पटना 6 अप्रैल, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने मधुबनी हत्याकांड के बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को जुमला करार दिया है. मुख्यमंत्री ने हत्याकांड के बारे में कहा है कि कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी. उनके इस जुमले पर बिहार की जनता को तनिक भी भरोसा नहीं रह गया है. वे इस तरह की राजनीतिक जुमलेबाजी का इस्तेमाल लगातार कर रहे हैं, लेकिन बिहार में लगातार बढ़ते अपराध पर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाते. शराबबंदी पर भी वे लगातार जुमलेबाजी करते रहते हैं लेकिन आज पूरा बिहार जहरीली शराब के अवैध कारोबार में डूब गया है, जो राजनेताओं व प्रशासनिक संरक्षण के बिना संभव नहीं हो सकता है. नीतीश जी यदि सच में कुछ करना चाहते तो वे सबसे पहले शराब माफियाओं पर नकेल कसते, लेकिन ऐसी उनकी कोई मंशा अब तक नहीं दिखी है. इस प्रकार के जुमले जुमले ही रह जाते हैं, जिन्हें शायद ही कभी अमलीजामा पहनाया जाता हो. ऐसे मामलों में अक्सर देखा गया है कि छोटी मछलियों को निशाना बनाकर पूरे मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है. नवादा जहरीली शराब कांड में भी सरकार का यही रवैया सामने आया है. जहां एक मक्का बेचने वाली महादलित महिला को शराब बेचने के जुर्म में जेल भेज दिया गया है. यह समझ से परे है कि एक गरीब महिला भला शराब का अवैध कारोबार कैसे चला सकती है? जाहिर सी बात है कि जहरीली शराब का जाल फैलाने वाले असली अपराधियों को सरकार बचाने में लगी है. उसी कांड में डीएम व एसपी पर कार्रवाई करने की बजाए चैकीदार पर कार्रवाई करके सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम से लेकर तमाम ऐसी घटनाओं में सरकार का आचरण छोटे लोगों को फंसाकर असली खिलाड़ियों को बचाने का ही काम किया गया. भाकपा-माले नीतीश कुमार से इस तरह की जुमलेबाजियों से बाज आने और असली अपराधियों पर नकेल कसने के लिए ठोस कार्रवाइयों की मांग की.
मंगलवार, 6 अप्रैल 2021

बिहार : दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई नीतीश का बन चुका है जुमला : माले
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