सैकड़ों किसानों ने कलेक्ट्रेट में किया जबरदस्त प्रदर्शन
- आक्रोशित किसानों ने बैंक महाप्रबंधक और विघुत कंपनी अधीक्षक से कलेक्ट्रेट में मांगा जबाव
- बीमा राशि नहीं मिलने और बिजली बिल के लिए कुर्की करने से है परेशान है सैकड़ों किसान
सीहोर। कलेक्ट्रेट कार्यांलय मेंं सैकड़ों किेसानों ने मंगलवार को नारेबाजी कर जहां धरना दिया। कलेक्ट्रेट कार्यालय में किसानों और डिप्टी कलेक्टर रवि वर्मा, जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक मुकेश श्रीवास्तव, विघुत वितरण कंपनी अधीक्षक नांदोडा के बीच बीमा राशि नहीं मिलने और बिजली बिल के लिए कुर्की कार्रवाहीं करने को लेकर तेज बहस हुई। इसी बीच सिटी एसपी दीपक नायक पुलिस बल के उपस्थित रहे। किसानों की तरफ से किसान नेता रामप्रकाश चौधरी और किसान स्वराज संगठन जिलाध्यक्ष विनय सिंह दांगी ने अधिकारियों के समक्ष किसानों के सामने किसानों की परेशानियों को रखा और अपनी किसान हितैशी मांगों से अवगत कराया। जिला सहकारी केन्द्रिय बैंक शाखा मंडी और सेमरादांगी,निपानिया कला, निपानिया, धनखेडी, लोंदिया, कपूरी, बहीदगंज, रोला, देवली, सेखपुरा, मानपुरा सहित अन्य सहकारी बैंक शाखाओं के कृषी ऋण खातेदार आक्रोशित किसानों ने कहा की 2019 कि बीमा राशि का लाभ अबतक नही मिला है। कृषक हैं। किसानों ने कहा की खातो से वर्ष 2019 खरीब सीजन कि फसल की बीमा प्रीमियम राशि नियमानुसार काटी गई है लेकिन किसानो के खातो में अबतक 2019 कि बीमा राशि पहीं पहुंची है जबकी अन्य किसानो को बीमा राशि मिल चुकी है। किसान सोसायटियो के लगातार चक्कर काटते रहें है बैंक अधिकारियों के द्वारा किसानों को लगातार आश्वासन हीं दिया गया है।
कर्मचारियों की गलती, सजा भुगत रहे किसान
किसान स्वराज संगठन जिलाध्यक्ष विनय सिंह दांगी एवं किसान नेता राम प्रकाश चौधरी ने बताया की किसानों ने जब बीमा कम्पनी से सम्पर्क किया तो बताया गया की जो किसानों के बैंक खातो से प्रीमियम राशि काटी गई थी बैंक द्वारा उक्त राशि बीमा कम्पनी को भेजी ही नहीं गई। जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक से इस संबंध में जानकारी ली गई तो उन्होने बताया कि बैंक द्वारा बीमा प्रीमियम राशि बीमा कम्पनी को भेजी गई है लेकिन बैंक कर्मचारियों द्वारा यु.टी.आर नम्बर नही चढाया गया है जिस वजह से बीमा कम्पनी को प्रीमियम राशि नही दिख पा रही है। बैंक के कर्मचारियों कि गलती कि सजा हजारों किसान को मिल रहीं है।
विघुत मंडल ने हड़पे किसानों के करोड़ों रूपये
किसान नेता रामप्रकाश चौधरी और किसान स्वराज संगठन जिलाध्यक्ष विनय सिंह दांगी ने कहा की इसी प्रकार विधुत वितरण कंपनी के द्वारा किसानों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। भीषण सर्दी के मौसम में सिंचाई के लिए बिजली रात दो बजे दी जा रहीं है। विघुत वितरण कंपनी द्वारा 2016 में अस्थाई कने क् शनों को ट्रांसफार्मर रखकर स्थाई करने के नाम पर किसानों से प्रति किसान क ले शन के 7000-7000 रूपये जमा कराए गए। हजारो किसानो के पास रसीदे मौजूद है। किसानों के करोड़ों रूपये विघुत मंडल ने हड़प लिए और अबतक बिजली कने क् शनों को स्थाई भी नहीं किया है। विघुत मंडल के द्वारा ट्रांसफार्मर भी नहीं रखें गए है। मंडल के द्वारा किसानों को परेशान किया जा रहा है। मामूली राशि के बिजली बिल जमा नहीं करने पर कृषि उपयोगी सामान ट्रेक्टर ट्राली, मोटर साईकिल सहित अन्य सामग्री कु़र्क की जा रहीं है। किसानों के पास अभी पैसा नहीं है और वसूली कार्रवाहीं की जा रहीं है।
अधिकारियों ने किसानों को दिया आश्वासन
कलेक्ट्रेट पहुंचे बैंक महाप्रबंधक मुकेश श्रीवास्तव ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से कहा की समस्या का समाधान 15 दिनों के अंदर हो जाएगा। ग्रामीण विघुत वितरण कंपनी से पहुंचे अधीक्षक यंत्री नांदोडा ने पूरे प्रकरण कि जांच करवाकर किसानों के द्वारा जमा कराई गई राशि वापस करवाने और मार्च माह तक किसानो से वसूली नहीं करने का आश्वासन दिया। किसान नेता श्री चौधरी और श्री दांगी ने कहा की अगर किसानों को तय समय में बीमा राशि नहीं मिलती है और विघुत मंडल राहत नहीं देता है तो किसान फिर धरना प्रदर्शन करेंगे।
बड़ी संख्या में मौजूद रहे किसान
प्रदर्शन में प्रमुख रूप बाबूलाल, भगत सिंह जनपद, बाबूलाल वर्मा, मनोहर सिंह ,विनय सिंह ,नारायण सिंह वर्मा,, गिरवर सिंह वर्मा,, राजेंद्र सिंह, बने सिंह, राकेश वर्मा ,ओम प्रकाश, दांगी, देवेंद्र वर्मा,, मि_ू खा,शरीफ, खां हेमसिंह, विक्रम सिंह, लतीफ खा, सहित सैंकडों किसान शामिल रहे।
जनसुनवाई में आए लगभग 32 आवेदन
राज्य शासन द्वारा आम आदमी की समस्याओं के आसानी से निराकरण के लिए प्रत्येक मंगलवार को जनसुनवाई की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है। मंगलवार के दिन कार्यालयों में आम आदमियों की समस्याओं से जुडे आवेदन प्राप्त कर निराकरण किए जाते हैं। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित जनसुनवाई में अपर कलेक्टर श्रीमती गुंचा सनोबर द्वारा सभी कार्यालय प्रमुखों को निर्देश दिए गए है कि जनसुनवाई में आने वाले आवेदनों का निराकरण समयसीमा में करें। अपर कलेक्टर श्रीमती गुंचा सनोबर द्वारा विभिन्न नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आए लोगों की कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई की गयी। जनसुनवाई के दौरान धापु बाई पति श्री देवा जी उम्र 65 वर्ष ग्राम खारपा त0 जि0 सीहोर वृदधावस्था पेशन की बाकाया राशि दिलाने हेतु आवेदन किया। वहीं रेशम बाई पत्नी सेवाराम उम्र 70 वर्ष ग्राम सेवनियां ने वृद्धा पेंशन व श्रवण यंत्र हेतु आवेदन प्रस्तुत किया। इसके अलावा विद्युत, पेंशन, राशन कार्ड, रोड निर्माण पीएम आवास, अतिक्रमाण, किसान सम्मान निधि, बैंक ऋण, राजस्व, उपचार सहायता, राहत राशि आदि के आवेदनों पर आज जनसुनवाई की गयी। आज जनसुनवाई में लगभग 32 आवेदक अपनी समस्याएं लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे।
डी.एल.एड. एवं डी.पी.एस.ई. संबद्धता हेतु आवेदन आमंत्रित
माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा एन.सी.टी.ई. से मान्यता प्राप्त डी.एल.एड. एवं डी.पी.एस.ई (पी.पी.टी.सी) संस्थाओं को मण्डल की संबंद्धता प्रदान करने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। डी.एल.एड. एवं डी.पी.एस.ई. (पी.पी.टी.सी.) पाठ्यक्रम संचालित करने वाले संस्थान की सत्र 2021-2022 के लिए नवीन संबद्धता एवं संबद्धता नवीनीकरण आवेदन पत्र मण्डल द्वारा निर्धारित शुल्क सहित माध्यमिक शिक्षा मण्डल, भोपाल परिसर में स्थित यूको बैंक, शाखा हबीबगंज में सचिव के नाम से चालान (किसी अन्य बैंक के चालान मान्य योग्य नहीं) अथवा आर.टी.जी.एस. तथा एन.आई.एफ.टी. (खाता क्रमांक 2830100006001 आईएफएससी नम्बर यूसीबीए0000283) के माध्यम से शुल्क जमा करना होगा। जमा शुल्क की प्रति संस्था द्वारा 10 मार्च 2021 तक मण्डल कार्यालय में आवश्यक रूप से प्रस्तुत करना होगा। ताकि संबद्धता सत्र 2021-22 के लिए नवीन संबद्धता नवीनीकरण संबंधी प्रकरणों पर मण्डल द्वारा समय-सीमा में कार्यवाही संपन्न की जा सके। आवेदन पत्र प्रारूप मण्डल की वेबसाइट www.mpbse.nic.in पर उपलब्ध है।
05 व्यक्तियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई, वर्तमान में कोरोना एक्टिव/पॉजीटिव की संख्या 90 है
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधीर कुमार डेहरिया ने बताया कि पिछले पिछले 24 घंटे के दौरान 05 व्यक्तियों की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजीटिव प्राप्त हुई है। सीहोर के सीहोर के कस्बा तथा गुलजारी का बगीचा से 1-1 व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हुई है। नसरूल्लागंज के फेक्ट्री चौराहा तथा स्थानीय नसरूल्लागंज से 03 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वर्तमान में एक्टिव पॉजिटिव की संख्या 90 है। कुल रिकवर की संख्या 2506 है। 48 संक्रमितों की उपचार के दौरान मृत्यु हुई है। आज 406 सैम्पल लिए गए है । सीहोर शहरी क्षेत्र से 27 सैम्पल लिए गए, नसरूल्लागंज 70, आष्टा से 100, इछावर से 30, श्यामपुर से 143, बुदनी से 36 सैम्पल लिए गए है । आज पॉजीटिव मिले नए कंटेनमेंट जोन सहित समस्त कंटेनमेंट एवं बफर जोन में स्वास्थ्य दलों द्वारा सघन स्वास्थ्य सर्वे किया जा रहा है। वहीं पॉजीटिव मिले व्यक्तियों के करीबी संपर्क वाले व्यक्तियों की पहचान कर उनकी सूची तैयार की जा रही है। प्रत्येक कंटेनमेंट जोन में सर्वे के लिए एक से दो दल लगाए गए है । सर्वे दल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को बनाया गया है तथा स्वास्थ्य सर्वे दल में ए.एन.एम. आशा कार्यकर्ता, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी लगाई गई है। जिले में कुल कोरोना पॉजीटिव व्यक्तियों की संख्या 2644 है जिसमें से 48 की मृत्यु हो चुकी है 2508 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हो गए है तथा वर्तमान में एक्टिव/पॉजीटिव की संख्या 90 है। आज 406 सैंपल जांच हेतु लिए गए। कुल जांच के लिए भेजे गए सेंपल 55865 हैं जिनमें से 52472 सेंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। आज 341 सेंपलों की रिपोर्ट निगेटिव आई है। कुल 406 सेंपलों की रिपोर्ट आना शेष है। पैथालॉजी द्वारा कोरोना वायरस सेंपल की रिजेक्ट संख्या कुल 71 है। जिले में जो व्यक्ति होम क्वारंटाइन में है उनके निवास स्थान से सीधे संवाद हेतु जिला स्तरीय कोविड-19 काल सेंटर स्थापित किया गया है जिसका संपर्क नंबर-7247704181 है कोविड-19 से संबंधित जानकारी इस संपर्क नंबर पर ली व दी जा सकती है। वहीं जिला चिकित्सालय सीहोर में टेलीमेडिसीन के लिए संपर्क नंबर 07562-401259 जारी किया गया है तथा राज्य स्तर पर 104/181 नंबर पर काल करके भी टेलीमेडिसीन सेवा का लाभ लिया जा सकता है। 