झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 14 मई - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 14 मई 2021

झाबुआ (मध्यप्रदेश) की खबर 14 मई

संकट कितना भी बड़ा हो मन का धैर्य नहीं खोना चाहिए  - प.पू. शंकराचार्य

  • कोविड रिस्पांस टीम द्वारा आयोजित 5 दिवसीय वर्चुअल व्याख्यानमाला जारी

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झाबुआ। कोविड रिस्पांस टीम द्वारा आयोजित 5 दिवसीय वर्चुअल व्याख्यानमाला के तीसरे दिन आयोजित व्याख्यान श्रृंखला को काँची कामकोटि पीठ के पूज्य शंकराचार्य श्री विजयेंद्र सरस्वती जी और विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्म विभूषण डॉ. सोनल मान सिंह जी ने सम्बोधित किया। पूज्य शंकराचार्य श्री विजयेंद्र सरस्वती जी ने समाज को संबोधित करते हुए कहा आज इस कोरोना महामारी के कारण केवल भारत ही नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व पर संकट आया है।अतः हमारा दृष्टिकोण अपनी महान परम्परा वसुधैव कुटुम्बकम की होनी चाहिये । संकट कितना भी बड़ा हो मन का धैर्य नहीं खोना चाहिए । विश्वास के साथ श्रम करेंगे तो परिणाम भी सुखदायक होंगे । इसलिए दो कोशिश अवश्य करनी चाहिए । एक - प्रार्थना करना , स्तुति करना , नियम पालन करना और दूसरी आयुर्वेद और पाश्चात्य चिकित्सा पद्धति के समन्वय से इस महामारी की चिकित्सा करना । इन दोनों कोशिशों की सहायता से इस संकट से मुक्ति मिलेगी लेकिन इसमें भी धैर्य और आत्मविश्वास का भी स्थान सुनिश्चित करना पड़ेगा । पूज्य शंकराचार्य जी ने अशोक वाटिका में वृक्ष के नीचे बैठी माता सीता के उदाहरण को देते हुए बताया कि एक समय ऐसा आया कि माता सीता का भी आत्मविश्वास डगमगा गया था और वे प्राणत्याग करने का विचार करने लगी। तब हनुमान जी ने उनका आत्मविश्वास बढ़ाया था । गीता के उपदेश को उधृत करते हुए आपने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से बोला कि तेरे मन मे जो दुर्बलता है उसे छोड़ देना चाहिए । आपने समाज से आह्वान करते हुए कहा कि सामूहिक दृष्टि से वातावरण बनाने का प्रयास करें एवम समाज की शक्ति तथा शासन पर विश्वास बनाये रखें । देश विदेश की सभी संस्थाएँ सेवा कार्य कर रही है और उसके कारण हो रही प्रगति को हम सब देख भी रहे हैं , इसलिए सदाचार और संकल्प के साथ , सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना के साथ , देशभक्ति के साथ विश्व शांति और विश्व कल्याण के लिए हमारा प्रयास होना चाहिए ।  द्वितीय सत्र को संबोधित किया विश्व प्रसिद्ध नृत्यांगना पद्म विभूषण डॉ. सोनल मान सिंह जी ने । उन्होंने कहा कि हम सब मौन नहीं बैठे हैं । हम एक मायावी , रूप बदलने वाले अदृश्य शत्रु से युद्ध कर रहे हैं , जिसका वर्णन कभी हमने अपने प्राचीन शास्त्रों में सुना है । इस युद्ध में कभी कभी ऐसा लगता है कि सब कुछ खत्म हो गया है । मन में तरंग उठती है निराशा , निःसहाय और क्रोध की तभी कोई शक्ति उत्पन्न होती है और हम इस वातावरण से बाहर आ जाते हैं । यह शक्ति ही एक कला है । जो प्रत्येक व्यक्ति के भीतर का गुण होता है जिससे इन नकारात्मक विचारों को दूर किया जा सकता है । जब मन पर नियंत्रण होने लगता है , जब सकारात्मकता उत्पन्न होने लगती है तब हमें श्रीमद्भागवत गीता और उपनिषद सर्वाधिक उपयोगी लगने लगते हैं । जब हम डूब रहे हों तब यह सोचो कि अभी मेरा काम शेष है , निराशा का ताला खोलकर मन में असीम आशा की बाढ़ आने दो जिससे नकारात्मक वैचारिक गंदगी सब बह जाएगी । कला जीवन जीने की प्रेरणा बनती है , यह विश्वास रखना चाहिए कि हम सब वो चिराग है जिसकी रोशनी हजारों बवंडर पर भारी है ।


संयतमुनि ने करवाई वर्षीतप आराधकों को आलोचना विधि

  • अक्षय होता है सुपात्र दान व तपस्या का फल - संयतमुनि
  • तप व सुपात्र दान से महान बनी अक्षय तृतीया - संयतमुनि

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थांदला। जिन शासन के इस अवसर्पिणी काल के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव के निरन्तर 400 उपवास का प्रथम पारणा श्रेयांस कुमार के हाथों इक्षुरस से हुआ था तभी से अक्षय तृतीया का जैन परम्परा में विशेष महत्व है। ऋषभदेव भगवान इस युग के  प्रथम राजा, प्रथम भिक्षु, प्रथम तपस्वी व धर्म की स्थापना करने वाले प्रथम तीर्थंकर हुए है। उन्होंने ही राजा के रूप में सभी को असि-मसि-कृषि की शिक्षा दी, सम्बन्धो की स्थापना कर नैतिकता से जीवन जीने की विधि बताई। उक्त उदगार जिनशासन गौरव  श्री उमेशाचार्य के शिष्य अणुवत्स पुज्यश्री संयतमुनिजी ने वर्षीतप आराधकों के लिए आयोजित आलोचना प्रायश्चित विधि कार्यक्रम में दिए। कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष प्रवर्तक श्री जिनेन्द्रमुनि के सानिध्य में कुशलगढ़ (राजस्थान) में होने वाले भव्य सामूहिक पारणें का कार्यक्रम निरस्त हो जाने से थांदला श्रीसंघ ने स्थानीय वर्षीतप तपस्वीयो की आलोचना विधि का कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें वर्षीतप करने वाले भरत सुंदरलाल भंसाली (17 वा वर्षीतप), श्रीमती आशा झमकलाल श्रीमाल (9 वा) श्रीमती आशा जितेन्द्रजी पावेचा (दूसरा), श्रीमती किरण कमलेश छाजेड़ (दूसरा), श्रीमती इंदुबाला यतिशचन्द्र छिपानी, श्रीमती किरण प्रमोद पावेचा, श्रीमती आशुका कमलेश लोढा, श्रीमती प्रतिभा संदीप लोढा, श्रीमती कामिनी अरविंद रुनवाल, श्रीमती पिंकी इंदर रुनवाल एवं एकासन  वर्षीतप आराधक सर्वश्री ललित भंसाली, मुकेश चैधरी, पवन शैतानमल नाहर, अनिल मुथा(रायपुरिया) श्रीमती कुसुम मनोहरलाल पोरवाल, श्रीमती प्रिया प्रफुल्ल तलेरा, श्रीमती सपना प्रदीप व्होरा, श्रीमती अलका संजय व्होरा, श्रीमती मनोरमा शैतानमल लोढ़ा कार्यक्रम में उपस्थित रहकर प्रायश्चित-आलोचना विधि की । उल्लेखनीय है पूरा आयोजन शासन की गाइड लाइन के अनुसार सोशल डिस्टेंश का पालन करते हुए आयोजित किया गया जिसमें केवल तपस्वियों की आलोचना प्रायश्चित विधि अणु वत्स संयतमुनिजी, नव दीक्षित सुहासमुनिजी ठाणा - 2 एवं पूज्याश्री निखिलशीलाजी मसा आदि ठाणा - 4 के पावन सानिध्य में सम्पन्न हुई। इस अवसर पर धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए अणुवत्स संयतमुनि ने कहा कि तप व सुपात्र दान का फल अक्षय होकर मोक्ष दिलाता है इसीलिए आज का दिन अक्षय तृतीया के रूप में।प्रसिद्ध हुआ। आज के दिन अनेक भव्य आत्माओं ने संयम को स्वीकार किया है उनमें से एक यहाँ विराजित विदुषी साध्वी निखिलशीलाजी भी है जिनके संयमी जीवन के 27 वर्ष पूर्ण हो गए है ऐसे में उन्होंने इस दिन संयम अंगीकार करने वाली समस्त संयमी आत्माओं की मंगलकामना की। श्रीसंघ अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत ने सकल संघ कि ओर से सभी वर्षीतप आराधकों के तप की अनुमोदना करते हुए कहा कि जैन धर्म मे अनेक प्रकार के तपो का विधान है उसमें वर्षीतप का सर्वाधिक महत्व है क्योंकि यह तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव से जुड़ा हुआ है। अनेक आत्मा उनके समय से चले आ रहे तप का यथाशक्ति अनुसरण करते हुए अपनी आत्मा का कल्याण तो कर ही रहे है वही जिनशासन को भी दीपा रहे है। तपस्वियों का बहुमान श्रीसंघ के साथ घोड़ावत परिवार,रमेशचन्द्र श्रीश्रीमाल, शैतानमल लोढ़ा, महिलाध्यक्ष शकुंतला कांकरिया द्वारा भी किया गया। साध्वी मण्डल द्वारा अनुमोदना में  स्तवन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर धर्मसभा में नर्स हैलन मावी का साध्वीजी की उत्कृष्ट सेवा के लिए संघ द्वारा बहुमान किया गया। संचालन सचिव प्रदीप गादिया ने किया।


