- कार्यपालक सहायकों के हसताल से कार्यालयों का हुजा काम काज ठप कार्यपालक सहायकों में शादि परिषद सदस्यों के द्वारा लिए गए निर्णय का समाहरणालय के समक्ष पंत्र की प्रति जलाधार किया विरोध प्रदर्शन
मधुबनी (आर्यावर्त संवाददाता) आज 08 मार्च को समाहरणालय के समक्ष हा भीम राव अम्बेदकर के प्रतिमा स्थान के प्रांगण में जिले के पानी कार्यपालक सहायकों ने सेवा स्थायी एवं वेतनमान, मानदेय विषमता, अनुभव की मान्यता सहित आठ सूत्री मांगों के साथ सरकार द्वारा कार्यपालक सहायकों को तुष्टिकरण रवैया के विरोध में धरना प्रदर्शन एवं बामाहालय के समय बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन को गासा परिषद की 29 वी बैठक में लिए गए जुगलकी फगान का पत्र जलाकर विरोध प्रदर्शन किया गया। कार्यकारी आन्या श्री फाकीर गंदल ने बमा किया कि सेवा स्थायी एवं वेतनमान के लिए बनाये गए कच्च स्तरीय कमीटी के द्वारा संविदा पार्नियों को सेवा स्थायीकरण एवं अन्य सुविधाओं को अनुशंसा गार लागू पारने का निर्णय कैबिनेट में पास करके सभी विभागों में लागू करने को कहा गया था। जिरी लागू करने को विपरित बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन के सिणों को द्वारा शासी परिषद के बैठक में उच्च स्तरीय कमीटी कमीटी में लिए गए निर्णय के विपरित प्राईवेट कम्पनी मिल्दोनों के हाथी गोपने की दिशा में निर्णय लिया गया है, जो कि सरकार की गला मशा को दर्शाता है। यदि शासी परिषद के 20 वी बैठक के कार्यवली कंडिका 06,07.00 एवं 00 में लिए गए निर्णय को सरकार वापस नही लेती है, तो एसा, बिसार के आवाहन पर जिले के सभी कार्यपालक अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने को जिवष्टा हो जाएगे। जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी। बिहार राज्य अरापत्रित कर्मचारी महासंघ, मधुबनी के जिला मंत्री श्री रमण प्रसाद सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा कार्यपालक सहायकों पर बार-बार अन्याय करती है। विगत 10 वर्षों की कार्यपालक सहायकों के द्वारा सरकार से बाजिय सक स्थायीकरण एवं स्नमान की मांग की जा रही है। सभी कार्यपालक सहायक स्नातक है एवं कयूटर की दक्षता साते है एवं विगत 10 वर्षा से सरकारी कार्य यात ही कुशल तरीके से संचालित कर रहे है। कार्यपालका सहायकों हड़ताल पर जाने से मधुबनी जिला सहित पूरे बिहार में आरटीपी0एस0 काउटर, लोक शिकायत कार्य, पंचायतस्तर पूर्णतः ठप है. साथ ही सरकारी कार्यालयों का कार्य भी प्रभावित है, जिसको कारण आम जनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। दिनांक 05.02.2021 के शाषी परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय से पूरे बिहार में कार्यपालक राक्षायकों में आक्रोश व्याप्त है। सरकार कार्यपालक सहायकों को चौतरफा अन्याय कर रही है, जो कही से न्यायसंगत नहीं है। यदि सरकार उच्च स्तरीय समिति की अनुशंचता को अगर तू नही की है, ती आदोलन को और भी किया जाएग।। इसकी सारी जवाबदेही सरकार की
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें