बिहार : रोबोट बनाने के लिए नवादा के जुम्मन हुए सम्मानित - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021

बिहार : रोबोट बनाने के लिए नवादा के जुम्मन हुए सम्मानित

jumman-honored-to-make-robort
नवादा : तकनीकी क्षेत्र में रोज-रोज नए प्रयोग करने वाले नवादा जिले के अवधेश कुमार उर्फ जुुम्मन की झोली में एक और पुरस्कार आया है। खगड़िया में 20-22 फरवरी तक आयोजित किसान मेला- सह उद्यान व पशु प्रदर्शनी 2021 में जुुम्मन पुरस्कृत हुए हैं। जंगली जानवरों नीलगाय, भालू व वन सुअर से फसलों को होने वाले नुकसान से किसानों को निजात दिलाने के लिए बनाये गए यंत्र रोबोट के लिए उन्हें पुरस्कार मिला है। 22 फरवरी सोमवार को डॉ. अनिता वरीय वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र खगड़िया और डॉ आरएन सिंह सहायक निदेशक प्रचार एवं प्रसार बीएयू, सबौर भागलपुर द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया। सम्मानित अवधेश उर्फ जुम्मन मूलत: नवादा जिले के वारिसलीगंज प्रखंड के सोनवर्षा गांव के निवासी हैं। वर्तमान में नवादा नगर के रामनगर मोहल्ले में रहते हैं। पूर्व में ऑटोमेटिक रेल फाटक बनाने के लिए भी वे सुर्खियों में रहे हैं। बता दें खगड़िया में आयोजित प्रदर्शनी का मुख्य विषय था ‘तकनीकी आधारित खेती के लिए युवाओं का सशक्तिकरण’। जुम्मन बताते हैं कि फसल सुरक्षा के लिए निर्मित रोबोट एक मानव रूप में काम करने वाला मशीन है। इस मशीन को बनाने का मुख्य उद्देश्य खेत में लगी फसल को जंगली पशु- पक्षी से सुरक्षा प्रदान करना है। मशीन खेत में बिना किसी मनुष्य के स्वत: तेज आवाज घंटी एवं हूटर बजाकर और तेज एलईडी लाइट जलाकर जंगली जानवरों एवं अवांछित पशु-पक्षियों को भगाकर खेत में लगे फसल को बचाने में यह रोबोट काफी उपयोगी है।यह किसानों की फसलों के लिए एक पहरेदार के रूप में काम करता है। जुम्मन बताते है कि इस रोबोट निर्माण में एक 12 बोल्ट की बैट्री, हूटर,घंटी, एलईडी लाइट, स्वीच, डीसी तार, मोटर, टाइमर सेंसर, इंडिकेटर रिले, बैटरी चार्जर, प्लास्टिक खिलौना का इस्तेमाल रोबोट बनाने में किया गया है। एक लकड़ी का कवर के अंदर सारा सिस्टम को रखा गया है। नट – बोल्ट, स्क्रियू इत्यादि की जरूरत भी पड़ती है। इसके निर्माण पर लगभग 2500 रुपये खर्च आता है। मशीन को चलाने में 12 वोल्ट की एक बैट्री जो टाइमर रिले के द्वारा समय-समय पर रुक-रुक कर बैट्री के पॉवर को रोबोट मशीन में संचालित करता है। जाहिर है कि जब बैट्री का करंट रोबोट को मिलता है तो रोबोट उस करंट से हूटर एवं अपने हाथ से घंटी बजने लगता है। और अपने बाएं हाथ में लिए एलईडी लाइट को जलाने लगता है। जिससे जंगली सूअर, नीलगाय,सियार,भालू दुम दबाकर खेतों से भाग जाते हैं। जुम्मन बताते हैं कि इस मशीन को जिला कृषि पौधा संरक्षण पदाधिकारी अशोक कुमार के सुझाव पर बनाया था। जुम्मन के नित्य नए प्रयोग को जमकर सराहना मिलती रही है। उनके जेहन में आगे भी कुछ नया करने की है।

कोई टिप्पणी नहीं: