दो महिलाओं के गले से सोने की चेन खिंचकर लेगये बदमाश
‘‘भारतीय जनता पार्टी मंडल पारा की वृहद बैठक संपन्न हुई‘‘
खयडु बड़ी से भाजपा मण्डल पारा ने प्रचार रथ किया रवाना
चार वेदो के 18 पुराणो का सार है श्रीमद् भागवत, नारद पुराण मानव को जीने का दिषा बोध देता है- पं. अग्निहोत्री
झाबुआ। नगर की धर्मधरा पर पहली बार पितृ पक्ष में 26 सितम्बर से 2 अक्टूम्बर इन्दिरा एकादशी तक श्री नवदुर्गा महिला मण्डल समिति अम्बा माता मंदिर पुरानी हाउसिंग बोर्ड कालोनी के सौजन्य से आयोजित श्री नारद पुराण कथा का भव्य समापन एकादशी 2 अक्टूम्बर को पैलेस गार्ड में प्रथम बार फलाहारी भण्डारे के साथ सम्पन्न हुआ। नारद पुराण कथा के समापन अवसर पर व्यास पीठ से कथावाचक पंडित सुन्दरलाल अग्निहोत्री ने 18 पुराणो , 4 वेदो, 3 उपनिषदेो की वृहद व्याख्या करते हुए कहा कि नारद पुरण एक वैष्णव पुराण है। इसका श्रवण करने से पापी व्यक्ति भी पाप मुक्त हो जाते है। पापियो का उल्लेख करते हुए पंडित सुन्दरलाल अग्निहोत्री ने कहा कि जो व्यक्ति ब्रह्म हत्या का दोषी है, मदिरापान करता है, मांस भक्षण करता है, वैश्यागमन करता है चोरी करता है वह पापी है। नारद पुरण में सुतजी ने बताया है कि भगवान विष्णु ने अपने दक्षिण भाग से ब्रह्मा, वाम भाग से शिव को प्रकट किया। लक्ष्मी उमा, सरस्वती और दूर्गा आदि विष्णु की ही शक्तिया है। जो भक्त निष्काम भाव से भक्ति और सदाचरण का पालन करता है निष्काम भक्ति करता है इन्द्रियो को वश में रखता है वह ईश्वर का सानिध्य प्राप्त कर मोक्ष मार्गी होता है। उन्होने कहा कि 18 पुराणो में नारद पुराण का क्रम छठवा है। इस पुराण में 25 हजार श्लोक है। पंडित जही ने चार वेद ऋवेद,युजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, 18 पुराण ,मत्स्य पुराण, कुर्म पुराण, वराह पुराण, गरूढ पुराण, ब्रह्मा पुराण, विष्णु पुराण, पदम पुराण, शिव पुराण, भागवत पुराण, स्कंध पुराण, लिंग पुराण, अग्नि पुराण, वायु पुराण, मार्कण्डेय पुराण, नारद पुराण, ब्रह्म वैवर्त पुराण, ब्रह्ाण्ड पुराण, भविष्य पुराण की विषद् व्याख्या करते हुए भगवान के दस अवतारो का उल्लेख करते हुए 108 उपनिषेदो के बारे मे भी बताया। साथ ही वेद व स्मृतियो के बारे मे बताया कि वास्वत में वेदो की संख्या 6 है। उपनिषद 108 और महापुराण 18 है। उन्होने कहा कि वेदो का ज्ञान स्वयं परमेश्वर द्वारा दिया गया है ओर पुराणो मे वेदो के ज्ञान को सरल भाषा यानि कथा कहानियो द्वारा समझाया गया है। पंडित व्यास जी ने पीठ से कहा कि नारद पुराण में विष्णु की पूजा के साथ साथ राम की पुजा का भी विधान है। हनुमान और कृष्णोपासना की विधिया भी बताई गई हे। काली और महेश की पूजा के मंत्र भी दिये गये है। किन्तु मूल रूप से यह वैष्णव पुराण है। इसमें गो हत्या और देव निन्दा को जघन्य पाप माना गया है। कथा के अंत में उन्होेन झाबुआ की धर्मधरा की प्रशंसा करते हुए नगर वासियों के धर्मप्रेम की सराहना की। इस अवसर पर धार्मिक भजनो पर उपस्थित श्रोतागण लगभग दो घण्टे तक थिरकते रहे।
- नारद पुराण के समापन मे जिले मे पहली बार सप्तव्यंजनो के भण्डारे का हुआ आयोजन
समाजजनो ने किया सम्मान
कार्यक्रम के समपान अवसर पर पंडित सुन्दरलाल अग्निहोत्री का नगर के विभिन्न समाजो द्वारा आत्मीय स्वागत किया गया तथा शाल श्रीफल से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्वागत भाषण देते हुए इतिहासविद् डॉ. के.के. त्रिवेदी ने पंडित जी की शैली एवं प्रस्तुति की प्रशंसा करते हुए झाबुआ की धर्मधरा की विस्तार से जानकारी देते हुए जिले के पुरातन धर्म स्थलो एवं झाबुआ रियासत द्वारा बनाये गये मंदिरो का वर्णन किया तथा नगर की जनता एवं नवदूर्गा महिला मंण्डल समिति द्वारा दिये गये सहयोग एवं उत्कृष्ठ आयोजन के लिये साधुवाद दिया।
इनका हुआ सम्मान
कथा के समापन पर नवदुर्गा महिला मण्डल द्वारा सप्त दिवसीय नारद पुराण आयोजन के अवसर पर उल्लेखनीय योगदान देने पर नीरज राठौर, बहाद्दुर भाटी एवं ललीत राठौर का शाल श्रीफल एवं पुष्पहारो से स्वागत कर सम्मानित किया गया। व्यास पीठ पर बिराजित पंडित अग्निहोत्री का सोनी समाज की ओर से श्रीमती चंचला सोनी, कंुता सोनी, वर्षा सोनी, गीता जयंती समारोह समिति की अंोर से हरिश शाह,कन्हैयालाल राठौर, शेष नारायण मालवीय, जीतेन्द्र शाह, आसरा परमाथर्र््िाक ट्रस्ट की ओर से राजेश नागर, वंदना व्यास,रविराज सिंह राठौर, नवदुर्गा महिला मण्डल समिति की महिलाओ, गायत्री शक्तिपीठ, हनुमान टेकरी सेवा समिति, श्री सत्य सांई सेवा समिति की ओर से राजेन्द्र कुमार सोनी, सौभाग्यसिंह चौहान के अलावा नगर की सभी समाज के धर्मप्रेमियो द्वारा व्यक्तिगत तौर पर स्वागत किया गया।
सप्त व्यंजन फलाहारी भण्डारे का हुआ आयोजन
समापन अवसर पर जिले में पहली बार सप्त व्यंजन फलाहारी भण्डारे का आयोजन किया गया। जिसमें करिब तीन हजार श्रद्धालुओ ने फलाहारी भण्डारा प्रसादी का लाभ लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन राधेश्याम परमार (दादु भाई ) ने किया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन नीरज सिंह राठौर द्वारा किया गया। 2 अक्टूम्बर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं दिवंगत प्रधानमंत्री लाल बहाद्दुर शास्त्री के पदम चिन्ह्ो पर चलने का संकल्प लिया। समिति द्वारा समापन अवसर पर संगीत वाद्य यंत्रो पर सेवा देने वाले शानान्द अंजना, जितेन्द्र मेवाडा, हेमंत शर्मा एवं विशाल शर्मा का भी शाल श्रीफल से स्वागत किया गया।
30 आशा पर्यवेक्षक, 126 सेहत सखी एवं 81 आशा कार्यकर्ता को सहभागी सीख एवं क्रियान्वयन प्रशिक्षण का समापन हुआ
झाबुआ। मध्यप्रदेश वोलंटरी हेल्थ एसोसिएशन द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और संस्था एकजुट के तकनिकी सहयोग से सहभागी सीख एवं क्रियान्वयन (च्स्।) परियोजना का संचालन जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर जे. पी. एस. ठाकुर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजाराम खन्ना, डिस्ट्रीक्ट कम्युनिटी मोबीलायजर मुकेश यादव एवं बी.एम.ओ. थान्दला और रामा के मार्गदर्शन मैं झाबुआ जिले के दो विकासखंड थान्दला तथा रामा मैं मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु को कम करने के लिये क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत सेहत सखी एवं आशा पर्यवेक्षकों को च्स्। कार्यक्रम की बैठक 17 से 22 तक का प्रशिक्षण दिया गया जो की दिनांक 16ध्08ध्2021 से प्रारंभ हुआ था एवं समापन दिनांक 02ध्10ध्2021 को हुआ, जिसमें कुल 10 बैच आयोजित कर प्रशिक्षण दिया गया, जिसके अंतर्गत कुल 237 प्रतिभागी उपस्तिथ हुए जिसमें 30 आशा पर्यवेक्षक, 126 सेहत सखी एवं 81 आशा कार्यकर्ता को एकजुट संस्था द्वारा प्रशिक्षित प्रशिक्षकों द्वारा चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया गया द्य प्रशिक्षण के दौरान सभी प्रतिभागियों को मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु कम करने के लिये किये जाने वाले प्रयासों को जानकारी दी गई मैं जिसमें 6 से 24 महीने के बच्चों के लिए पोषण व विकास की आवश्कताए, बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य व पोषण के आवश्यक व्यवहार, परिवार नियोजन की जरूरत, सुरक्षित गर्भपात एवं साधनों की उपलब्धताए, सामुदायिक बैठक तथा पीएलए बैठकों का महिलाओं द्वारा सहभागी मूल्यांकन विषय पर प्रशिक्षण दिया गया द्य पीएलए कार्यक्रम के जिला समन्वयक राजकुमार भंडारी ने बताया कि इस प्रशिक्षण में सीख कर सेहत सखियां ग्राम स्तर पर बैठक आयोजित करेंगी जिसमें गर्भवती माता, धात्री माता, किशोरी बालिका एवं गांव के महिला-पुरुष शामिल होकर सीखेंगे तथा अपने व्यवहार में परिवर्तन लाएंगे द्य यह बैठक चित्र कार्ड प्रदर्शन, खेल, कहानी, कविता, नाटक के माध्यम से आयोजित होगी द्य प्रशिक्षण के प्रत्येक अधिकांश सत्र मैं एकजुट संस्था से त्ब् मनीष त्रिवेदी द्वारा प्रशिक्षण की बारीकियों को प्रतिभागियों को बताया गया एवं मार्गदर्शन देकर बैठकों को ग्राम स्तर पर आयोजित करने के लिए प्रेरित किया । प्रशिक्षण के समापन के अवसर पर एकजुट से क्षेत्रीय समन्वयक मनीष त्रिवेदी पधारे और सभी प्रतिभागियों से चर्चा की गयी एवं मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु को कम करने के लिये च्स्। कार्यक्रम की बैठकों के बारें मैं समझया और कीस तरह यह बैठकें मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु को कम करने का एक सशक्त माध्यम है उन्होने बताया कि किस तरह से च्स्। बैठकों से समुदय मे जागरूकता आई है ओर धिरे धिरे मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु को कम करने मे यह प्रकिया सहायक हु़ई हैं द्य उक्त प्रशिक्षण ब्लाक समन्वयक मन्जू धाक, वालचंद खपेडिया, और सारंगा सिंगाड़ द्वारा दिया गया द्य अंत मैं सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण समाप्ति पर त्ब् एकजुट मनीष त्रिवेदी एवं जिला समन्वयक राजकुमार भंडारी, डच्टभ्। द्वारा पर प्रमाण पत्र वितरित किये गए एवं प्रशिक्षण का समापन किया गया ।
- मातृ मृत्यु-शिशु मृत्यु को कम करने का शशक्त माध्यम पीएलए - मनीष त्रिवेदी
