आशीर्वाद रंग मंडल का 33 वां वार्षिकोत्सव सह मिलन समारोह सम्पन्न - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

आशीर्वाद रंग मंडल का 33 वां वार्षिकोत्सव सह मिलन समारोह सम्पन्न

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अरुण कुमार ( बेगूसराय ) रंगमंच ( थियेटर ) की दुनियाँ में आशीर्वाद रंग मंडल की अपनी अलग पहचान और स्थान है।80 कि दशक में आशीर्वाद रंग मंडल का गठन हुआ और 80 के दशक से आज 21 सदी में भी बेगूसराय आशीर्वाद के कलाकार अनवरत नाटक करते आ रहे हैं।80 के दशक की बात करुँ तो उस वक्त आदरणीय श्री विजय सिंह पाल आशीर्वाद रंग मंडल के सचिव और निर्देशक हुआ करते थे।श्री पाल सर्व प्रथम बरौनी में एक नाटक गेटमैन किया था और उस नाटक को देखने के लिए बरौनी रेल मंडल के अधिकारी आए हुए थे और श्री पाल को उसी नाटक के वजह से रेलवे में नौकरी मिल गई थी।इसके बाद डॉ० पी गुप्ता के सहयोग से बेगूसराय में नाटक होने लगा श्री विजय सिंह पाल भी बरौनी से बेगूसराय का रुख किया और बरौनी एवं बेगूसराय के कलाकारों के साथ काम करने लगे।उस वक्त नाटक में अभिनय के लिए लड़कों की कमी नहीं थी पर लड़कियों की कमी थी।लड़कियों की कमी पूरा करने में डॉ० पी गुप्ता का बहुत बड़ा योगदान रहा।डॉ० गुप्ता आज हमारेके बीच नहीं रहे जिनकी कमी आज भी हमसभी रंगकर्मियों को खल रहा है।आशीर्वाद रंग मंडल के अध्यक्ष डॉ० एसएसपी चौधरी थे जिन्हें हमसब चौधरी दा कहा करते थे।उपाध्यक्ष ए के झा,प्रो० इन्दु भट्ट,डॉ० राम नरेश सिंह आदि हमारे रंग मंडल के संगरक्षक हुआ करते थे जिसमें आज कुछ तो हमारेके बीच हैं और कुछ नहीं रहे जिनकी क्षति हमसबों के लिए अपूर्णीय क्षति है।कालान्तर में 90 के दशक में (1995) में अमित रौशन,हरिशंकर गुप्ता,प्रवीण अभिजीत कुमार मुन्ना,पंकज गौतम आदि नए कलाकार भी आशीर्वाद रंग मंडल से जुड़े जिसमें सबों ने अपनी अलग अलग संस्था बनाकर काम करने लगे उस नवोदित कलाकारों में मात्र एक कलाकार अमित रौशन आशीर्वाद में रह गया जो आज आशीर्वाद रंग मंडल का सचिव है।इसके पहले जब आशीर्वाद श्री पाल दा थे जो कि फ़िल्म और टी वी सीरियल की तरफ अपना रुख कर लिए तब हमसबों ने देव कुमार देव को सचिव बनाया फिर अमित रौशन सचिव बना और आज अमित रौशन आशीर्वाद रंग मंडल को वो मुकाम दे दिया है जिससे हम वरिष्ठ रंगकर्मियों को गर्व हो रहा है।जब अमित रौशन सचिव बनाया तो उसके बाद धीरे धीरे लगभग सभी वरिष्ठ रंगकर्मियों का मंच छूट ही गया था कारण नाटक से कुछ आय की बात तो होती नहीं थी और भी लड़कपन भी खत्म हो चला तजा शादी-व्याह होने के बाद जब सिर पर जिम्मेदारी आती है तो फिर आय का मार्ग चुनना पड़ता है।परन्तु अमित अपने लगनशीलता,और मिहनत के बलपर आशीर्वाद रंग मंडल के तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रंग महोत्सव करके आशीर्वाद का परचम लहराने में कोई कसर नहीं छोड़ा।आज यही कारण है कि आशीर्वाद रंग मंडल का नाम फलक पर है।आज 31 दिसम्बर 2020 को आशीर्वाद रंग मंडल का 33 वां वर्ष पूरा हुआ इस मौके पर अमित रौशन ने नए पुराने कलाकारों से परिचय के लिए मिलन समारोह का आयोजन कर यह साबित कर दिया कि आशीर्वाद जी अनुशासन के लिए जाना जाता था वह आज भी कायम है।अमित ने इस आयोजन को करते हुए यह भी सिद्ध कर दिया कि वह एक सच्चा कलाकार है।वैसे अमित रौशन आज आशीर्वाद आईटीआई का निदेशक भी है फिर भी अपने से वरिष्ठ रंगकर्मियों को जो सम्मान देने का काम किया है सराहनीय है।आज की दौड़ में बेटा बाप को सम्मान देने से कतराता है वहाँ अमित हम वरिष्ठ कलाकारों को सम्मान देकर हम सभी को ऋणी बना दिया है।वरिष्ठ कलाकारों में श्री फुलेना राय,अर्जुन कुँवर, विनोद कुमार सिंह विनय गुप्ता,बृजबिहारी मिश्रा,रमंजय कुमार,कविता सिंह, लीलानन्द सिंह,बाइट कॉम्प्यूटर के निदेशक संजय सिंह, पंकज गौतम,प्रवीण जी,आशीर्वाद के वर्तमान अध्यक्ष श्री ललन दा,रमेश जी के साथ अरुण शाण्डिल्य उर्फ के अरुण आदि नवोदित के कलाकार महिला पुरुष एवं बच्चियाँ शामिल थीं।अमित रौशन ने सबों को एक दूसरे से परिचय कराया सभी कलाकार अपनी आपबीति सुनाई और काफी हर्षोल्लास के साथ एकदूसरे से मिलकर आशीर्वाद रंग मंडल के सचिव अमित रौशन को इस समारोह के लिए हृदयतल से बधाई शुभकामना और शुभाशीर्वाद दिया।साथ ही यह भी सभी वरिष्ठ कलाकारों ने अमित से साग्रह पूर्वक कहा कि एक नाटक हम वरिष्ठों की हो इस बात पर अमित ने अपनी सहमति दी कि दादा हमारा प्रयास है कि पाल दा आयें उनके रहने सहने का सारा इन्तजाम हमारा रहेगा।चूंकि पाल दा रेलवे से सेवानिवृत्त होकर बेंगलोर चले गए हैं हम साबिन की आन्तरिक इच्छा है कि एकबार फिर से श्री पाल दा के निर्देशन में काम करें।इसके लिए पाल दा से बात करने की बात भी अमित ने कही।अन्य वरिष्ठ रंग कर्मियों में उमेश आदित्य,अनिल पाण्डे, संजीव कुमार (बूटन) अनिल स्वामी,संतोष जायसवाल,बबलू,राजेश डे, अमरेंद्र श्रीवास्तव, रानी सिंह आदि थे जो इस समारोह में उपस्थित नहीं हो सके।

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