104 नंबर पर ई-परामर्श सेवा का भी लाभ लिया जा सकता है। ई-संजीवनी ओपीडी सेवा हेतु www.esanjeevaniopd.in पंजीयन कराया जा सकता है। कलेक्टेट कार्यालय में भी जिला स्तरीय काल सेंटर बनाया गया है जिसका संपर्क नंबर 07562-226470 है तथा होम क्वारंटाइन व्यक्तियों तथा उनके परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर 18002330175 जारी किया गया है जिस पर संस्थागत क्वारंटाइन अथवा होम क्वारंटाइन व्यक्ति या उनके परिजन इमोशनल वेलनेस अथवा साईकोलाजिकल सपोर्ट एवं अन्य जरूरी परामर्श मानसिक सेवा प्रदाताओं से निःशुल्क प्राप्त कर सकते है ।
अनुसूचित-जनजाति वर्ग के छात्रावासों की शिष्यवृत्ति दर बढ़ी
आदिम-जाति कल्याण विभाग ने अनुसूचित-जनजाति के छात्रावास और आश्रमों में रहने वाले विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति की दर में वृद्धि की है। वर्ष 2020-21 में बालकों की शिष्यवृत्ति 1300 रुपये और बालिकाओं के लिये 1340 रुपये प्रतिमाह की स्वीकृति विभाग द्वारा दी गई है। प्रदेश में अनुसूचित-जनजाति के छात्रावास और आश्रम में रहने वाले विद्यार्थियों की शिष्यवृत्ति की दर प्रत्येक वर्ष मार्च में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर निर्धारित की जाती है। इस वर्ष बढ़ी हुई शिष्यवृत्ति की दर एक जुलाई, 2020 से प्रभावशील होगी।
पंजीकृत गौ-शालाओं को दी जाने वाली दान राशि आयकर मुक्त होगी
अब पंजीकृत गौशालाओं को दी जाने वाली दान राशि पर आयकर से छूट मिलेगी। उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि गौ-रक्षा एवं गौ-संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा पंजीकृत गौ-पालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड को दी जाने वाली दान राशि को आयुक्त आयकर विभाग द्वारा आयकर में छूट प्रदान की गई है। इसके तहत् पंजीकृत गौ-शालाओं को दी जाने वाली दान राशि भी आयकर मुक्त होगी। शासन द्वारा आमजन द्वारा दिये जाने वाले सहयोग के लिए ऑनलाईन पोर्टल www.gopalanboard.mp.gov.in शुरू किया गया है जिसके माध्यम से गौ-शालाओं को चारे, पानी, शेड एवं अन्य कार्यों के लिए दान दिया जा सकता है।
प्रतिभा योजना में पिछले 2 वर्षों में जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को दी गई प्रोत्साहन राशि
प्रदेश में अनुसूचित जनजाति वर्ग के ऐसे प्रतिभावान विद्यार्थी जिन्होंने राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश पाया है, उन्हें आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रोत्साहन राशि उपलब्ध कराई जा रही है। पिछले 2 वर्षों में 100 से अधिक विद्यार्थियों को प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई। विभाग द्वारा जनजाति वर्ग के ऐसे प्रतिभावान विद्यार्थी जिन्होंने राष्ट्रीय प्रतियोगी परिक्षाओं में चयनित होकर आईआईटी, एम्स, क्लेट और एनडीए में प्रवेश लिया है उनको 50 हजार रूपये प्रति छात्र प्रोत्साहन राशि दी गई। इसके साथ ही जेईई, नीट, एनआईआईटी, एफडीडीआई, एनआईएफटी और आईएचएम में चयनित होकर प्रवेश लिया है उन विद्यार्थियों को प्रति छात्र 25 हजार रूपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
