बिहार : पाठ्यक्रम में शामिल करने की वकालत की तारकेश्वर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 7 जनवरी 2021

बिहार : पाठ्यक्रम में शामिल करने की वकालत की तारकेश्वर

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पटना. अब प्रत्येक माह के पहले मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान दिवस के रूप में मनाया जायेगा.राज्य स्तर पर जल- जीवन- हरियाली दिवस का आयोजन पटना के अधिवेशन हॉल में किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रुप में माननीय मुख्यमंत्री बिहार श्री नीतीश कुमार द्वारा जल- जीवन- हरियाली के सभी अवयवों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए इसमें अधिक से अधिक जन भागीदारी बढ़ाने का आह्वान किया गया. मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज अधिवेशन भवन में जल-जीवन-हरियाली दिवस के अवसर पर ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान में जन-भागीदारी’ कार्यक्रम की शुरुआत पौधे में जल अर्पण कर किया.  इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान में जन-भागीदारी’ विषय पर परिचर्चा में जीविका दीदी और संबद्ध विभाग के कुछ पदाधिकारियों ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के विभिन्न पहलुओं पर अपनी-अपनी बातें रखी हैं, उसके लिए उन्हें विशेष रुप से धन्यवाद देता हूं.उन्होंने कहा कि जून, 2019 में विधानसभा में अधिकारियों की नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में मैंने पर्यावरण पर उत्पन्न संकट के संबंध में अपनी बातें रखते हुए कहा था कि पर्यावरण पर संकट है उसके लिए हमलोगों को काम करना होगा. राज्य में जलवायु परिवर्तन का प्रभाव दिखने लगा है. दक्षिण बिहार के साथ-साथ उत्तर बिहार में भी भूजल स्तर नीचे गिरने लगा.  मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की जनसंख्या अब बढ़कर 12 करोड़ से ज्यादा हो गई है.जब हमलोगों ने बिहार में कार्य संभाला था, उस समय प्रजनन दर 4.3 था, जो अब घटकर 3.2 हो गया है. बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद बिहार का हरित आवरण 9 प्रतिशत रह गया था. वर्ष 2010 में स्कूल के बच्चे-बच्चियों के द्वारा स्कूलों में पौधारोपण की शुरुआत करायी गई थी.वर्ष 2012 में हरियाली अभियान की शुरुआत की गई और 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया जिसके तहत 19 करोड़ से ज्यादा पौधारोपण किया गया.अधिक से अधिक वृक्षारोपण कराने के कारण अब बिहार का हरित आवरण हरित आवरण क्षेत्र बढ़कर 15 प्रतिशत हो गया है. 5 जून 2020 से 9 अगस्त 2020 तक 2 करोड़ 51 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य था लेकिन उससे अधिक 3 करोड़ 47 लाख पौधे लगाए गए. अब यह आंकड़ा बढ़कर 3 करोड़ 91 लाख हो गया है. इस साल हमलोगों ने 5 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है.राज्य के हरित आवरण क्षेत्र को कम से कम 17 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए कार्य किया जा रहा है.सड़क, पोखर, तालाबों के किनारे भी वृक्षारोपण किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत 11 अवयवों को शामिल किया गया है. 7 अवयव जल संरक्षण से संबंधित है.एक अवयव हरियाली से, एक मौसम के अनुकूल फसल कार्यक्रम से, एक अवयव सौर ऊर्जा से और एक अवयव जागरुकता अभियान से संबंधित है.आज कल फसल अवशेषों को जलाने की प्रवृति बढ़ रही है, जो पर्यावरण के लिए घातक है.फसल अवशेषों के प्रबंधन विषय पर वर्ष 2019 में पटना में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन किया गया था, जिसमें विशेषज्ञों के द्वारा कई महत्वपूर्ण बातें सामने आयी थीं. उन्होंने कहा कि पुआल न जलाने के लिए लोगों को समझाया जा रहा है, उससे होने वाले नुकसान के संबंध में बताया जा रहा है. पदाधिकारियों को पुआल नहीं जलाने के लिये लोगों को जागरुक करने को कहा गया है.मौसम के अनुकूल फसल कार्यक्रम की शुरुआत पहले 8 जिलों से की गई और बाद में बाकी के 30 जिलों में भी इसकी शुरुआत कर दी गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान यात्रा के दौरान लोगों में पर्यावरण के प्रति मैंने जागृति देखी थी.लोगों में जागृति का ही परिणाम है कि 19 जनवरी 2020 को जल-जीवन-हरियाली अभियान के पक्ष में 5 करोड़ 16 लाख से अधिक लोगों ने 18 हजार किलोमीटर से ज्यादा लंबी मानव श्रृंखला बनायी.उन्होंने कहा कि कोरोना के दौर में भी कई कार्य किए गए हैं. उस दौरान राज्य के बाहर फंसे लोगों के खाते में मुख्यमंत्री राहत कोष से एक हजार रुपये अंतरित किये गये. कोरोना काल में देश के विभिन्न हिस्सों से ट्रेनों के माध्यम से 22 लाख लोगों को बिहार लाया गया. 15 लाख लोगों को 14 दिन क्वारंटाइन में रखा गया.क्वारंटाइन में एक आदमी पर 5300 रुपये खर्च किये गये. मजबूरी में रोजगार के लिए किसी को बिहार से बाहर जाने की जरुरत न हो, उसके लिए काम किया जा रहा है. औद्योगिक नीति में परिवर्तन किया गया है. पश्चिम चंपारण में बाहर से आए लोग बेहतर ढंग से काम कर रहे हैं. पूरे राज्य में पश्चिम चंपारण मडल को अपनाकर काम किया जाएगा.


मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार के द्वारा कोरोनाकाल के दौरान लोगों को राहत पहुँचाने के लिये कई कार्य किये गये. कोरोना की शुरुआत से ही कोरोना से संबंधित हर रोज हम आंकड़े मंगवाते रहे हैं और उसके आधार पर आंकलन कर कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पदाधिकारियों को निर्देश देते रहे हैं. राज्य सरकार अपनी तरफ से भी खर्च कर कोरोना की टेस्टिंग करवा रही है. पूरे देश में कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर 1.4 प्रतिशत है जबकि बिहार में कोरोना संक्रमितों की मृत्यु दर 0.55 प्रतिशत है. कल तक के आंकड़े के अनुसार 10 लाख लोगों के बीच कोरोना जांच का जो देश का औसत है उसकी तुलना में बिहार में 19 हजार ज्यादा जांच हो रहा है.उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के बेहतरीन प्रयासों को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है. राष्ट्रपति महोदय ने ‘डिजिटल इंडिया अवर्ड 2020’ सम्मान से बिहार को सम्मानित किया है. यह सम्मान कोरोना वायरस संक्रमण में सरकार द्वारा बिहार के लोगों को समय से राहत पहुंचाने के लिए प्रदान किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से नकारात्मक खबरों को ज्यादा तरजीह दी जा रही है. सोशल मीडिया के माध्यम से सरकार के द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी लोगों को दें.किसी को अगर गलतफहमी होती है तो उसके संबंध में भी लोगों को जानकारी देकर स्पष्ट करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि हर घर तक बिजली पहुंचा दी गयी है और अब सौर ऊर्जा के लिए काम किये जा रहे हैं. सौर ऊर्जा ही असली ऊर्जा है, जो सूर्य पर आधारित है. जब तक धरती और सूर्य रहेंगे, बिजली का संकट नहीं होगा. 1,56,881 सार्वजनिक पोखरों, आहरों, पईनों को तथा 3,577 कुओं को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है.इनका जीर्णोद्धार भी कराया गया है. अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद सार्वजनिक पोखरों, आहरों, पईनों के किनारे बसे लोगों को घर बनाने के लिए पैसा दिया जाएगा और उनको बसाया जाएगा. उन्होंने कहा कि गंगा जल उद्वह योजना के तहत बरसात में गंगा के पानी को स्टोर किया जाएगा और उसे शुद्ध कर पेयजल के रुप में बोधगया, गया, राजगीर और नवादा पहुंचाया जाएगा. राजगीर में अर्डिनेंस फैक्ट्री के पास जल संरक्षण के लिए जो तालाब बना है वो अपने आप में अद्भुत है. अटल जी की सरकार में जार्ज साहब रक्षा मंत्री थे, उस वक्त अर्डिनेंस फैक्ट्री के शिलान्यास के दौरान मैंने ही तालाब निर्माण का सुझाव दिया था. अगर दो वर्षों तक बारिश नहीं होगी, तब भी अर्डिनेंस फैक्ट्री तथा वहां काम करने वालों के लिए पानी का संकट उत्पन्न नहीं होगा.वर्ष 2015 से अर्डिनेंस फैक्ट्री शुरु हो गया है. हमने अधिकारियों को सुझाव दिया है कि अर्डिनेंस फैक्ट्री के पास जो तालाब हैं, उसको देखिए और उसी के तर्ज पर पहाड़ी इलाकों में जल संरक्षण के लिए तालाबों का निर्माण कराएं.

