रांची, 22 मार्च, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना देकर अपनी ही सरकार को मुश्किल में डाल दिया। गोड्डा के उपविकास आयुक्त की मनमानी पर आरोप लगाते हुए झामुमो के लोबिन हेम्ब्रम ने सोमवार को विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना दिया। विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने इसकी जानकारी विधानसभा अध्यक्ष को दी, तो उन्हें मनाकर अंदर ले आया गया। लेकिन, सदन के अंदर पहुंचने के बावजूद श्री हेम्ब्रम का गुस्सा शांत नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि गोड्डा जिले में वर्ष 2019 में 26 आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका का ग्राम सभा के माध्यम से चयन हुआ। उन्हें औपबंधिक चयन पत्र भी सौंप दिया गया, यह सब पिछली सरकार में ही हुआ लेकिन आज तक उन्हें नियुक्ति पत्र नहीं मिली। श्री हेम्ब्रम ने कहा कि जब गठबंधन की सरकार बनी तो चयनित अभ्यर्थी उनके पास पहुंचे और अपनी नियुक्ति की उम्मीद जतायी। इस संबंध में उन्होंने जिले के उपायुक्त और उपविकास आयुक्त से भी बात की लेकिन उप विकास आयुक्त का कहना है कि चयन प्रक्रिया में नियमावली का पालन नहीं किया गया। यदि नियम की अनदेखी हुई तो इसके लिए चयनित अभ्यर्थी कैसे दोषी हो सकते हैं। जिन्होंने नियम का उल्लंघन किया है, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। इस संबंध में पिछले दिनों उन्होंने सदन का भी ध्यान आकृष्ट कराया था लेकिन इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। विधायक ने कहा कि अब वे कहां मुंह दिखाएंगे। अपनी ही सरकार में इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ने पर उन्हें शर्म आती है। यदि दो दिनों के अंदर सरकार इस मामले में कार्रवाई नहीं करती है तो वे डुगडुगी पिटवा कर विरोध दर्ज करांगे। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने इस मामले में सरकार को संज्ञान में लेकर प्राथमिकता के तहत कार्रवाई सुनिश्चित करने करने का निर्देश दिया।
सोमवार, 22 मार्च 2021
झारखण्ड : अपनी ही सरकार पर बरसे सत्ता पक्ष के विधायक लोबिन हेम्ब्रम
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