इन्होंने किया वर्षीतप आराधकों का बहुमान

इस अवसर पर स्थानकवासी जैन श्रीसंघ कि ओर से अध्यक्ष जितेन्द्र घोड़ावत, श्रीसंघ मंत्री प्रदीप गादिया, ललित जैन नवयुवक मण्डल अध्यक्ष कपिल पिचा, सन्त वैयावच्च प्रभारी मंगलेश श्रीमाल ने सभी आगन्तुक वर्षीतप आराधकों का शाल माला व संघ प्रभावना से बहुमान किया वही प्रकाशचन्द्र, चंद्रकांत, गोपाल, जितेन्द्र घोड़ावत परिवार, रमेशचन्द्र हेमंत श्रीमाल परिवार, शैतानमल अंकित लोढ़ा परिवार बामनिया वाले, महिला मण्डल अध्यक्ष शकुंतला बुद्धिलाल कांकरिया परिवार, मनीष मनोज जैन परिवार, इंदुबहन महावीर गादिया परिवार,  नरेंद्रकुमार लुणावत परिवार आदि ने सभी वर्षीतप आराधकों को प्रभावना देकर बहुमान करते हुए उनकी तपस्या की सुखसाता पूछी।


हेलन मावी सिस्टर की सेवा कार्यों की सराहना

अक्षय तृतीया के इस लघु आयोजन में सिविल अस्पताल में अनवरत सेवा देने वाली सिस्टर हेलन मावी द्वारा विगत दिनों निःस्वार्थ भाव से जैन माताजी महासती श्रीदिव्यशीलाजी की सेवा कार्यों के लिए श्रीसंघ परिवार द्वारा उनके कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें शाल, माला व चांदी के सिक्के से बहुमान किया गया। सभा का संचालन  प्रदीप गादिया ने व आभार कपिल पिचा ने माना। सभी तपस्वियों ने अपनी वर्षभर की तप आराधना के पारणें अपने अपने घरों पर ही किये।


जिले के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की आठवीं किस्त प्रदान-


झाबुआ। माननीय प्रधानमंत्री  श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा आज प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि ( पीएम किसान) योजना के तहत वित्तीय लाभों की आठवीं किस्त आज जारी की गई है, यह राशि माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली से सीधे लाभार्थी किसान परिवारों के खातों में ट्रांसफर की गई है। पीएम किसान योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रति वर्ष रू. 6000 की वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जाती है। जिसका भुगतान रुपए 2000,  की तीन किस्तों में होता है। झाबुआ जिले में 128923 लाभार्थी किसानों को आज यह लाभ प्राप्त होगा।


कोविड-19 हेल्पडेस्क संवाद हेतु प्रारंभ 

    

झाबुआ। जिला अस्पताल झाबुआ में भर्ती कोविड-19 मरीजों की स्थिति परिजनों को ज्ञात हो सके इसलिए शासन की मंशा के अनुसार जिला अस्पताल झाबुआ में हेल्प डेस्क संवाद हेतु शुभारंभ कर दिया गया है। जिसके माध्यम से परिजन  हेल्प डेस्क पर आकर अपने भर्ती मरीजों की स्थिति जान सकते हैं।


जनजाति कार्य विभाग द्वारा 10000 मेडिकल किट प्रदान किए

     

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झाबुआ। जिले में निरंतर समाजसेवियों के द्वारा कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों की मदद एवं उनकी सहायता के लिए जिला प्रशासन को सहयोग दिया जा रहा है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए जिले में अब शासकीय विभाग भी जन सहयोग करने में अपना योगदान देने के लिए आगे आए हैं, जनजाति कार्य विभाग परिवार द्वारा 13 मई को सहायक आयुक्त श्री प्रशांत आर्य के नेतृत्व में जिला प्रशासन को 10000 कोरोना वायरस को रोकने में मदद करने के लिए मेडिकल किट प्रदान किए है। कलेक्टर श्री सोमेश मिश्रा ने जनजातीय कार्य विभाग परिवार को धन्यवाद दिया एवं कोरोना मरीज की मदद एवं उनकी सहायता के लिए जो संकल्प लेकर कार्य किया है उसका आभार व्यक्त किया इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर सुश्री अंकिता प्रजापति उपस्थित थी। जिला प्रशासन द्वारा यह मेडिकल किट को कोरोना संक्रमण को रोकने के अभियान में मदद उनकी सहायता के लिए जो कर्मचारी  लगे हुए हैं एवं कोरोना से पीड़ित मरीजों को सहायता के लिए तत्काल वितरण करने के लिए निर्देश दिए, इस दौरान जनजाति कार्य विभाग परिवार से बी ई ओ श्रीमती वर्षा चैरे , श्री राजेश भावसार , श्री राघवेंद्र सिंह सिसोदिया, श्रीमती राखी सिसोदिया , श्री अजय राज चैहान , श्री कालू सिंह सोलंकी , श्री पप्पू हटीला , श्री महेश बामनिया , श्री मनीष पवार , श्री लोकेंद्र सिंह सोलंकी , श्री जाम सिंह अमलियार , श्री अनिल कोठारी , श्री कुलदीप धबाई  , श्री रविंद्र शर्मा आदि उपस्थित थे।

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