अब तक भोपाल संभाग में 20 लाख से अधिक आयुष्मान कार्ड बनाएं गए
आयुष्मान भारत निरामयम् योजना मध्यप्रदेश के तहत भोपाल संभाग के सभी जिलों में अब तक 20 लाख से अधिक लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं एवं पात्र हितग्रहियों को जोड़ने के लिये युद्ध स्तर पर अभियान जारी है। आयुष्मान योजना का लाभ सभी पात्र व्यक्तियों को दिलाने के लिए सम्भाग के सभी जिले के शहरी क्षेत्र में वार्ड कार्यालय एवं ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत भवन में विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत संबल योजना, खाद्य पर्ची धारक, एसईसीसी डाटा अंतर्गत पात्र परिवार आयुष्मान योजना के अंतर्गत सीधा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। पात्र परिवार प्रति वर्ष सूचीबद्ध सरकारी व निजी अस्पतालों में कोरोना, कैंसर, आदि गंभीर बीमारियों का 5 लाख तक का निरूशुल्क इलाज करा सकता है। अधिक जानकारी के लिए 1800-233-2085 या 14555 पर कॉल कर सकते हैं।योजना के अंतर्गत प्रदेश के कुल 717 शासकीय एवं संबद्ध निजी चिकित्सालयों में पात्र हितग्राहियों को कैशलेस उपचार की सुविधा है। अब इसके अंतर्गत कोविड का इलाज भी कराया जा सकता है। योजना के अंतर्गत अभी तक सम्बद्ध शासकीय और निजी चिकित्सालयों के अलावा लोक सेवा केन्द्र तथा कॉमन सर्विस सेंटर में जाकर आयुष्मान कार्ड बनवाना होता था, परन्तु अब पंचायतों एवं नगरीय निकायों के माध्यम से कार्ड बनाने की भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो गई है। इस योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक निजी अस्पतालों को संबद्ध किए जाने के प्रयास हैं जिससे मरीज अपनी सुविधा अनुसार जहां चाहे इलाज करवा सके। योजना के अंतर्गत शासकीय अस्पतालों में इलाज करवाने पर 60 प्रतिशत व्यय केन्द्र सरकार एवं 40 प्रतिशत व्यय राज्य सरकार उठाती है। वहीं निजी चिकित्सालयों में इलाज कराने पर शत-प्रतिशत भुगतान शासन द्वारा किया जाता है।
नगरीय विकास का बनेगा पंचवर्षीय रोडमैप-नगरीय विकास मंत्री श्री सिंह
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देशानुसार नगरीय निकायों का पंचवर्षीय (वर्ष 2021-26) रोडमैप बनाया जायेगा। उन्होंने बताया है कि मुख्यमंत्री श्री चौहान जनवरी माह में सभी नगर निगमों का भ्रमण करेंगे। इस दौरान नगर निगमों द्वारा 5 वर्ष के विकास का रोडमैप प्रस्तुत किया जायेगा। मंत्री श्री सिंह ने बताया है कि नगर पालिकाओं तथा नगर पंचायत का भी विकास रोडमैप बनाया जायेगा। इसकी समीक्षा अलग से संभाग स्तर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जायेगी। पंचवर्षीय कार्ययोजना के मुख्य बिन्दु समावेशी शहरी विकास, संवहनीय विकास, राजस्व एवं प्रशासनिक