कोरोना महामारी के संबंध में आर.टी.पी.सी.आर टेस्ट हेतु शासन स्तर से शुल्क निर्धारित किया जाये - विधायक भार्गव
विदिशाः- विदिशा विधायक शशांक भार्गव ने म.प्र. के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि म.प्र. में कोरोना महामारी सेे संक्रमित एवं संभावित मरीजो की आर.टी.पी.सी.आर टेस्ट हेतु प्राईवेट पैथोलाॅजी में जांच हेतु प्रति व्यक्ति 2500 रूपये लिये जा रहे है, शासकीय जिला चिकित्सालय विदिशा में उक्त टेस्ट हेतु जाने वाले मरीजों को 7 दिन तक भर्ती रखने की बाध्यता के कारण अधिकांश नागरिक आर.टी.पी.सी.आर टेस्ट प्राईवेट पैथोलाॅजी में करा रहे है, जहाॅ पर किसी भी प्रकार का भर्ती होने का बंधन नहीं होने से आम नागरिक शासकीय जिला चिकित्सालय में नहीं जा रहे है। चूंकि त्ण्ज्ण्च्ण्ब्ण्त् जांच ॅण्भ्ण्व्ण् द्वारा मान्यता प्राप्त है। इस जांच के लिये विदिशा ही नहीं पूरे म.प्र. में दरे निर्धारित नहीं होने से निर्धन मजदूर एवं मध्यम वर्गीय परिवारों को आर्थिक रूप से प्रति व्यक्ति 2500 रूपये की राशि का भुगतान करने को मजबूर होना पड रहा है, जबकि उ.प्र. में प्राईवेट पैथोलाॅजियों पर जांच कराने के लिये 700 रूपये निर्धारित किये गये है, घर पर पहॅुचकर यदि प्राईवेट पैथोलाॅजी वाले जांच करते है, तो 900 रूपये लिये जा रहे है, साथ ही वहाॅ पर सरकारी अस्पताल में बगैर भर्ती किये हुये निशुल्क जांच की व्यवस्था है। गुजरात में भी त्ण्ज्ण्च्ण्ब्ण्त् का टेस्ट 800 रूपये प्रति व्यक्ति निर्धारित किया गया है। दिल्ली, हरियाणा आदि राज्यों में भी प्राईवेट पैथोलाॅजी में जांच हेतु शासन स्तर से दरे निर्धारित की है, जबकि म.प्र. शासन द्वारा दरे निर्धारित नहीं किये जाने से आम नागरिक को आर्थिक रूप से काफी क्षति पहुॅच रही है। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों के स्वास्थ्य की सुविधा को ध्यान में रखते हुये एवं कोरोना संक्रमण के खतरे की गंभीरता को ध्यान में रखते हुये म.प्र. शासन जांच की राशि अन्य राज्यों की भांती प्राईवेट पैथोलाॅजियों के लिये निर्धारित करेे जिससे कि आम नागरिकों को महामारी के इस दौर में राहत मिल सके।
पात्रताधारी हितग्राहीमूलक योजना से वंचित ना रहें-अपर कलेक्टर
विदिशा जिले में हितग्राहीमूलक योजनाएं जिनका लक्ष्य निर्धारित नही रहता है ऐसी सभी योजनाओ के पात्रताधारी योजना का लाभ लेने से वंचित ना रहे के लिए जिले में विशेष डोर-टू-डोर अभियान संभागायुक्त श्री कवीन्द्र कियावत द्वारा दिए गए निर्देशो के अनुपालन में संचालित किया जाएगा। अभियान के लिए जिला एवं खण्ड स्तर पर पृथक-पृथक प्रशिक्षण आयोजित कर गठित दलो से सर्वे कार्यो को मूर्तरूप दिया जाएगा। जिलाधिकारियों के लिए ततसंबंधी एक दिवसीय प्रशिक्षण आज शनिवार को नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में आयोजित किया गया है। अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने संबंधित विभागो के जिलाधिकारियों को प्रशिक्षण के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए है कि विभागो की ऐसी योजनाएं जिनका लक्ष्य निर्धारित नही रहता है केवल पात्रता ही मान्य की जाती है अतः पात्रताधारी सभी हितग्राही उपरोक्त योजना से लाभांवित हो रहे है कि नही, सर्वे कराने का मुख्य उद्वेश्य है। डोर-टू-डोर गठित दल पहुंचकर निर्धारित प्रपत्रों में जानकारियां संकलित करेगा। अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने समस्त एसडीएम, निकायो एवं जनपदो के सीईओ के अलावा विभिन्न विभागो के जिलाधिकारियों को स्पष्ट सचेत करते हुए निर्देश दिए है कि संभागायुक्त द्वारा हितग्राहीमूलक योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अभियान अंतर्गत जो गाइड लाइन समय सीमा निर्धारित की है उसी समयावधि में कार्यो का सम्पादन कराया जाना अति आवश्यक है। जिन भी अधिकारियों के द्वारा उपरोक्त अभियान के क्रियान्वयन में निर्धारित मापदण्डो के अनुरूप कार्यो का सम्पादन नही किया जाएगा वे सब संभागायुक्त के द्वारा भोपाल में बुलाए जाएंगे और उनसे चर्चा संभागायुक्त खुद करेंगें। अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने बताया कि चुनावी तर्ज पर उक्त अभियान का क्रियान्वयन किया जाएगा। निकाय और ग्राम पंचायत स्तर के लिए दलो का गठन संबंधित एसडीएम के द्वारा किया जाएगा। दलो में शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को छोड़कर अन्य विभागो के कर्मचारियों को संलग्न किया जाएगा। प्रत्येक दल में पटवारी, सचिव एवं ग्राम सहायक पृथक से सहयोग करेंगे। जिला पंचायत सीईओ श्रीमती नीतू माथुर ने समस्त जनपदो के सीईओ को निर्देश दिए है कि हितग्राहीमूलक योजनाओं का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के रहवासियों को मिलना सुनिश्चित हो इस कार्य में जनपदो के सीईओ की महती भूमिका है। उनके द्वारा द्वितीय चरण के प्रशिक्षण को भी मूर्तरूप दिया जाना है। अतः समयावधि का विशेष ध्यान रखते हुए कार्यो का सम्पादन कराया जाना सुनिश्चित करेंगें। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में एक साथ संचालित होने वालो उक्त अभियान के तहत केन्द्रीय, राज्य स्तरीय ऐसी योजनाएं जिनका लक्ष्य निर्धारित नही होता है अर्थात ऐसी योजनाएं गतिविधियां जिनमें पात्रतानुसार लाभार्थी को लाभ पहुंचाना रहता है। इसके लिए संभागायुक्त द्वारा तिथिवार कार्यक्रम निर्धारित किया है। तदानुसार खण्ड स्तरीय प्रशिक्षण आठ जनवरी तक अनिवार्य रूप से पूर्ण कराया जाना है इससे पहले दलो का गठन, मास्टर ट्रेनर्सा की नियुक्ति संबंधी कार्य पूर्ण किया जाएगा। ग्राम पंचायत स्तर पर सर्वे हेतु गठित सर्वे दल व नगरीय निकायो में वार्डवार सर्वे हेतु नियुक्त सर्वे दलो को योजनाओं की पात्रता से संबंधित विवरण पर्याप्त संख्य में आवेदन पत्र व पात्रता निर्धारण हेतु प्रश्नावली भी प्रशिक्षण दिवसों में उपलब्ध कराई जाएगी। गठित सर्वे दलो की मानिटरिंग का कार्य भी निर्धारित बिन्दुओं के अनुरूप क्रियान्वित किया जाएगा। ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के लिए पृथक-पृथक गठित होने वाले सर्वे दल सामाजिक न्याय विभाग, श्रम विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पशु चिकित्सा, कृषि, राजस्व, आदिम जाति कल्याण, बिजली, स्वास्थ्य, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, नगरीय प्रशासन की चिन्हित योजनाओं के तहत निर्धारित प्रपत्र में जानकारियां संकलित करेंगे। सर्वे कार्य नौ जनवरी से प्रारंभ होगा जो 15 तक पूर्ण किया जाएगा। प्राप्त आवेदनों का संकलन 16 जनवरी को संबंधित नगरीय निकाय कार्यालय व जनपद पंचायत के कार्यालय में चुनावी तर्ज पर जमा कराया जाएगा। इसके लिए संबंधित कार्यालयों में विभागवार पृथक-पृथक काउंटर बनाए जाएंगे। प्राप्त आवेदनों का परीक्षण कर पात्रता, अपात्रता का निर्धारण संबंधी कार्य विभागो द्वारा 16 व 17 जनवरी को सम्पादित किया जाएगा। अपात्रता के मामलो में स्पष्ट कारणो सहित जानकारियां अंकित करनी होगी। आवेदनों का निराकरण संबंधी कार्य 25 जनवरी तक पूर्ण कर 28 जनवरी तक कलेक्टर को अवगत कराएंगे तदोपरांत 31 जनवरी को संभागायुक्त को जानकारियां प्रेषित की जाएगी। नवीन कलेक्ट्रेट के बेतवा सभागार कक्ष में सम्पन्न हुए प्रशिक्षण कार्यक्रम में संबंधित विभागो के द्वारा क्रियान्वित योजनाओं की पात्रता सहित अन्य जानकारियां पावर प्रेजेन्टेशन के माध्यम से प्रस्तुत की गई थी। प्रशिक्षण में समस्त एसडीएम तथा अभियान के लिए जिला स्तर पर नियुक्त नोडल अधिकारी, डिप्टी कलेक्टर श्री कुमार शानू, डिप्टी कलेक्टर सुश्री अमृता गर्ग के अलावा निकायो एवं जनपदो के सीईओ तथा विभिन्न विभागो के जिलाधिकारी मौजूद थे।
- डोर-टू-डोर सर्वे के मापदण्डो से प्रशिक्षित हुए जिलाधिकारी
जिला स्तरीय युवा उत्सव का वर्चुअल आयोजन
जिला स्तरीय मानिटरिंग समिति का गठन
मध्यप्रदेश राज्य मुकदमा प्रबंधन नीति 2018 की निहित बिन्दुओं के अनुपालन में जिला स्तर पर प्रकरणों के पर्यवेक्षण हेतु जिला स्तरीय समिति गठन का आदेश कलेक्टर द्वारा जारी कर दिया गया है। जिला स्तरीय समिति के अध्यक्ष कलेक्टर स्वंय होंगे जबकि सदस्य पुलिस अधीक्षक, लोक अभियोजक तथा शासकीय अधिवक्ता, उप संचालक अभियोजन शामिल है तथा संबंधित विभागाध्यक्ष विशेष आमंत्रित के रूप में शामिल होंगे। समिति का सदस्य सचिव श्रीमती अमृता गर्ग, डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी सिविल सूट शाखा होगी।
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