- बिहार में सुशासन सरकार है.इसके द्वारा बिहार में प्रति व्यक्ति मात्र 14 रुपया सरकार स्वास्थ्य पर खर्च किया जा रहा है.माले और वामपंथ के विधायकों से बिहार की जनता को उम्मीद है कि इस राशि को कम से कम 50 रुपया करने के लिए आवाज उठाये.इस बार इन विधायकों द्वारा विधानसभा में रोध्र रूप देखने को मिलेगा...
पटना. भाकपा-माले की विधायक दल की कार्यशाला की गयी थी. बिहार विधानसभा के भीतर विधायक दल के कारगर हस्तक्षेप करने और फिर सरकार की चल रही योजनाओं के व्यापक भंडाफोड़ करने की रणनीति पर बातचीत हुई. विधायी कार्यों पर कार्यशाला में पूर्व विधायक रामदेव वर्मा ने अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा कि सदन के अंदर मेहनतकश समुदाय की आवाज को बुलंद करना माले विधायक दल का महत्वपूर्ण काम होना चाहिए. उन्होंने विधानसभा के अंदर की कार्य प्रणाली पर भी विधायकों को प्रशिक्षित किया.कहा कि विधानसभा की नियमावलियों पर चर्चा की और कार्य स्थगन, ध्यानाकर्षण, अल्पसूचित, शून्यकाल, तारांकित प्रश्न आदि विषयों पर सरकार को कारगर तरीके से घेरने पर अपने विचार व्यक्त किये. उन्होंने विधानसभा की विभिन्न समितियों के भी कारगर इस्तेमाल पर चर्चा की. उन्होंने यह भी कहा कि लंबे समय से विपक्ष की ओर से गैर सरकारी विधेयक नहीं आ रहे हैं. चूंकि माले और वामपंथ के 16 विधायक हैं, इसलिए गैर सरकारी विधेयकों को सदन में लाना चाहिए. सरकारी विधेयकों पर भी चौकस निगाह रखनी होगी. कार्यशाला को पटना के जाने माने चिकित्सक डॉ शकील ने बिहार में स्वास्थ्य प्रणाली पर विस्तार से चर्चा की और माले के विधायक दल को ताजा आंकड़ों से लैस कराया. उन्होंने कहा कि आज बिहार में प्रति व्यक्ति मात्र 14 रुपया सरकार स्वास्थ्य पर खर्च करती है. यह राशि बहुत कम है. माले और वामपंथ के विधायकों से बिहार की जनता को उम्मीद है कि इस राशि को कम से कम 50 रुपया करने के लिए आवाज उठाये.इस बार इन विधायकों द्वारा विधानसभा में रोध्र रूप देखने को मिलेगा.और विधानसभा में सरकार को घेरने की योजना बनाएंगे. सरकार के दावों के विपरीत सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था कमजोर हो रही है. 6 प्रतिशत लोग दवा के लिए कर्ज लेने के कारण गरीबी रेखा के नीचे जा रहे हैं.
इसके आलोक में आज मंगलवार को आरा सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण करने आइसा -इनौस के टीम साथ अगिआंव विधायक मनोज मंजिल पहुंचे.विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि नीतीश सरकार ने सरकारी अस्पताल को चौपट करके रख दी है. औचक निरीक्षण के दौरान आरा सदर अस्पताल के हैल्थ मैनेजर से बातचीत किया गया. भाकपा - माले के राज्य कमिटी सदस्य और आरा विधान सभा प्रत्याशी क्यामुदीन अंसारी, भाकपा - माले आरा नगर कमिटी के सचिव दिलराज प्रीतम , स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी दीनानाथ जी,इनौंस के जिला संयोजक शिव प्रकाश रंजन ,आइसा राज्य सचिव सबीर कुमार, आइसा जिला अध्यक्ष पप्पू कुमार थे. बातचीत के दौरान उजागर हुआ कि 1.आरा सदर अस्पताल में कुल डॉक्टरों की 48 पद है और केवल 42 डॉक्टर कार्यरत हैं. 2.डिलीवर मरीज के लिए मात्र दो एंबुलेंस है. 3.EMTके लिए कोई नहीं है.4.Digital X-Ray free, technical सरकारी नहीं है. 5.सी . टी. स्कैन की सुविधा उपलब्ध नहीं है.6.ब्लड बैंक खोलने का नियम है 24घंटाहै लेकिन खुला नहीं रहता है और रात में बंद रहता है.7. I.C.U. मात्र तीन ही बेड का है और अधिकांश बंद ही रहता है.8.शौचालय की संख्या 30है 20चालू है और 10 बंद है.सार्वजनिक शौचालय नहीं है.9.ब्लड जांच घर में एक पद सृजित है और एक ही व्यक्ति कार्यरत है 24घंटा खुला नहीं रहता है.10.सफाईकर्मी नहीं है.आउसोर्सिंग के जरिए सफाई कर्मचारी की बहाल किया गया है.13.निबंधन काउंटर संख्य 3 है, दो खुला है और एक बंद है. सीनियर सिटिजन के लिए निबंधन काउंटर नहीं है.दिव्यांग व्यक्तियों के लिए भी निबंधन काउंटर नहीं है. निरीक्षण के दौरान भाकपा - माले के केंद्रीय कमिटी के सदस्य और अगिआंव विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि नीतीश सरकार आम जनता की स्वास्थ्य की चिंता नहीं है. इसलिए सरकारी अस्पताल में बेहतर सुविधा मुहैया नहीं करा रही है और सरकारी अस्पताल को चौपट करने में लगी है.सबके लिए स्वास्थ्य सुविधा और सरकरी अस्पताल में बेहतर इलाज हो इसके लिए बिहार विधान सभा में सवाल उठाया जाएगा.औचक निरीक्षण में शामिल आइसा नेता राकेश कुमार,संजय कुमार,इंनौस के नेता मुन्ना जी थे.
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