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान का मतलब है जल और हरियाली सुरक्षित है, तभी जीवन सुरक्षित है. नवंबर 2019 में बिलगेट्स यहां आए थे और बातचीत के दौरान जब उन्हें बिहार में पर्यावरण संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी गई तो वे काफी इंप्रेश हुए थे.24 नवंबर 2020 को यूनाइटेड नेशन में पर्यावरण संरक्षण के संबंध में हमको मैसेज देनी पड़ी थी. पर्यावरण संरक्षण के लिए बापू ने बहुत पहले लोगों को जागरुक किया था.उन्होंने कहा था कि धरती आपकी जरुरत को पूरा करने में सक्षम है लालच को नहीं. बापू के द्वारा बताए गए सात सामाजिक पापों को सरकारी स्कूलों, सरकारी कार्यालयों में अंकित कराया गया है. अगर 5 प्रतिशत लोग भी इससे प्रभावित होंगे तो उसका समाज में सकारात्मक असर पड़ेगा.जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों की तस्वीरों को भी सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के लिए लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक किया जा रहा है.इसको लेकर हमलोगों ने तय किया है कि प्रत्येक माह के पहले मंगलवार को जल-जीवन-हरियाली अभियान दिवस के रूप में मनाया जायेगा, जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत किए जा रहे कार्यों पर चर्चा होगी तथा ऑकड़े लिये जायेंगे.उन्होंने कहा कि अब तक 1 करोड़ 20 लाख परिवार सूमह से जुड़ चुके हैं। 10 लाख से अधिक जीविका समूह के निर्माण के लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है.खुशी की बात है कि वर्ष 2021 के जनवरी माह के आज पहले मंगलवार से जल-जीवन-हरियाली अभियान में जनभागीदारी के रुप में परिचर्चा की शुरुआत की गई है.यह परिचर्चा आखिरी नहीं है बल्कि हर माह के पहले मंगलवार को अलग-अलग ढंग से जागृति और काम के लिए बैठक होगी. उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सिनेशन का काम शुरु हो गया है, फिर भी लोगों को कोरोना के प्रति सतर्क रहने की जरुरत है. कार्यक्रम की शुरुआत में मुख्यमंत्री का स्वागत ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी ने पौधा भेंटकर किया.कार्यक्रम के दौरान जल-जीवन-हरियाली अभियान की उपलब्धियों पर केंद्रित एक लघु फिल्म की प्रस्तुति की गई. कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी ने संबोधित किया. इस अवसर पर ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान में जन-भागीदारी’ विषय पर परिचर्चा में विशेष सचिव लघु जल संसाधन श्री गोपाल मीणा, मुख्य वन संरक्षक, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन श्री सुरेंद्र सिंह, मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रक्षेत्र पटना श्री अशोक कुमार, मुख्य अभियंता जल संसाधन विभाग श्री नंदकुमार झा, अधीक्षण अभियंता, ब्रेडा श्री खगेश चौधरी, उप निदेशक,निदेशालय श्री अनिल झा, आकाश संकुल संघ जयनगर (मधुबनी) की अध्यक्षा जीविका दीदी श्रीमती सईदा खातून ने अपने विचार रखे. मुख्यमंत्री ने इन सभी को शुभकामना स्वरुप प्रमाण पत्र एवं पौधा देकर सम्मानित किया.


कार्यक्रम में विकास आयुक्त श्री अरुण कुमार सिंह, संबद्ध विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे, जबकि वेबकास्टिंग एवं टेलीकास्टिंग के माध्यम से जनप्रतिनिधिगण, प्रमंडलीय आयुक्त, जिलाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारीगण, जीविका दीदियां एवं गणमान्य व्यक्ति जुड़े थे. कार्यक्रम के पश्चात पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना वैक्सीन देश में भी तैयार हो गया है. जहां अति आवश्यक होगा, वहां पहले वैक्सीन लगाया जायेगा और इसके बाद बड़े पैमाने पर पूरे देश में इसका इस्तेमाल होगा. उन्होंने कहा कि बिहार में इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है. सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक और उनके साथ काम करने वाले लोगों को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना वैक्सीन लगाया जायेगा.इसके अलावा पुलिस और प्रशासन के लोगों और तमाम जनप्रतिनिधियों को वैक्सीन लगाया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि कोरोना से पीडि़त लोगों के साथ ही सभी लोगों तक वैक्सीन पहुंचे. इस संबंध में केंद्र सरकार की गाइडलाइन के आधार पर बिहार में काम किया जायेगा. पहले दौर में 50 वर्ष से अधिक उम्र लोगों को वैक्सीन उपलब्ध करवाई जायेगी. उन्होंने कहा कि कहां और कैसे वैक्सीन को रखा जायेगा और किन-किन स्थानों पर वैक्सीनेशन किया जायेगा, इसको लेकर सभी तैयारी पूरी कर ली गयी है.इस संबंध में केंद्र सरकार ने बहुत ही अच्छे ढ़ंग से काम किया है.हम बिहार की जनता को विश्वास दिलाते हैं कि बिहार में जिस तरह से तैयारी की गयी है, उसके हिसाब से बहुत ही उपयोगी और इफेक्टिव ढंग से इस काम को पूरा किया जायेगा. सपा नेता श्री अखिलेश यादव के द्वारा भाजपा का वैक्सीन बताकर वैक्सीन नहीं लगाने के ऐलान से जुड़े पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन क्या बोलता है, आप शुरू से जानते हैं कि इसमें हमारी कोई दिलचस्पी नहीं है. किसी को कुछ बोलने कि आदत होती है, उसको लगता है कि बोलने से खबर छपती है तो इन सबके चलते लोग बोलते हैं, जिसकी जो इच्छा है वो बोलता रहे, हमें किसी के बारे में कुछ नहीं कहना है लेकिन इतना जरूर है कि कोरोना का पूरी दुनिया में असर है. अब तो कोरोना का दूसरा राउंड भी इंगलैंड में शुरु हो गया है.इन सब चीजों को देखते हुए हम सब लोगों को पूरे तौर पर सजग रहना हैं और इसके लिए पूरी तैयारी करके सभी लोगों को हमें स्वस्थ रखने की कोशिश करनी है.


