फादर स्टेन स्वामी की मौत का मामला देश भर में सुर्खियों में - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शनिवार, 10 जुलाई 2021

फादर स्टेन स्वामी की मौत का मामला देश भर में सुर्खियों में

  • विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बीजेपी सरकार में पुलिस की ओर से बाकोरिया में ठंडे दिमाग से फर्जी मुठभेड़ में दर्जनों गरीबों के मार दिए जाने का पर्दाफाश फादर स्टेन स्वामी ने ही किया था.उसी समय से फादर बीजेपी के निशाने पर आ गये थे

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गिरिडीह. गिरिडीह के विधायक विनोद कुमार सिंह ने फादर स्टेन स्वामी की कस्टडी में हुई मौत पर केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने महाशक्तिशाली सत्ता की ओर से फादर स्टेन स्वामी को मार दिए जाने की भी बात कही है. झारखंड ही नहीं, देशभर में जल, जंगल, जमीन और आदिवासियों के हक- अधिकार की लड़ाई लड़ने वाले फादर स्टेन स्वामी की कस्टडी में मौत होने का मामला देश भर में सुर्खियों में है. जन आंदोलन की धरती कहे जाने वाले बगोदर में भी विरोध हो रहा है. विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा है कि फादर स्टेन स्वामी जीवन भर जल-जंगल और जमीन के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज बुलंद करते रहे. ताउम्र शोषितों और वंचितों के पक्ष में खड़े रहे. भूख से हो रही मौतों का मसला हो या विस्थापन का दंश झेल रही गरीब आदिवासियों की आवाज को बुलंद करना हो या फिर फर्जी मुठभेड़ों का पर्दाफाश करने का, फादर स्टेन हमेशा मानव अधिकारों के पक्ष में खड़े रहे. विधायक विनोद कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की बीजेपी सरकार में पुलिस की ओर से बाकोरिया में ठंडे दिमाग से फर्जी मुठभेड़ में दर्जनों गरीबों के मार दिए जाने का पर्दाफाश फादर स्टेन स्वामी ने ही किया था.उसी समय से फादर बीजेपी के निशाने पर आ गये थे.उन्होंने कहा कि मुंबई के भीमा कोरेगांव(Bhima Koregaon) में घटित हिंसा में फादर स्टेन को यूएपीए के तहत बीजेपी की सरकार जेल में पिछले एक साल से हिरासत में रखा था. उन्होंने कहा कि इस हिंसा में फादर स्टेन समेत जेल बंद अन्य एक्टिविस्टों और लेखकों का कोई हाथ नहीं है और न ही वे वहां शरीक थे. बल्कि जो हिंसा के असल जिम्मेदार लोग हैं, उन्हें खुला छोड़ रखा गया है. देश की 10 विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के खिलाफ 'फर्जी मामले गढ़ने', उन्हें लगातार जेल में रखने और उनके साथ 'अमानवीय व्यवहार' के जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए दखल दें.

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