- बिहार के किसानों को होगा भारी नुकसान.
पटना 31 दिसंबर , भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने केंद्रीय कैबिनेट द्वारा गन्ना के अलावा चावल, गेहूं, मक्का, जौ और ज्वार से इथेनाॅल के निर्माण ॅैॅॅपफैसले का विरोध किया है और कहा है कि मोदी सरकार द्वारा लिए जा रहे काॅरपोरेटपरस्त फैसलों की कड़ी में एक और फैसला है. कहा कि प्रचारित किया जा रहा है कि इससे बिहार में गन्ना उद्योग को लाभ मिलेगा, जो पूरी तरह से झूठ है. आखिर खाद्य पदार्थों से सरकार इथेनाॅल का निर्माण क्यों करना चाहती है? इस फैसले से खाद्यान्न का भारी संकट होगा, जो बिहार और पूरे देश की गरीब जनता के लिए एक आपदा से कम नहीं होगा. बिहार की नीतीश सरकार उद्योगों के नाम पर कुछ कर तो नहीं सकी, लेकिन खाद्य पदार्थों से इथेनाॅल का निर्माण कर बिहार में औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन की बात कह रही है. यह केवल काॅरपोरेट कंपनियों के हित में लिया गया फैसला है, जिसे अविलंब वापस लिया जाए. बिहार सरकार राज्य में शराब बंदी का दावा करती है, लेकिन दूसरी ओर इथेनाॅल के निर्माण के लिए रास्ते तलाश रही है. हमारी मांग है कि इस फैसले को कैबिनेट वापस ले. बिहार में कृषि आधारित उद्योगों की आवश्यकता है. आवश्यकता है कि खाद्य पदार्थों का उत्पादन और कैसे बढ़े ताकि भुखमरी के बढ़ते भूगोल पर रोक लगाई जा सके.
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