नई दिल्ली (अशोक कुमार निर्भय)। देश और दुनिया जहाँ कोरोना के कारण लाकडाउन में रही जिसकी वजह से देश मे कई लोगो को नोकरियो से हाथ धोना पड़ा ख़ासकर के रोज़मर्रा के काम मे लगे लोगो के परिवार का जीवन अस्त व्यस्त हो गया। स्लम बस्तियों में तो रोज़मर्रा का जीवन यापन करना भी करना कठिन हो गया। जिसके कारण ख़ासकर के महिलाओं को घर चालाना भी दुभर हो गया। महिलाओं को जहाँ अपने मासिक धर्म के समय में भी समझौता किया सैनेट्री पैड्स की जगह कपड़ा प्रयोग किया। क्योंकि खाने के लिए लाकडाउन के समय खाना ही पर्याप्त नही तो ऐसे में सैनेट्री पैड्स का खर्चा भी वह नही उठा सकती थी। जो इन महिलाओं के लिये घातक होता है और इन्फेक्शन का ख़तरा इस वक्त बहुत ज्यादा बना रहता है। कई बार महिलाओं की संक्रमण से जान तक जा सकती है। ऐसे में देश की कई सामाजिक संस्थाए इन महिलाओं के लिये कार्य कर रही है। जिसमे दिल्ली की अग्रणी संस्था मीनाक्षी परिवार ट्रस्ट ने ऐसे झुग्गी बस्ती शकूर बस्ती स्लम के इलाके लोगो के लिये जहाँ लाकडाउन के समय हर घर राशन मुहैया करवाया वहीँ, हर स्लम की झुग्गी को महिलाओं की माहवारी में कपड़ा इस्तमाल करने से संक्रमण न हो इसके लिये मासिक धर्म के समय कपड़ा नही इस्तेमाल करने के लिये मुहिम शुरू की जहाँ महिलाओं को हर झुग्गी कपड़ा मुक्त अभियान चलाते हुए 85 परिवारों को मीनाक्षी परिवार ट्रस्ट ने सेनेटरी पेड वितरित किये। इस अभियान में मीनाक्षी परिवार की अध्यक्षा सुश्री मीनाक्षी मल्होत्रा ओर सहयोगी वॉलिंटियर इशानी आर्य व टीम ने महिलाओं को कपड़ा न इस्तेमाल करने की ओर स्वच्छता पर का विशेष ध्यान देने के लिये जागरूक किया।
शनिवार, 31 जुलाई 2021
मीनाक्षी परिवार ट्रस्ट ने महिलाओं को शकूरबस्ती की झुग्गियों में बांटे सेनेटरी पैड्स
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