गया : आज कुल 26 मामलों की सुनवाई की गई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

मंगलवार, 2 फ़रवरी 2021

गया : आज कुल 26 मामलों की सुनवाई की गई

jansunwai-gaya
गया। लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के द्वितीय अपील के तहत ज़िला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह द्वारा आज कुल 26 मामलों की सुनवाई की गई, जिसमें से कुछ मामलों का निष्पादन ऑन द स्पॉट किया गया।  अपीलार्थी अनिल वर्मा, डुमरिया द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना में अनियमितता के संबंध में आवेदन दिया गया था, जिसमे जिलाधिकारी ने लाभार्थियों के जांच के लिए निदेशक, डीआरडीए को निर्देश दिया। बताया गया कि लाभार्थी राजू कुमार, योगेश चौधरी द्वारा लगभग 15 लाख की लागत से अपना आवास बनाया गया है, जिस कारण ये इस योजना के लाभ के लिए योग्य नहीं हैं। साथ ही अन्य लाभार्थी का भी पक्का मकान रहने के कारण अयोग्य व्यक्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया। जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला पदाधिकारी ने तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी, डुमरिया पर प्रपत्र क गठित करने का आदेश देते हुए आवास सहायक, सुपरवाइजर पर भी गलत आवास योजना का लाभ दिए जाने के कारण नियमानुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया।  अपीलार्थी अमरजीत कुमार, प्रखंड कोच द्वारा अतिक्रमण हटाने हेतु अपील दायर किया गया था, जिसमें अंचलाधिकारी, कोंच ने पुलिस उपाधीक्षक एवं अनुमंडल पदाधिकारी, टिकारी से पुलिस बल की मांग की थी परंतु अनुमंडल पदाधिकारी, टिकारी एवं पुलिस उपाधीक्षक द्वारा पुलिस बल उपलब्ध नहीं कराया गया, जिस कारण जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी, टिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, टिकारी एवं अंचलाधिकारी पर रुपए 500 का जुर्माना अधिरोपित किया। अपीलार्थी कांति देवी, प्रखंड खिज़रसराय द्वारा इनके ज़मीन एवं मकान को जालसाजी के माध्यम से कब्जा करने के कारण इसे मुक्त कराने के लिए आवेदन दिया गया था। अंचलाधिकारी, खिजरसराय के जांच में पाया गया की भूमि भत्तु जमादार का है और उनकी वंशज मकान बनाकर रह रहे थे। अपीलार्थी द्वारा वर्ष 17-18 में लगान रसीद दिखाया गया, जिसका लगान भी वसूली किया गया है। वह रसीद बिना सक्षम प्राधिकार के आदेश से निर्गत किया गया था। परिवादी के पास गलत रसीद पाए जाने पर निर्गत करने वाले राजस्व कर्मचारी पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश अंचलाधिकारी, खिजरसराय को दिया गया।

कोई टिप्पणी नहीं: