विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 10 जनवरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 10 जनवरी 2021

विदिशा (मध्यप्रदेश) की खबर 10 जनवरी

एक जिला एक उत्पादन, प्याज फसल हेतु चिन्हित हुआ विदिशा


प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के अंतर्गत एक जिला एक उत्पादन कार्यक्रम के तहत विदिशा जिले का चयन प्याज फसल हेतु किया गया है। गौरतलब हो कि विदिशा जिले में वर्तमान में प्याज का रकवा 802 हेक्टेयर है। जिसका उत्पादन 17 हजार 750 मैट्रिक टन है। जिले में प्याज आधारित प्रसंस्करण पांच इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। उद्यानिकी विभाग के सहायक संचालक श्री केएल व्यास ने जिले के ऐसे प्याज उत्पादक किसान एवं स्व-सहायता समूह, एफपीओ एवं सहकारी समितियां जो ओडीओपी प्याज आधारित इकाई स्थापित करने चाहती है वे डीपीआर बैंक सहमति सहित आवेदन कार्यालय सहायक संचालक उद्यान विदिशा में जमा कर सकते है। आवेदक के सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगो को प्रति उद्योग पात्र परियोजना लागत की 35 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिकेंड पूंजी सब्सिडी अधिकतम दस लाख रूपए की दी जाएगी। इसमें लाभार्थी का योगदान न्यूनतम दस प्रतिशत और शेष राशि बैंक ऋण से होना आवश्यक है।  नए उद्यम, निजी या समूहो के केवल ओडीओपी उत्पादो को ही सहायता दी जाएगी। विभाग ने किसान भाईयों से अपील की है कि प्याज आधारित उद्योग लगाने वाले उद्यमी किसान अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नम्बर क्रमशः 9425069024 एवं 9893576454 पर सम्पर्क किया जा सकता है। जिले में यदि प्याज आधारित प्रसंस्करण इकाईयां लगती है तो एक तरफ किसान को मार्केटिंग मिल जाएगा और दूसरी तरफ रोजगार के अवसर पैदा होंगे तथा जिले में प्याज का रकवा दो हजार हेक्टेयर तक बढ़ने की संभावना हो सकती है।


मैदानी अमले से फीडबैक आधारित व्हीसी 11 को 


समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न उपार्जन के संबंध में मैदानी अमले से फीडबैक लेने के उद्वेश्य से वीडियो कांफ्रेसिंग का आयोजन 11 जनवरी की प्रातः साढे दस बजे से किया गया है। ततसंबंध में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण के उप सचिव द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश प्रसारित किए है।  समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन का कार्य प्रचलित है एवं रबी विपणन वर्ष 2021-22 में गेहूं उपार्जन की तैयारी की जानी है इसके लिए निर्धारित बिन्दुओं अंतर्गत फीडबैंक मैदानी अमले से प्राप्त कर जायजा लिया जाएगा जिसमें सुझाव एवं समस्या से अवगत उपरांत निर्णय लिए जाएंगे। उक्त व्हीसी में जिन विषयों पर चर्चा कर फीडबैक लिया जाएगा उनमें गिरदावरी, किसान का रकवा एवं फसल का सत्यापन, पंजीयन, उपार्जन, संस्थाओं की पात्रता का निर्धारण एवं केन्द्र की स्थापना तथा उपार्जन केन्द्र से किसान मेपिंग, उत्पादकता, उपार्जन केन्द्र पर समाधान की उपलब्धता, एसएमएस व्यवस्था, उपार्जन गुणवत्ता परीक्षण, नॉन एफएक्यू स्कंध के अपग्रेडेशन एवं वापसी, वारदानो पर किसानो के नाम टैग, वारदाना व्यवस्था, परिवहन, भण्डारण, समस्त भुगतान, स्वीकृति पत्रक, डब्ल्यूएचआर, डिजीटल हस्ताक्षर, ऋण की प्रविष्टि एवं अनुमोदन, विफल भुगतान में खाता के संशोधन एवं अन्य विषय शामिल है।  अपर कलेक्टर श्री वृदांवन सिंह ने उपरोक्त वीडियो कांफ्रेसिंग में जिन विभागो के अधिकारियों को उपस्थित होने के निर्देश दिए है उनमें जिला आपूर्ति अधिकारी, उपायुक्त सहकारिता, एनआईसी के डीआईओ, सहकारी केन्द्रीय बैंक के महाप्रबंधक, अधीक्षक भू-अभिलेख, एमपीएससीएससी, मार्कफेड, जिला नोडल अधिकारी, मंडी सचिव के अलावा क्रियान्वयन कराने वाले अन्य के एक-एक प्रतिनिधि उपस्थित होगे उनमें उपार्जन केन्द्र प्रभारी, नोडल अधिकारी, गोदाम मालिक, उपार्जन के परिवहनकर्ता, उपार्जन केन्द्र के कम्प्यूटर आपरेटर, गुणवत्ता सर्वे तथा धान उपार्जन के मिलिंग स्तरीय गोदाम केन्द्र के समिति प्रबंधक शामिल है।


परिवार पखवाडा का आयोजन  


अन्य जिलो के साथ-साथ विदिशा जिले में भी परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत 11 से 25 जनवरी तक परिवार विकास पखवाडा का आयोजन किया जाएगा। ततसंबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा दिशा निर्देश जारी किए गए है।  मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 25 जिलो में मिशन परिवार विकास का क्रियान्वयन किया जाना है जिसमें विदिशा जिला भी शामिल है। कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे जिले जिनका सकल प्रजनन दर तीन या तीन से ज्यादा है उन समस्त जिलो में मिशन परिवार विकास पखवाडा मनाया जाना है।  पखवाडे के दौरान आयोजित होने वाली प्रमुख गतिविधियों में आईईसी-के तहत विभिन्न प्रकार की जागरूकता कार्यक्रम तथा परिवार संतुलन संबंधी संसाधनो का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। सारथी रथ जनजागरूकता कार्यक्रम के तहत विकासखण्ड स्तरो तक संदेश पहुंचाने के लिए सारथी रथ रवाना होंगे जो आवश्यक प्रचार-प्रसार के दायित्वों का निर्वहन करेंगे। मैदानी अमले की सेवाएं-पखवाडा अवधि दरम्यिन ग्राम स्तर, उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर तैनात स्वास्थ्य अमले के माध्यम से आवश्यक सेवाओं का क्रियान्वयन कर इच्छुक हितग्राहियों का चयन कर फेमिली प्लानिंग के उपाय तथा वैकल्पिक संसाधनो का उपयोग करने वाले हितग्राहियों का चिन्हांकन किया जाएगा।  नई पहल किट-पखवाडे के दौरान समस्त आशा अपने-अपने क्षेत्रो के अंतर्गत नवीन दम्पतियों जिनका विवाह मिशन परिवार विवाह की दिशा निर्देश उपरांत हुआ है उन समस्त नवीन दम्पतियों को अनिवार्य रूप से नई पहल किट का वितरण एवं विवाह पंजीयन कराने में सहयोग प्रदान करेंगे। 


सास-बहू सम्मेलन

मिशन परिवार विकास पखवाडा के दौरान प्रत्येक महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में दो-दो सास बहू सम्मेलनों का आयोजनों का क्रियान्वयन करेंगे। पखवाडे अवधि के दौरान लक्षित हितग्राहियों का मोबिलाइजेशन भी सुनिश्चित किया जाएगा। आयोजनों के लिए प्रत्येक विकासखण्डवार राशि का आवंटन भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा किया गया है। 


बच्चो के स्कूल रेडीनेस में सुधार हेतु पिरामल फाउण्डेशन की अनोखी पहल


vidisha news
नीति आयोग द्वारा विदिशा जिले को आकांक्षी जिलो की सूची में शामिल करने के उपरांत जिले में स्कूली शिक्षा खासकर प्राथमिक शिक्षायुक्त ईसीडीपी कार्यक्रम तीन से छह वर्ष के बच्चों में स्कूल रेडीनेस में सुधार लाने हेतु पिरामल फाउण्डेशन के द्वारार फ्यूचर रेडी सिस्टम कार्यक्रम ईजाद किया गया है जिसका लाभ जिले के तीन से छह वर्ष के बच्चो को मिल रहा है।  पिरामल फाउण्डेशन एवं आईसीडीएस विभाग की साझेदारी में प्रारंभिक बाल्यावस्था विकास कार्यक्रम (ईसीडीपी) देश के पांच राज्यों में खासकर उन राज्यों के वे जिले जिन्हें नीति आयोग द्वारा पिछडे अथवा आकांक्षी जिलो में शामिल किया गया है ऐसे जिलो में संचालित किया जा रहा है।  ईसीडीपी कार्यक्रम के मुख्यतः तीन आयाम है जिनमें बच्चो के रेडीनेस, पेरेंटस के रेडीनेस और सिस्टम के रेडीनेस पर समन्वय स्थापित कर एक साथ काम करना है। इसके लिए किए गए नवाचारो के तहत निर्धारित आयु वर्ग के बच्चो के साथ सीखने एवं सिखाने की प्रक्रिया में नयापन लाना, अभिभावक तथा आंगनबाडी केन्द्र में जुडाव, कोविड 19 में ई-सन्दर्भ सामग्री को समझा कर बच्चो तक पहुंचाना, अभिभावक एवं बच्चो के बीच आपसी रिश्तो को अनौपचारिक शिक्षा के पहलुओं से मजबूत करना तथा परस्पर गुणवत्तापूर्ण बातचीत को बढावा देना शामिल है। जिले में पूर्व उल्लेखित उद्धेश्यों की प्राप्ति के लिए कलेक्टर के मार्गदर्शन में आईसीडीएस विभाग के साथ एमओयू साइन प्रोजेक्ट के अंतर्गत किए गए है। विदिशा जिले के सभी सातो सीडीपीओ एवं 65 आंगनबाडी सुपरवाईजर के साथ क्षमता संवर्धन वेबिनार किया गया है। जिले के सभी आंगनबाडी केन्द्रो में तीन से छह वर्ष के बच्चो, अभिभावको के लिए लर्निंग आडियो एवं वीडियो मटेरियल प्रतिदिन सांझा की जा रही है। 