जनता दरबार एक बार फिर से शुरु करने के सवाल पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हां जनता दरबार को फिर से शुरु किया जाएगा लेकिन थोड़ा माहौल को देख लेते हैं क्योंकि अभी अगर शुरू कर देते हैं तो लोगों कि संख्या को सीमित करना पड़ेगा.हमने तो शुरू में ही कह दिया था कि हम जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम फिर से शुरु करेंगे. राज्य स्तर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय मंत्री लघु जल संसाधन विभाग श्री विजय कुमार चौधरी द्वारा की गई.कार्यक्रम में बताया गया कि वर्ष 2021 का यह पहला जल जीवन हरियाली दिवस का आयोजन है.इस अभियान में 15 विभागों का सीधे सीधे जुड़ाव को देखते हुए संबंधित विभागों को जल- जीवन- हरियाली योजना पर तेजी से कार्य करने का निर्देश दिया गया है. जल जीवन हरियाली अभियान में जनभागीदारी विषय पर परिचर्चा का आयोजन किया गया, जिसमें अपने-अपने विभाग से संबंधित उपलब्धियों /किए जा रहे कार्यों तथा लोगों की सहभागिता के विषय में वरीय पदाधिकारी द्वारा प्रकाश डाला गया है. जिन विभागों द्वारा परिचर्चा में भाग लिया गया उनमें कृषि विभाग, ऊर्जा विभाग, जल संसाधन विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु सिंचाई विभाग शामिल है. साथ ही मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार द्वारा जल- जीवन- हरियाली में जनभागीदारी विषय पर विस्तार से बताया गया. कार्यक्रम में माननीय अध्यक्ष सह माननीय मंत्री लघु जल संसाधन विभाग श्री विजय कुमार चौधरी, माननीय उपमुख्यमंत्री बिहार श्री तार किशोर प्रसाद, माननीय उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी द्वारा जल- जीवन- हरियाली विषयक परिचर्चा में भाग लेते हुए इसमें अधिक से अधिक जन भागीदारी को बढ़ाने, जनप्रतिनिधियों द्वारा सहयोग करने तथा इस अभियान को पाठ्यक्रम में शामिल करने की वकालत की. जल- जीवन- हरियाली दिवस का आयोजन किया. यह गया जिला के जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालय में साथ-साथ आयोजित किया गया। जल-जीवन -हरियाली दिवस के अवसर पर उपस्थित पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, जीविका दीदियों द्वारा यह संकल्प लिया गया कि हम अपने जिले में जल- जीवन -हरियाली अभियान को जन जागरूकता के साथ जोड़ते हुए कार्य करेंगे साथ ही जल- जीवन- हरियाली के सभी 11 अवयवों में प्रगति लाने के लिए पूरा सहयोग करेंगे. समाहरणालय सभागार में जल- जीवन- हरियाली   दिवस का आयोजन नव पदस्थापित आयुक्त मगध प्रमंडल श्री मयंक बरबड़े की अध्यक्षता में आयोजित की गई. इस अवसर पर जिला पदाधिकारी गया श्री अभिषेक सिंह, जिला परिषद अध्यक्ष, महापौर, उपमहापौर गया नगर निगम, उपाध्यक्ष जिला परिषद गया, वन प्रमंडल पदाधिकारी, नगर आयुक्त गया नगर निगम, उप विकास आयुक्त सहित जिले के वरीय पदाधिकारीगण, जीविका दीदी एवं जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे.

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