मधुबनी, 14 जुलाई, जिला पदाधिकारी, मधुबनी श्री अमित कुमार के अध्यक्षता में स्टीयरिंग कमिटी बैठक जिला पदाधिकारी के कार्यालय प्रकोष्ठ में संपन्न हुई l इस दौरान जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, मधुबनी डॉ एसके विश्वकर्मा, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, मधुबनी श्री शैलेन्द्र कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, मधुबनी श्री दयाशंकर निधि, यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा, यूनिसेफ बीएमसी चंचल कुमार, जीविका के रमन कुमार इत्यादि उपस्थित थे। बैठक के क्रम में जिला पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा कहा गया कि दस्त से होने वाले शिशु मृत्यु को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से जिले में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाएगा। कोविड-19 महामारी के सुरक्षात्मक उपायों का अनुपालन करते हुए 15 से 29 जुलाई तक जिले में सघन पखवाड़े का आयोजन किया जाएगा। जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस पखवाड़ा के दौरान पूरे अभियान की सतत निगरानी एवम् अनुश्रवण किया जाएगा । इस पखवाड़े के दौरान कुछ विशेष क्षेत्रों में अभियान पर विशेष जोर दिया जाएगा। इन स्थानों में पर्याप्त सफाई व्यवस्था के अभाव वाले इलाकों के अलावा शहरी, झुग्गी-झोपड़ी, कठिन पहुंच वाले क्षेत्र, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के परिवार, ईंट भट्टे वाले क्षेत्र, अनाथालय तथा ऐसा चिह्नित क्षेत्र जहां दो-तीन वर्ष पूर्व तक दस्त के मामले अधिक संख्या में पाये गये हों। वहां इस अभियान को वृहद रूप से चलाया जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने क्षेत्र में भ्रमण कर माइक्रो प्लान तैयार करेंगी। जिसमें पाचं वर्ष से कम उम्र के बच्चों की सूची बनायी जाएगी। माइक्रो प्लान की समीक्षा संबंधित नोडल पदाधिकारी एवं जिला स्टेयरिंग कमेटी द्वारा की जाएगी। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के घरों में प्रति बच्चा एक-एक ओआरएस पैकेट का वितरण किया जायेगा। यूनिसेफ एसएमसी प्रमोद कुमार झा ने बताया जिंक का उपयोग दस्त होने के दौरान बच्चों को आवश्यक रूप से कराया जाए। दस्त बंद हो जाने के उपरांत भी जिंक की खुराक 2 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को उनकी उम्र के अनुसार 14 दिनों तक जारी रखा जाए। जिंक और ओआरएस के उपयोग के उपरांत भी दस्त ठीक न होने पर बच्चे को नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं। दस्त के दौरान और दस्त के बाद भी आयु के अनुसार स्तनपान, ऊपरी आहार तथा भोजन जारी रखा जाए। उम्र के अनुसार शिशु पोषण संबंधी परामर्श दिया जायेगा। पीने के लिए साफ एवं सुरक्षित पयेजल का उपयोग करें। खाना बनाने एवं खाना खाने से पूर्व और बच्चे का मल साफ करने के उपरांत साबुन से हाथ धोयें। डायरिया होने पर ओआरएस और जिंक का उपयोग करने से बच्चों में तीव्र सुधार होता है।
बुधवार, 14 जुलाई 2021

मधुबनी : स्टीयरिंग कमिटी बैठक संपन्न
Tags
# बिहार
# मधुबनी
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
मधुबनी
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें