वर्तमान सरकार को सबूत “मिले” तो केस वापस खुल गया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 4 नवंबर 2020

वर्तमान सरकार को सबूत “मिले” तो केस वापस खुल गया

पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें कथित तौर पर कहा गया कि अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों ने उन्हें 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया....

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वर्ली.मुम्बई के वर्ली इलाके में रिपब्लिक के स्टूडियो को जब बनाया जा रहा था,तब आरोप है कि स्टूडियो का इंटीरियर डिज़ाइन करने वाले अन्वय नाईक को 5 करोड़ 40 लाख रुपये नहीं चुकाए गए थे.बार बार माँगने पर भी पैसे नहीं चुकाए गए शख्स ने आत्महत्या की,परिवार की पुरानी बाइट. https://t.co/p4ADXNLCEx मुम्बई के वर्ली इलाके में तीन साल से रिपब्लिक भारत चैनल संचालित है.रिपब्लिक भारत स्टूडियो का  इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक हैं.53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक को 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया गया. रिपब्लिक भारत के ऑनर अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों ने उन्हें 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया. इस कारण उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ गई.इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक ने मई 2018 में अलीबाग में आत्महत्या कर ली थी.उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा. पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला था, जिसमें कथित तौर पर कहा गया कि अर्नब गोस्वामी और दो अन्य लोगों ने उन्हें 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया. टि्वटर पर ट्वीट कर निशा डॉल कहती हैं कि अर्नब गोस्वामी को पुलिस ने दो ख़ुदकुशी के मामले में गिरफ़्तार किया है, जिनमें उनका नाम आया था.सबूतों के “अभाव” का हवाला देकर बीजेपी सरकार ने केस बंद करा दिया था.सबूत “मिले” तो केस वापस खुल गया.इसी आधार पर गिरफ्तार किया गया है.यह मामला पत्रकारिता पर हमला कैसे हो सकता है?लोग किस बात से ज्यादा चिंतित है? आज रायगढ़ पुलिस ने बुधवार सुबह रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी समेत दो अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इन पर 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर और उनकी मां को 2018 में आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप है.इस केस में अर्नब के साथ जिन दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनमें एक फिरोज शेख जबकि दूसरे नितेश सारदा हैं.गोस्वामी को वर्ली जबकि फिरोज को कांदिवली और नितेश को जोगेश्वरी से गिरफ्तार किया गया है अर्नब की गिरफ्तारी रायगढ़ पुलिस और मुंबई पुलिस के संयुक्त अभियान में हुई है.एपीआई सचिन वाजे की टीम ने अर्नब को उनके घर से गिरफ्तार किया.आरोप के मुताबिक, रिपब्लिक टीवी पर आर्टिकेक्ट फर्म कॉन्कॉर्ड डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड के एमडी अन्वय नाइक का 83 लाख रुपया बकाया था.नाइक ने रिपब्लिक टीवी का स्टूडियो तैयार किया था. दो अन्य कंपनियां- आईकास्टएक्स/स्काइमीडिया और स्मार्टवर्क्स भी अपना-अपना बकाया चुकाने में नाकाम रहीं। पुलिस के मुताबिक, तीनों कंपनियों पर कुल 5.40 करोड़ रुपये का बकाया था.

'अर्नब ने एक घंटे बाद खोला दरवाजा' 

जब अलीबाग पुलिस और जब मुंबई पुलिस की एक टीम के साथ वर्ली स्थित अर्नब के घर गई तो वहां हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ.अलीबाग पुलिस ने इस आशंका में मुंबई पुलिस की मदद मांगी कि अर्नब गोस्वामी गिरफ्तारी की प्रक्रिया में बाधा खड़ी कर सकते हैं.  असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वाजे के नेतृत्व में मुंबई क्राइम ब्रांच की एक टीम, स्पेशल ऑपरेशन स्क्वायड और एसपी अशोक दुधे के नेतृत्व में अलीबाग पुलिस अर्नब के घर सुबह 6 बजे पहुंची.सूत्रों ने बताया कि पूरा अभियान गुप्त रखा गया और जब तक ये टीमें गोस्वामी के 17वें फ्लोर पर स्थित आवास पर नहीं पहुंची, स्थानीय एनएम जोशी मार्ग पुलिस को भी इसका कुछ अता-पता नहीं था.  कुछ महीने पहले एक हमले के बाद अर्नब गोस्वामी को केंद्र सरकार की तरफ से वाई-प्लस सिक्यॉरिटी मिली हुई है.पुलिस के मुताबिक, गोस्वामी और उनकी पत्नी ने घर का दरवाजा खोलने में करीब एक घंटा लगा दिया.

एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने कहा, 'अर्नब और उनकी पत्नी साम्यब्रत ने करीब एक घंटे तक दरवाजा खोलने से इनकार दिया जबकि हम उनको बताते रहे कि हम अलीबाग केस में उन्हें गिरफ्तार करने आए है. हमने एक पुलिस वाले को पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाने की जम्मेदारी दे दी ताकि हम पर कोई आरोप नहीं लगाया जाए.' जब अर्नब ने दरवाजा खोला तो उनकी पत्नी वीडियो बनाने लगीं और आरोप लगा दिया कि पुलिस ने उनके (अर्नब के) साथ हाथापाई की। पुलिस ने कहा कि आईपीसी की धारा 306 के तहत अर्नब की गिरफ्तारी के लिए उन्हें अरेस्ट वॉरंट की जरूरत नहीं थी. पुलिस ने कहा कि जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तारी की सूचना वाला नोटिस थमाया तो उनकी पत्नी ने इसे फाड़ दिया. तब पुलिस टीम ने अर्नब को पुलिस वैन में धकेल दिया और एनएम जोशी मार्ग थाने में एक स्टेशन डायरी एंट्री की.उसके बाद उन्हें अलीबाग पुलिस को सौंप दिया गया. भारतीय दंड संहिता की धारा 306 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या कर लेता है, और जो भी इस तरह की आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करता / उकसाता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही वह आर्थिक दंड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

एबीपी की पत्रकार रूबिका लियाकत ने कहा कि अर्नब से सहमत हो न हो इस बात पर हम सब को सहमत होना ज़रूरी है कि उनके साथ जो हो रहा है वो सरासर ग़लत है.असहमति के मायने अगर गिरफ़्तारी है तो आगे आपकी बारी है.

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