रविवार को 2.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज


विदिशा जिले की तहसीलो में स्थापित वर्षामापी यंत्रो पर रविवार की प्रातः आठ बजे वर्षा दर्ज की गई है कि जानकारी देते हुए अधीक्षक भू-अभिलेख श्री राजेश राम ने बताया कि दस जनवरी को जिले में 2.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है जबकि अब तक जिले में 1074.2 मिमी औसत वर्षा हुई है।  रविवार की प्रातः लटेरी तहसील को छोड़कर अन्य तहसीलो में वर्षा दर्ज हुई है तदानुसार विदिशा में दो मिमी, बासौदा में 3.6 मिमी, कुरवाई में 3.2 मिमी, ग्यारसपुर में तीन मिमी, नटेरन में चार तथा सिरोंज एवं गुलाबगंज में क्रमशः एक-एक मिमी वर्षा दर्ज हुई है।


हितग्राहियों के लिए डिजीटल प्रशिक्षण जारी


पीएम स्वनिधि योजना अंतर्गत विदिशा नगरपालिका के द्वारा चिन्हित किए गए हितग्राहियों को डिजीटल अभियान का प्रशिक्षण पुरानी नगरपालिका परिषद भवन में 22 जनवरी तक आयोजित किया गया है। उक्त प्रशिक्षण में हितग्राहियों को डिजीटल लेन-देन का बढावा देने के लिए क्यूआर कोड के द्वारा भुगतान प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।  प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला अग्रणी बैंक, केनरा बैंक, लीड बैंक के वित्तीय विशेषज्ञो द्वारा विशेष मार्गदर्शन दिया जा रहा है। 


निर्वाचक नामावली में टंकण त्रुटि में सुधार के निर्देश


निर्वाचक नामावली में टंकण त्रुटि में सुधार किए जाने के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सभी कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। निर्वाचक नामावली कार्य में डाटा एन्ट्री के दौरान टंकण या लिपिकीय त्रुटि के कारण मतदाता की जानकारी गलत दर्ज होने पर निर्वाचन आयोग की गाइडलाईन का पालन किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।   राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि सामान्यतः मतदाताओं की जानकारी में विसंगतियां ईआरओ को दो चरणों में दृष्टिगत होती है। निर्वाचक नामावली के अंतिम प्रकाशन के पूर्व डाटा एन्ट्री करते समय और निर्वाचक नामावली के अंतिम प्रकाशन के उपरांत। यदि ईआरओ को टंकण, लिपिकीय त्रुटि डाटा एन्ट्री के समय दृष्टिगत होती है तो अन्तिम प्रकाशन के पूर्व संबंधित आवेदक का फार्म-6 ईआरओ नेट से मिलान करना होगां इस फार्म की नामावली अपडेशन की प्रोसेस रिवर्स किए जाने और फार्म 6 में उल्लेखित जानकारी के अनुसार सही जानकारी दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं।   ईआरओ को टंकण या लिपिकीय त्रुटि की जानकारी संबंधित निर्वाचक द्वारा पत्र या ईमेल से अंतिम प्रकाशन के उपरांत दी जाती है तो ईआरओ संबंधित आवेदक का ईआरओ नेट में दर्ज फार्म 6 उपलब्ध होने पर उससे मिलान करेंगे। साथ ही फार्म 6 के अनुसार जानकारी संशोधित की जाएगी। ईआरओ रिकार्ड में फार्म 6 उपलब्ध नहीं होने पर ईआरओ द्वारा संबंधित निर्वाचक से फार्म 8 भरवाया जाएगा। अंतिम प्रकाशन के उपरांत फार्म 6 अथवा फार्म 8 के बिना किसी भी प्रकार का संशोधन नहीं किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। ईआरओ स्तर से टंकण या लिपिकीय त्रुटि होने पर निर्वाचक से इपिक बदलने का किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं लिए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

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