल हो किसानों को मांग अनुसार मिले खाद् ।

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झाबुआ निप्र 6 नवम्बर/ जिले में किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मिले किसी भी प्रकार से खाद की कालाबाजारी नहीं की जावे । वर्तमान में किसानों को यूरिया एवं अन्य खाद की अत्यन्त आवश्यकता है किन्तु जिले में सहकारी संस्थाओं को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है। किसान दर दर भटक रहे है। उक्त बात झाबुआ कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने कही है। क्षेत्रीय विधायक कांतिलाल भूरिया ने जिले में खाद की कमी एवं कालाबाजारी की अनेक शिकायत प्राप्त होने पर श्री कांतिलाल भूरिया अपने विधान सभा क्षेत्र की कल्याणपुरा, भगोर, अन्तरवेलिया आदि क्षेत्र का भ्रमण किया एवं ग्रामीणों से रूबरू हुए तथा सोसाईटीयों का औचक निरीक्षण किया। श्री भूरिया ने ग्रामीणों एवं किसानों की समस्याओं से उच्चाधिकारीयों को फोन पर चर्चा कर अवगत कराया तथा जल्द ही इन समस्याओं का कृत निराकरण करने की मांग की हैं । श्री भूरिया ने क्षेत्र में सहकारी अधिकारीयों से भी चर्चा की एवं खाद्वान्न एवं खाद की विस्तृत जानकारी प्राप्त की साथ स्टाक एवं किसानों को प्रदान किये गये सामग्री की जानकारी भी ली, साथ ही निर्देश भी दिये कि किसी स्थिति में खराब गेहूं चावल का वितरण ग्रामीणों को नहीं किया जावें और यदि कोई सोसाईटी वाला करता हुआ पाया जावे तो उसकी सूचना मुझे व जिला प्रशासन को तत्काल अवगत करावें । श्री भूरिया ने किसानों की खाद्य की समस्या का समाधान किसानों के साथ सड़क पर उत्तर कर आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। श्री भूरिया ने आरोप लगाया कि झाबुआ तहसील में सौ टन यूरिया की आवश्यकता है, परन्तु यहां पूर्ति नहीं हो पा रही है, कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री केवल झूटे दावे कर जनता एवं किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। श्री भूरिया ने कहा कि सोसाईटियों में किसानों को खाद एवं यूरिया नहीं मिल पा रहा है। जिन किसानों के पास पंन्द्रह बीगा जमीन है उन किसानों को भी मात्र दो बोरी देने की बात कही जा रही है इससे किसानों की पूर्ति कैसे होगी किसानों को बाजार से अधिक दामों में गुणवता विहिन खाद खरीदना पड़ा रहा है। सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं लगता है भाजपा सरकार खाद माफियों के साथ मिली भगत हैं । श्री भूरिया के साथ ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष कानाजी गुण्डिया पिटोल, श्री शंकरसिंह हटिला सरपंच कल्याणपुरा, ठा. रविन्द्रसिंह राठौर, सुनिल भूरिया सचिव अल्पसंख्यक प्रकोष्ट उमेष चैहान,  सान्तु मावी, ललित शर्मा, जय मुणिया, राकेश घोड़ावत, प्रताप बुन्देला कन्हैयालाल सोलंकी सहित आदि बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे।


गौ-सरंक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय गौ-सेवा संघ की सराहनीय पहल, 1111 गौबर से निर्मित दीपक बनाकर मंदिरों के व्यवस्थापकों और निर्धन वर्ग के परिवारजनों को 7 नवंबर को होगा वितरण

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झाबुआ। गौ-संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करते हुए राष्ट्रीय गौ-सेवा संघ द्वारा आगामी धनतेरस, दीपावली, नूतन वर्ष एवं गाय-गौहरी जैसे पर्वों पर लोगों द्वारा अपने घरांे, प्रतिष्ठानों और आॅफिसों  में गौबर से निर्मित दीपक प्रज्जवलित किए जाए, इस हेतु संपूर्ण देष में गौबर से निर्मित 1 करोड़ दीपक वितरण का लक्ष्य आरजीएसएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेष मानििसंहका, राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिलीप धनराज गुप्ता एवं राष्ट्रीय सरंक्षक श्रीश्री कृष्णानंदजी महाराज के मार्गदर्षन मंे रखा गया है। इसी क्रम में संघ के प्रदेष अध्यक्ष पवन दुबे के मार्गदर्षन में झाबुआ जिले में आरजीएसएस की जिला इकाई द्वारा गौबर से निर्मित 1111 दीपकों का वितरण किया जाएगा। संपूर्ण कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आरजीएससएस के वरिष्ठ मार्गदर्षक राकेष शाह एवं जिलाध्यक्ष राजेष चैहान ने बताया कि 7 नवंबर, शनिवार को संघ के प्रदेष अध्यक्ष श्री दुबे के निर्देष पर सुबह 9 बजे आरजीएसएस के पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा स्थानीय लक्ष्मीनगर स्थित सद्गुरू गौषाला में गौ-माताआंे को पौष्टीक आहार करवाने के बाद 10 बजे से स्थानीय काॅलेज मार्ग स्थित प्राचीन जगदीष मंदिर पर दीप वितरण कार्यक्रम रखा गया है। यह दीप आरजीएसएस की महिला इकाई की सेवाभावी सदस्या योगिता पाठक एवं उनकी टीम द्वारा तैयार किए गए है। गौबर और अन्य सामग्रीयां का उपयोग कर कुल 1111 दीपकों का निर्माण किया गया है, ताकि गौ-सरंक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा मिलने के साथ पर्यावरण के क्षेत्र में भी यह उपयोगी साबित हो सके।

मंदिरांे के व्यवस्थापक और निर्धन परिवारों को घर जाकर होगा वितरण

मार्गदर्षक श्री शाह एवं जिलाध्यक्ष श्री चैहान ने आगे बताया कि दीपक वितरण कार्यक्रम मंे अतिथि के रूप में जिला दहेज सलाहकार बोर्ड (डीपीए) के अध्यक्ष एवं जिला बाल कल्याण समिति के वरिष्ठ सदस्य यषवंत भंडारी, रोटरी मंडल 3040 के पूर्व सहायक मंडलाध्यक्ष एवं वरिष्ठ समाजसेवी अजय रामावत, सकल व्यापारी संघ अध्यक्ष नीरजसिंह राठौर एवं संकल्प ग्रुप तथा संकल्प अभिव्यक्ति मंच की प्रमुख श्रीमती भारती सोनी उपस्थित रहंेगी। यह दीपक शहर के मंदिरांे में पूजारियों और व्यवस्थापकों को वितरण होंगे, ताकि आगामी त्यौहारों पर मंदिरों में गौबर से निर्मित दीपक प्रज्जवलित होने से एक अनूठा संदेष समाज में पहुंच सके। साथ ही शहर के उदयपुरिया क्षेत्र एवं रामदास काॅलोनी में रहने वाले निर्धन वर्ग के परिवारों को भी यह दीपक भंेटकर आगामी त्यौहारांे की शुभकामनाएं प्रेषित की जाएगी।

आयोजन को सफल बनाने की अपील

आरजीएसएस के जिला पदाधिकारी गजराजसिंह चैहान (दादुभाई), रितेष शर्मा, सतीष लाखेरी, जिला मीडिया प्रभारी दौलत गोलानी, जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र व्यास, जिला कार्यकारिणी सदस्य कृष्णा जायसवाल आदि ने आरजीएसएस के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यांे से इस गरिमामय आयोजन में सहभागिता कर आयोजन को भव्य रूप प्रदान करने तथा सफल बनाने की अपील की है।


महाराष्ट्र सरकार द्वारा अर्णब गोस्वामी की गिरपतारी लोकतंत्र के चैथे स्तंभ का गला घोटने जैसी- दौलत भावसार

झाबुआ। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार दौलत भावसार सी सी बी बैंक के पूर्व चेयरमेन गोरसिंह वसुनिया नेता प्रतिपक्ष जुवानसिंह गुंडिया महिला संघ की जिला ध्यक्ष मयुरी चैहान जिला उपाध्यक्ष सुनीता अजनार भाजपा नेत्री सुनीता भुरिया सुनीता पाटीदार राधा वसुुनिया अंकुर पाठक आदि ने महाराष्ट सरकार द्वारा रिपब्लिक भारत के मुखिया अर्णब गोस्वामी की गिरपतारी की घोर निंदा करते हुए इसे गलत कदम बताया है। उक्त घटना को लेकर राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार दौलत भावसार ने बताया कि महाराष्ट सरकार तानाशाही नादिरशाही पर उतारु हो गयी है। वह लोकतंत्र के चैथे स्तंभ का गला घोटने जैसी कार्यवाही अर्णब गोस्वामी को गिरपतार कर कर रही है। महाराष्ट सरकार के उक्त कार्यवाही इंदिरा इज इंडिया का नारा देने वाली इंदिरा गांधी ने सन 1975 मे लगाई आपातकाल जिसमे विपक्ष सहित लोकतंत्र के जुडे चैथे स्तंभ से जुडे लोगो को 19 माह जेल मे डालकर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास करती नजर आ रही है। भावसार ने कहा कि महाराष्ट सरकार की इस षडयंत्रकारी नीति का देश प्रदेश जिला ओर झाबुआ नगर के समस्त पत्रकार ओर नागरिक पूरजोर विरोध करे ऐसा आव्हान किया है।


जिला बाल अधिकार मंच एवं अंर्तराष्ट्रीय मानव अधिकार काउंसिल द्वारा पुष्य नक्षत्र पर 8 नवंबर को स्वर्ण प्रासन्न षिविर का होगा आयोजन, 0-14 वर्ष तक के बच्चें ले सकते है लाभ

झाबुआ। जिला बाल अधिकार मंच एवं अंर्तराष्ट्रीय मानव अधिकार काउंसिल द्वारा मंद एवं कम बुद्धि तीव्रता वाले बच्चों की स्मरण शक्ति में तेजी लाने के लिए पुष्य नक्षत्र के उपलक्ष मंे 8 नवंबर, रविवार को शहर के सज्जन रोड़ पर उत्कृष्ट उमा विद्यालय के समीप न्यू दंत क्लिनिक पर निःषुल्क स्वर्ण प्रासन्न संस्कार षिविर का आयोजन रखा गया है। जानकारी देते हुए आयोजक जिला बाल अधिकार मंच के संयोजक रामप्रसाद वर्मा एवं अंर्तराष्ट्रीय मानव अधिकार काउंसिल के जिला कोषाध्यक्ष रवि बारिया ने बताया कि पुष्य नक्षत्र पर स्वर्ण प्रासन्न संस्कार का विषेष महत्व रहता है। इस संस्कार से बच्चों की मानसिक क्षमता मंे अभिवृद्धि होने के साथ दिमाग की स्मरण शक्ति भी तेज होती है। यह संस्कार 0-14 वर्ष तक के बच्चांे का किया जाना है।

दोपहर 11 से 2 बजे तक होगा आयोजन

षिविर दोपहर 11 से 2 बजे तक चलेगा। जिसमें बच्चों का स्वर्ण प्रासन्न स्थानीय रातीतलाई स्कूल के समीप आयुर्वेदिक हाॅस्पिटल के युवा चिकित्क डाॅ. राकेष खराड़ी (एमडी) एवं दंत चिकित्सक डाॅ. संपना खराड़ी (बीडीएस) द्वारा कर इस दौरान बच्चों के परिजनों को आवष्यक परामर्ष भी दिया जाएगा। षिविर काउंसिल के जिलाध्यक्ष अरूण डामोर के विषेष सहयोग से होगा। जिसमंे दोनो ही संस्थाओं के पदाधिकारी-सदस्यांे से उपस्थित रहने की अपील के साथ 0-14 वर्ष तक के बच्चों को उनके अभिभावकांे द्वारा षिविर स्थल पर अधिकाधिक संख्या में लाकर लाभ लेने की अपील की है।


जिला बाल कल्याण समिति ने जिला चिकित्सालय एवं ट्रामा सेंटर मंे बाल पोषण पुर्नवास केंद्र का किया आकस्मिक निरीक्षण, भर्ती कुपोषित बच्चों की माताओं से चर्चा कर वार्ड के स्टाॅफ को दिए आवष्यक निर्देष

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झाबुआ। जिला बाल कल्याण समिति (न्याय पीठ) झाबुआ के वरिष्ठ सदस्यों यषवंत भंडारी, गोपालसिंह पंवार, ममता तिवारी एवं चेतना सकलेचा ने 5 नवंबर, शुक्रवार को दोपहर ढ़ाई बजे जिला चिकित्सालय एवं ट्रामा सेंटर पहुंचकर यहां अपनी विजीट के तहत आकस्मिक निरीक्षण किया। इस दौरान सीडब्ल्यूसी सदस्यांे ने बाल पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कुपोषित तथा कमजोर बच्चों की स्वास्थ्य स्थिति जानने के बाद उनकी माताओं से भी केंद्र में मिल रहीं सुविधाआंे के बारे में पूछा। बाद केंद्र प्रभारी तथा स्टाॅफ को आवष्यक निर्देष दिए। निरीक्षण अवसर पर जिला बाल अधिकार मंच के संयोजक रामप्रसाद वर्मा भी मौजूद रहे। न्याय पीठ के सदस्यों ने सर्वप्रथम ट्रामा सेंटर में अस्थायी रूप से बनाए गए कुपोषित वार्ड मंे जाकर देखा तो 20 बेड के इस वार्ड में महज 4 ही बच्चें भर्ती थे। इसके साथ ही जिला चिकित्सालय के बने एक अन्य वार्ड में महज 2 बच्चंें भर्ती होने पर नाराजगी जाहिर की। इस दौरान वार्ड में भर्ती बच्चों की माताओं से चर्चा कर बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जानने के बाद शासन स्तर से एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिल रहीं सुविधाओं के बारे में पड़ताल की।