सुधार, शहरी सेवा प्रदाय की गुणवत्ता में सुधार और नगरीय नियोजन के माध्यम से शहरी अर्थव्यवस्था में सुधार होंगे। इन बिन्दुओं के अंतर्गत रात्रिकालीन आश्रय, दीनदयाल रसोई, स्व-सहायता समूहों का गठन एवं सुदृढ़ीकरण, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार, गरीबों के लिये आवास, सीवरेज, सेनिटेशन, ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन, स्वयं के स्रोतों से प्राप्त आय, जलकर, संपत्तिकर, उपभोक्ता प्रभार, ई-गवर्नेंस, जल आपूर्ति, वर्षा जल नाला, सार्वजनिक परिवहन, स्ट्रीट लाईट, जीआईएस सर्वे और मास्टर प्लान की स्थिति समाहित है ।
सरकार के लिए किसान सबसे पहले
वर्तमान स्थिति में आर्थिक उदारीकरण के बावजूद कृषि और अन्य क्षेत्रों के बीच असमानता, उच्च बाजार शुल्क और शुल्क के साथ खंडित और अपर्याप्त बाजार, अपर्याप्त अवसंरचना और ऋण सुविधायें, जानकारी विषमता एवं लायसेंस देने में प्रतिबंध के कारण कृषि सुधारों की आवष्यकता महसूस की गयी।
कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेष 2020 : लाभकारी मूल्य पर किसानों की उपज की बिक्री और खरीद की पसंद की स्वतंत्रता प्रदान करता है। मंडियों के भौतिक परिसर के बाहर कुषल पारदर्षी और बाधा मुक्त राज्य के अंदर और अंतर- राज्य व्यापार को बढ़ावा देता है। ए. पी. एम. सी. मंडियों का कार्य करना जारी रखेगाः अधिनियम किसानों को अतिरिक्त विपणन चैनल प्रदान करता है। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई असर नही। गतान उसी दिन या जहाँ प्रक्रिया की आवष्यकता होती है उस स्थिति में 3 कार्य दिवसों के भीतर किसानों को किया जाना चाहियें। ऑनलाईन ट्रेडिंग की अनुमति देता है। मूल्य आष्वासन पर किसान (संरक्षण एवं सषक्तिकरण) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेष 2020 से किसानों और प्रायोजकों के बीच कृषि उपज की खरीद और कृषि सेवाओं के लिये समझौतों के लियें कानूनी ढांचा तैयार किया गया। केंद्र सरकार द्वारा मॉडल कृषि समझौतों के लिये दिशा निर्देष जारी किये है। उपज की कीमत अनुबंध में स्पष्ट रूप से उल्लेखित होगी। स्पष्ट रूप से विवाद समाधान तंत्र के माध्यम से किसानों और खरीदारों दोनों के अधिकारों की रक्षा करना है।
आवष्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 : यह अधिनियम केवल एक असाधारण स्थिति जैसे युद्ध, सूखा, असाधारण मूल्य वृद्धि, प्राकृतिक आपदाओं में लागू होता है। स्टॉक सीमा का प्रभाव केवल मूल्य वृद्धि पर आधारित हो सकता है और केवल तभी लगाया जा सकता है जब बागवानी उपज के खुदरा मूल्य में 100 प्रतिषत वृद्धि और गैर - नाषपाती उपज के खुदरा मूल्य में 50 प्रतिषत की वृद्धि हों।
कृषि सुधार के लाभ : एकीकृत बाजार। किसानों को अपनी उपज बेचने की सवतंत्रता, जिसे वे चाहते है और जहाँ वे चाहते है।एपी. एम. सी. व्यवसायी गुटबंदी एकाधिकार का अंत। न्यूनतम समर्थन मूल्य किसानो के लिये सुरक्षा जाल के रूप में कार्य करता है। किसान अधिकारों की रक्षा करने वाला कानूनी ढांचा। बाजार शुल्क, करों आदि में कमी और बेहतर कीमत की खोज। खेतों के करीब बुनियादी ढांचे का विकास। अनुबंध खेती- मूल्य आष्वासन के साथ- साथ प्रसंस्करण क्षेत्र बढावा देना।छोटे और सीमांत किसानों के लियें भी खेती लाभदायक हो सकती है।
