बिहार : अनिल मांझी का DISOM लीडरशिप स्कूल में चयन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

बिहार : अनिल मांझी का DISOM लीडरशिप स्कूल में चयन

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पटना. आज भी महादलित मुसहर समुदाय के लोग  समाज के किनारे रह गये हैं.इस समुदाय को पीछे ढकेलकर आगे बढ़ने वाले लोग अनिल मांझी "मांझी" (मुसहर) का डिस्कॉम - लीडरशिप स्कूल में चयन होने पर सवाल खड़ा करने लगे हैं.जबकि डिस्कॉम के द्वारा अनिल मांझी चयनित हैं.उन्होंने लीडरशिप स्कूल (https://in.iofc.org/disom-the-leadership-school) द्वारा अंतिम चयन राउंड तक पहुंचने में सक्षम है और पूरे भारत में 60 अद्भुत नेताओं के बीच अपने समुदाय और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम हैं. मुझे एक और "रोल मॉडल" के बारे में बताने में बहुत गर्व और खुशी हो रही है. यह कहना है सत्येंद्र कुमार का.उनका मानना है कि शायद वह (अनिल मांझी) बिहार के युवाओं या संभवत:भारत में हो सकता है!  जो पहली बार अपना कारनामा दिखाने में सफल हो गया. अनिल मांझी का DISOM लीडरशिप स्कूल  द्वारा अंतिम चयन राउंड तक पहुंचने में सक्षम हैं और पूरे भारत में 60 अद्भुत नेताओं के बीच अपने समुदाय और नेतृत्व का प्रतिनिधित्व कर सकता है. उन्होंने कहा कि बिहार अंबेडकर स्टूडेंट्स फोरम (बीएएसएफ) के अंबेडकर फेलो (2015-16) बनने से लेकर भारत भर में विभिन्न नेतृत्व प्रशिक्षण / प्रदर्शन तक की उनकी यात्रा उल्लेखनीय कहानी है.उसकी आकांक्षाओं और दृढ़ता ने उसे एक नेता बना दिया है और वह आज क्या है! यह सिर्फ उसके लिए शुरू होता है, मुझे पता है कि वह बिहार के पूरे मुसहर समुदाय को जल्द ही चमकाने और नेतृत्व करने जा रहा है, जैसे उनके जैसे कई और नेता और रोल मॉडल बनाने की राह पर चलकर, हम सभी के जितना हो सके उनके नेतृत्व का समर्थन करें. उसकी आगे की वृद्धि के लिए किसी भी अवसर के लिए उसे कनेक्ट करें, एक साथ हम सभी को फर्क कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि डिस्कॉम - लीडरशिप स्कूल, एक ऐसा आंदोलन, जिसका उद्देश्य उन लोगों में नेतृत्व का पोषण करना है, जिनके पास देश-निर्माण और सेवा करने के लिए करुणा का जुनून है, उन्होंने एक मुफ्त कार्यक्रम की पेशकश की है जो 26 जनवरी 2021 से शुरू होगा.साल भर चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य आत्म-जागरूकता बढ़ाना, संचार कौशल में सुधार करना, दिल, शरीर, दिमाग और आत्मा को एकीकृत करना, अमूर्त, एट अल की सराहना करना है. तन्मय एन कहते हैं वाह! कमाल है अनिल भाई, तुम आगे बढ़ो.हम तुम्हारे साथ हैं.काम, विचारों और नई संभावनाओं के लिए तत्पर आपका नेतृत्व अनिवार्य रूप से पैदा करेगा. जय भीम! जिंदाबाद!सोहिनी शोभा कहती हैं कि यह एक महान अवसर की तरह लगता है। थ्री चीयर्स, सैल्यूट और जय भीम, बीएएसएफ जैसे समूहों के लिए, सत्या जैसे गुरु और सबसे महत्वपूर्ण बात, अनिल के साथ अद्भुत युवा लोगों के लिए. उम्मीद है आप ऐसे ही आगे बढ़ते रहोंगे और अपना सोच और गीत काम और जज्बे से हम सब को प्रेरित करते रहोंगे.

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