किसानो का उत्पीड़न कर सत्ता में टिकना मुश्किल : अखिलेश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 5 मार्च 2021

किसानो का उत्पीड़न कर सत्ता में टिकना मुश्किल : अखिलेश

no-government-stand-without-farmer-akhilesh
लखनऊ 05 मार्च, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को यह जान लेना चाहिए कि किसानों का उत्पीड़न कर कोई सत्ता में नहीं टिक सकता। श्री यादव ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि तीन कृषि कानूनों की वापसी तक किसानो ने संघर्ष जारी रखने का एलान किया है। इस लड़ाई से भारत की मिट्टी का भविष्य जुड़ा है। किसान की मेहनत से ही लोगों को खाना मिलता है, जीवन चलता है। भाजपा सरकार ने अपने आंख-कान बंद कर रखे हैं। वे अन्नदाता की परेशानी नहीं देख पा रहे है। उन्होने कहा कि भाजपा के लोग खेती नहीं करते हैं। किसान का धान 900 से 1100 सौ रूपये में लूट लिया गया। मक्का और आलू कैसे खरीदा जाएगा। एमएसपी कहां मिल रही है। एक समय ईस्ट इण्डिया कम्पनी व्यापार करने आई थी, वही सरकार बन गई, हम उसके गुलाम बन गए। भाजपा सरकार कम्पनी सरकार चलाएगी। काले कानूनों से किसान की खेती छिन जाएगी। उसको न्याय भी नहीं मिलेगा। उद्योगपतियों की मनमानी चलेगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने युवाओं को मोबाईल में उलझा दिया हैं। सरकार की दोषपूर्ण नीतियों से नयी पीढ़ी का भविष्य असुरक्षित हो गया है। कृषि कानून खतरनाक कदम है। बिना खेती के कोई विश्वगुरू नहीं बन सकता। केन्द्र की भाजपा सरकार को यह जान लेना चाहिए कि किसानों का उत्पीड़न कर कोई सत्ता में नहीं टिक सकता। जनता परिवर्तन के लिए बस सन् 2022 के विधानसभा चुनावों का इंतजार बेसब्री से कर रही है। सबकी निगाहें सपा पर लगी हैं।

कोई टिप्पणी नहीं: