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शुक्रवार, 12 फ़रवरी 2021

6 महीने के लड्डू के सिर था एक और सिर! बिहार के डॉक्टर मनीष ने किया इलाज

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नई दिल्ली, 6 महीने के लड्डू के सिर के पीछे एक ‘सिर’ लगा था. लेकिन, अब लड्डू के सिर की सर्जरी हो गई है और परिवारों वालों के साथ डॉक्टर्स को भी उम्मीद है कि जल्द ही लड्डू दूसरे बच्चों की तरह खेलने कूदने लगेगा. दरअसल, हम आप बात कर रहे हैं 6 महीने पहले गाजीपुर में पैदा हुए एक बच्चे की, जिसका नाम है लड्डू. लड्डू के सिर के पीछे एक सिर लगा हुआ था, जो एक ट्यूमर की तरह था, जो आप ऊपर लगी फोटो में देख भी सकते हैं. हालांकि, अब लड्डू पूरी तरह ठीक है. लड्डू की शनिवार को दिल्ली के एक अस्पताल में सर्जरी हुई है. सर्जरी करने वाले डॉक्टर्स का कहना है कि अब लड्डू पूरी तरह ठीक है और उन्हें एक-दोन में डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये बीमारी क्या है और किस तरह से इसका इलाज किया गया. 


दरअसल, लड्डू को जो बीमारी है, उसका नाम है एनसीफैलोसील. इस बीमारी से जूझ रहे लड्डू का जीवन खतरे में है, लेकिन दिल्ली के डॉक्टर मनीष इसका इलाज करने वाले हैं. इस बीमारी की वजह से लड्डू ना ठीक से सो पाता है और ना ही ठीक से खेल पाता है. दरअसल,जब ब्रेन का हिस्सा बाहर निकल जाए तो बच्चा इस प्रकार की बीमारी का शिकार हो जाता है. यह जन्मजात होती है. यह बीमारी काफी रेयर होती है. कहा जाता है कि करीब 10-12 हजार लोगों में से एक किसी एक को यह बीमारी होती है. इस बीमारी को लेकर सीनियर न्यूरोसर्जन डॉक्टर मनीष कुमार ने कहते हैं कि जब मां के पेट में बच्चा बनता है तब किसी कारण वश किसी अंग के विकास में गड़बड़ी हो जाती है, जिसके बाद से इस तरह का रोग होता है. हालांकि, इसका इलाज संभव है.’ लड्डू की सर्जरी करने वाले डॉक्टर मनीष ने बताया, ‘सर्जरी सक्सेसफुल रही और यह अलग तरह का अनुभव था. सर्जरी के बाद लड्डू पूरी तरह ठीक है और उन्हें दो-तीन में छुट्टी दे दी जाएगी. सर्जरी करीब 3 घंटे चली थी और लड्डू को ऑपरेशन थियेटर में करीब 5-6 घंटे रखा गया था.’


डॉक्टर के अनुसार, ‘लड्डू के सिर के पीछे जो सिर लगा था, उसमें पानी भरा हुआ था. अब इसे अलग कर दिया गया है और इसमें से करीब 1.5 किलो लीटर पानी निकला था.’ सर्जरी के बार डॉक्टर ने बताया कि इसमें गोले में दिमाग का कुछ हिस्सा होने की वजह से सर्जरी को ज्यादा ध्यानपूर्वक किया गया था. ये ट्यूमर नहीं था और अब अलग कर दिया गया है.’ बता दें कि यह बच्चा एक मजदूर परिवार में पैदा हुआ था और अभी यह 6 महीने का है. इसके इलाज में भी काफी खर्चा होने वाला है, जिसमें कुछ पैसा अस्पताल की ओर से माफ किया है. वहीं, कुछ पैसों को इंतजाम किसी संगठन ने किया है और थोड़ा पैसा परिवार की ओर दिया जाएगा. अब देखना है कि डॉक्टर्स की टीम लड्डू का इलाज किस तरह से करती है.

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