बिहार : 94 हजार अभ्यर्थियों की बहाली की प्रक्रिया अविलंब पूरी करे सरकार - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 21 जनवरी 2021

बिहार : 94 हजार अभ्यर्थियों की बहाली की प्रक्रिया अविलंब पूरी करे सरकार

  • माले विधायक व इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंजिल टीईटी अभ्यर्थियों के समर्थन में पहुंचे गर्दनीबाग धरनास्थल
  • बजट सत्र में विधानसभा के अंदर उठेगा मामला, विधानसभा का होगा घेराव, दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग.
  • टीईटी अभ्यर्थियों के बाद कार्यपालक सहायकों पर लाठीचार्ज, पुलिस राज कायम कर रही है नीतीश सरकार

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पटना 21 जनवरी, बर्बर पुलिस दमन का सामना कर गर्दनीबाग धरनास्थल पर बैठे टीईटी अभ्यथिर्यों से मिलने आज माले विधायक व इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंजिल आज धरनास्थल पर पहुंचे और उनके आंदोलन का समर्थन किया. उनके साथ इनौस के राज्य सचिव सुधीर कुमार, इरफान हैदर, आइसा के राज्य सह सचिव आकाश कश्यप, आलोक यादव, पवन यादव, कार्तिक पासवान, आरा आइसा जिला अध्यक्ष पप्पू कुमार, राकेश कुमार, संजय साजन, समीर कुमार आदि नेता भी गर्दनीबाग धरनास्थल पहुंचे और पुलिस दमन के शिकार टीईटी अभ्यर्थियों का हालचाल लिया. विधायक मनोज मंजिल ने कहा कि धरना का परमिशन होने के बावजूद टीईटी अभ्यथियों पर जिस बर्बरता से लाठीचार्ज हुआ है, वह सरकार की तानाशाही दिखलाता है. भाजपा-जदयू की सरकार युवाओं को रोजगार देने की बजाए उनका दमन कर रही है. महिला अभ्यर्थियों तक को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. यह बहुत शर्मनाक है. आने वाले विधानसभा सत्र में इस मसले को महागठबंधन एकजुट होकर मजबूती से उठायेगा. साथ ही, शिक्षा व रोजगार के सवाल पर विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा, जिसमें टीईटी अभ्यर्थियों की मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा. उन्होंने बिहार सरकार से कहा है कि जब हाईकोर्ट ने बहाली का आदेश दे दिया है, तब फिर सरकार को टीईटी अभ्यर्थियों को बहाल करने में क्या परेशानी हो रही है? हमारी मांग है कि इन सभी 94 हजार अभ्यर्थियों की बहाली प्रक्रिया को सरकार अविलंब पूरा करे. किसी भी प्रकार की आनाकानी हम बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने यह भी मांग की है कि टीईटी अभ्यर्थियों पर बर्बरता से हमला करने वाले दोषी पुलिस अधिकारियों की शिनाख्त कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए. माले राज्य सचिव कुणाल ने टीईटी अभ्यर्थियों पर बर्बर लाठीचार्ज के बाद आज पटना में कार्यपालक सहायकों परहुए लाठीचार्ज की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि बिहार में पुलिस राज कायम हो चुका है. आंदोलनकारियों की मांगों पर कार्रवाई करने की बजाए भाजपा-जदयू की सरकार दमन की भाषा बोल रही है. उन्होंने बिहार के युवाओं का आह्वान करते हुए कहा कि इस निकम्मी सरकार को किसी भी प्रकार की मोहलत नहीं लेने दें. विगत 16 वर्षों से इन्हीं का राज बिहार में चल रहा है, लेकिन युवाओं की सबसे ज्यादा उपेक्षा इस सरकार ने की है.

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