कोविड के कारण बच्चांे की संख्या कम

तत्पष्चात् सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने केंद्र प्रभारी डाॅ. शुभम चतुर्वेदी एवं वार्ड नर्सेस संगीता मेड़ा से बच्चांे की कम संख्या पर बात की तो उन्होंने बताया कि वर्तमान में कोविड के प्रकोप के चलते कुपोषित बच्चांे को लेकर उनकी माताएं कम संख्या में आ रहीं है। कोविड के कारण अधिकांष ऐसे बच्चांे की जांच कर उन्हें सलाह एवं परामर्ष देकर पुनः घर भिजवा दिया जाता है। वर्तमान में जिला चिकित्सालय के नीचले तल पर बाल षिषु वार्ड को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चांे के कोविड वार्ड के रूप मंे उपयोग लेने के कारण अस्थायी रूप से ट्रामा सेंटर में अलग से वार्ड बनाकर यहां कुपोषित तथा कमजोर बच्चों को भर्ती कर उनका उपचार किया जा रहा है।

जमीन स्तर के कर्मचारियों की लापरवाही आई सामने

निरीक्षण के दौरान कुल दर्ज 39 बच्चों की संख्या में महज 6 बच्चें ही भर्ती पाए गए। जिसका कारण यह भी सामने आया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जहां कुपोषित बच्चांे की संख्या अधिक होने से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता-सहायिकाओं द्वारा समय पर पोषण आहार वितरण नहीं होने तथा इस बिमारी के षिकार बच्चों के परिजनों से इनके एवं एएनएम, आषा, दाई आदि कार्यकर्ताओं द्वारा समन्वय स्थापित नहीं करने से तथा ग्रामीणजनों की जागरूकता और षिक्षा के अभाव में भी अधिकांषतः बच्चें स्वास्थ्य केंद्रों पर नहीं आ पाते है। वर्तमान में झाबुआ जिले में सरकारी रेकार्ड के अतिरिक्त भी सैकड़ों बच्चें कुपोषण से ग्रसित है। जिसका कारण उन्हें समय पर पोषण आहार नहीं मिलना तथा एनीमिया की कमी होना भी है।

कमियांे को दूर करने के निर्देष

केंद्र प्रभारी एवं नर्सेस से चर्चा एवं वास्तविक स्थिति जानने के बाद न्याय पीठ के सदस्यांे ने निर्देषित किया कि यह सुनिष्चित किया जाए कि पोषण पुनर्वास केंद्रांे में भर्ती होने वाले कुपोषित एवं बीमार बच्चों को नियमित एवं समय पर उपचार मिले। उन्हें शासन स्तर से मिलने वाली हर सुविधाएं मुहैया करवाई जाए। साथ ही धरातल स्थल पर ग्रामीण क्षेत्रांे मंे कार्य करने वाले कर्मचारी भी ऐसे कुपोषित बच्चांे के अभिभावकांे से समय-समय पर संपर्क स्थापित कर उन्हें संपूर्ण सुविधाएं मुहैया करवाने में अपनी भूमिका का निर्वहन करे। निरीक्षण अवसर पर चाईल्ड लाईन से दीपक भूरिया, मुकेष रावत, सोनाली मेड़ा एवं दिपेष वर्मा आदि उपस्थित थे।


मां त्रिपुरा कॉलेज ऑफ नर्सिंग का ऑरीएंटेशन कार्यक्रम 7 नवंबर को, नवीन संकाय में प्रवेष लेने वाले छात्र-छात्राआंे का किया जाएगा उत्साहवर्धन

झाबुआ। स्वास्थ्य के क्षेत्र में चिकित्सक के साथ-साथ नर्स की भी महत्ती भूमिका रहती है। नर्स न सिर्फ मरीज को ठीक करने में योगदान देती है, बल्कि अपनी सेवा भावना से उसे मानसिक संबल देकर शीघ्र स्वास्थ्य लाभ का मार्ग प्रशस्त करती है। जानकारी देते हुए प्राचार्य कपिल राठौड़ ने बताया कि मां त्रिपुरा कॉलेज ऑफ नर्सिंग झाबुआ द्वारा चिकित्सा की रीढ़ कहे जाने वाला नर्सिंग पाठ्यक्रम झाबुआ जिले जैसे जनजाति बाहुल्य क्षेत्र में विगत 11 वर्षों से चलाया जा रहा है। जिसमें योग्य एवं कुशल नर्सेस अध्ययन कर विभिन्न शासकीय एवं अशासकीय चिकित्सालयों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस वर्ष भी नवीन 100 छात्र-छात्राएं मेरिट बेस पर चयनित होकर कॉलेज के एमएससी, बीएससी नर्सिंग एवं जीएनएम पाठ्यक्रमों मंे प्रवेष ले चुके है।

पहला दिन बनाया जाएगा यादगार

प्राचार्य श्री राठौड़ ने आगे बताया कि छात्र-छात्राओं का महाविद्यालय में पहला दिवस अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। महाविद्यालय द्वारा इस दिवस को अविस्मरणीय बनाने के लिए एक अभिविन्यास (ऑरीएंटेशन) कार्यक्रम 7 नवंबर, शनिवार को रखा गया है। इस कार्यक्रम में अतिथि के रूप में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जयपालसिंह ठाकुर, आजाद हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राहुल लबाना, जिला चिकित्सालय की मेट्रॉन श्रीमती कमला कटारा, कॉलेज के चेयरमेन ओम शर्मा एवं प्राचार्य कपिल राठौर उपस्थित रहेंगे।


पूजारियों की समस्याओं को लेकर जिला स्तर पर अतिषीघ्र किया जाए बैठक का आयोजन, पूजारी उत्थान एवं कल्याण समिति ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर की मांग

झाबुआ। श्री पूजारी उत्थान एवं कल्याण समिति शाखा झाबुआ द्वारा 5 नवंबर, गुरूवार को दोपहर जिला मुख्यालय पर कलेक्टोरेट पहुंचकर जिला कलेक्टर रोहितसिंह को ज्ञापन सौंपकर मांग की कि वर्तमान में जिले के मंदिरांे में कार्यरत पूजारी विभिन्न समस्याआंे से परेषान है, उनकी समस्याएं जानने के लिए जिला प्रषासन स्तर पर बैठक का आयोजन कर निराकरण की पहल की जाए। पूजारी उत्थान एवं कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाष बैरागी, संरक्षक पं. घनष्याम बैरागी, कोषाध्यक्ष रमेषदास बैरागी, परामर्षदाता रामचरणदास बैरागी, सचिव अष्विन शर्मा, संभागीय अध्यक्ष जयेन्द्र बैरागी आदि द्वारा कलेक्टोरेट में जिला कलेक्टर श्री सिंह को सौंपे ज्ञापन में बताया कि शासन संधारित मंदिर के पूजारियांे की विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु जिला स्तर पर अतिषीघ्र्र बैठक आयोजित निराकरण की पहल की जाए। जिले मंे दंबगों द्वारा आए दिन पूजारियांे की प्रताड़ित किया जा रहा है तथा अधिकांष मंदिरांे की कृषि भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है। दिन-प्रतिदिन अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। जिले में शासन संधारित मंदिर के पूजारी अत्यंत परेषान है। गांव में पूजारी का एक ही घर रहता है, उससे ही उन्हें दबंगों द्वारा बेदखल करने एवं मंदिरांे पर कब्जा जमाने के प्रयास किए जाते है।

पूर्व मंे होती थी बैठक

ज्ञापन में बताया कि पूर्व में तत्कालीन जिला कलेक्टर के निर्देष पर अपने-अपने अधीनस्थ क्षेत्रों में एसडीएम एवं तहसीलदार द्वारा पूजारियांे की बैठक लेकर उनकी समस्याएं जानने के बाद निराकरण के लिए निर्देषित किया गया था, लेकिन वर्तमान में इस तरह की बैठकों का आयोजन नहंी होने से शासन संधारित मंदिर के पूजारी अपने आपको शोषित एवं अकेला महसूस कर रहे है।

उचित कार्रवाई का दिया आष्वासन

ज्ञापन मंे मांग की गई कि आप जिलाधीष द्वारा अधीनस्थ अधिकारियांे को निर्देषित कर जिला स्तर पर एक बैठक का आयोजन आगामी 1 से 30 दिसंबर के मध्य यथासंभव आयोजित कर पूजारियों की समस्यााआंे को जानकार उनके निराकरण की पहल की जाए। ज्ञापन प्राप्त करने के पश्चात् इस मामले मंे उचित कार्रवाई का आष्वासन जिला कलेक्टर श्री सिंह ने समिति को दिया।

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