किसानों से खरीद में वृद्धि : 2009-10 से 2013-14 की तुलना में पिछले 5 वर्षो के दौरान एम. एस. पी. भुगतान में वृद्धि हुई है। धान के लियें 2.4 गुना (रू. 4.95 लाख करोड), दालों के लिये 75 गुना (रू. 49,000 करोड़ रूपये), तिलहन और नारियल के लिये 10 गुना (रू. 25,000 करोड़), गेहूं के लिये 1.77 गुना (रू. 2.97 लाख करोड़)। धान के लिये किसानों को एम. एस. पी. भुगतान गेहूं के लिये किसानों को एम. एस. पी. भुगतान
परामर्श प्रक्रिया : विभिन्न सरकारों द्वारा कृषि मुद्दों पर हितधारक परामर्ष पिछलें दो दषकों से जारी है। श्री शंकरलाल गुरू के अधीन विषेषज्ञ समिति (2000) ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के अतर- अलिया निरासन, प्रत्यक्ष विपणन को बढ़ावा देने और विपणन विस्तार सेवाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी का सुझाव दिया। अतर- मंत्रालयी कार्य बल (2002) की सिफारिषों में विपणन प्रणाली का पुररोद्धार, एपी. एम. सी. अधिनियम में सुधार और अनुबंध कृषि को प्रोत्साहित करना शामिल है। राज्य सरकारों के परामर्ष से तैयार किये गये कृषि विपणन पर मॉडल ए. पी. एम. सी. अधिनियम 2003, मॉडल ए. पी. एम. सी. अधिनियम 2007 में तैयार किये गये। मॉडल ए. पी. एम. सी. अधिनियम 2003 को 18 राज्यों द्वारा अपनाया गया है। 3मिथक बनाम वास्तविकता फार्म कानून से किसानों को फायदा नही होगा। किसान अपने खरीददार खुद चुन सकते हैं और अपने उत्पाद की कीमत तय कर सकते हैं। किसानों के लिए विवाद समाधान की कोई गुंजाईष नही है। अधिनियम स्थानीय एस. डी. एम. के स्तर पर न्यूनतम खर्चे के साथ समय बद्ध तरीके से विवाद समाधान को बढ़ावा देता है। किसानों को समय पर भुगतान नही मिलेगा। समझौते पर उसी दिन या तीन दनों के अन्दर किसानों को भुगतान करना। किसान संगठनों को फायदा नही होगा। सभी किसान संगठनों को ’’किसान’’ माना जायेगा और उन्हे भी उतना ही लाभ मिलेगा। एम. एस. पी. जारी नही रहेगा। एम. एस. पी. पहले की तरह जारी रहेगा। एफ. सी. आई. किसानों से खरीद बंद करेगा। एफ. सी. आई. और अन्य सरकारी एजेन्सियाँ पहले की तरह किसानों से खरीद जारी रखेगी। ए. पी. एम. सी. मण्डियों के बाहर बेचने के लिए किसानों को लायसेंस की आवश्यकता होती है। किसान सर्वश्रेष्ठ मूल्य देने वाले खरीददार को मण्डियों के बाहर उपज बेच सकते हैं। पंजीकरण/लेन -देन शुल्क के बिना। भविष्य में ए. पी. एम. सी. मण्डियां बंद हो जायेगी। मण्डी व्यवस्था पहले की तरह जारी रहेगी। अधिनियम राज्य ए. पी. एम. सी. के अधिकारों पर हमला करता है। अधिनियम ए. पी. एम. सी. अधिनियम को कम नही करता है। यह मण्डियों के बाहर अतिरिक्त व्यापार की अनुमति देता है। एक्ट किसान भुगतान को सरक्षित नही रखता है। अधिनियम किसानों के हितों की रक्षा के लिए पर्याप्त दिशा निर्देश प्रदान करता है। अधिनियम से कार्पोरेटों को कृषि भूमि का अधिग्रहण होगा। अधिनियम कृषक भूमि या स्थाई संरचना हस्तांतरण को प्रतिबद्ध करता है।
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