कोरोना के बाद डेंगू ने पकड़ी रफ्तार - स्वास्थ्य विभाग नाकाम
थांदला। पल पल बदलते मौसम के कारणों का हवाला देकर नगरीय प्रशासन दवाई छिड़काव नही करवा पाया है वही 3 धुंआ मशीन होने के बावजूद भी 15 वार्डों में नियमित धुंआ भी नही हो पा रहा है जिसके कारण नगर में अनेक स्थानों पर गंदगी व मच्छरों ने अपना आशियाना बना लिया है जिसकी चपेट में नगर की जनता आ रही है। सिविल अस्पताल की हालत बद से बदतर होती जा रही है। सूत्रों की माने तो थांदला सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की कमी साफ देखी जा सकती है वही वायरल फीवर की जाँच के लिए आधुनिक लेब का आभाव जस का तस बना हुआ है। कहने को तो 100 बेड का आधुनिक सिविल अस्पताल कहा जाता है लेकिन हालात यहाँ भी कुछ कम नही है। रोगी कल्याण समिति का कोई हिसाब देखने वाला नही है मेडिसिन का आभाव बना हुआ है एक अरसे से एक्सरे मशीन का इंतजार है तो सोनोग्राफी मशीन बन्द हालत में यहाँ पहुंचाई गई है जो आजतक चालू नही हो पाई है। इस प्रतिनिधि ने भी अनेक बार इस विषय में स्थानीय बीएमओ सहित जिला स्वास्थ्य विभाग को रूबरू मिलकर अवगत करवाया जा गया है लेकिन फिर भी हालत सुधरने का नाम नही ले रहा है जिसका नतीजा नगर के युवा अपनी जान से हाथ धो रहे है। विगत एक पखवाडे में दर्जनों युवा निजी अस्पतालों की शरण में है तो कुछ युवा की मौत भी हो चुकी है। जनप्रतिनिधियों ने भी अनेक बार नगर के हालातों को लेकर जिला प्रशासन को अवगत करवाया गया है फिर भी जल्द सुधार की बात कह कर मामला शांत कर देते है। प्रशासन ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने की तैयारी तो कर ली लेकिन उससे पहले डेंगू के खतरे से वे अनजान बने रहे जबकि एक सप्ताह से अधिक समय से अंचल में डेंगू के केस बढ़ते देखे जा रहे है।
आचार्य श्री उमेशमुनिजी म.सा.की स्मृति में तीन दिवसीय आराधना उत्साहपूर्वक सम्पन्न
थांदला । जैनाचार्य श्री उमेशमुनिजी ‘‘अणु‘‘की पावन स्मृति में आसोज वदी नवमी से आसोज वदी ग्यारस तक तीन दिवसीय ‘‘अणु स्मृति दिवस‘‘ प्रवर्तक जिनेन्द्रमुनिजी की आज्ञानुवर्तिनी पुण्यपुंज सुशिष्या साध्वी निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी तथा दीप्तिजी ठाणा-4 की पावन नेश्राय में जप-तप-त्याग-तपस्या व विभिन्न आराधनाओं के साथ उत्साहपूर्वक मनाया गया। श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ के अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत, सचिव प्रदीप गादिया व नवयुवक मंडल अध्यक्ष रवि लोढ़ा ने बताया कि तीन दिवसीय आराधना में श्रावक-श्राविकाओं व बच्चों ने बढ़-चढ़कर उत्साहपूर्वक समस्त आराधनाओं में भाग लिया। श्रीसंघ कोषाध्यक्ष प्रकाश शाहजी, प्रवक्ता पवन नाहर व नवयुवक मंडल सचिव संदीप शाहजी ने बताया कि तीन दिवसीय आराधना की शुरुआत नवकार महामंत्र के जाप व अणु-चालीसा के साथ हुई वही नित्य सामयिक संवर की आराधना के साथ गुरुदेव के 36 गुणों के स्मरण करते हुए श्रावक-श्राविकाओं ने 36 वंदना की वही अणु आराधना मण्डल, श्रीसंघ के पूर्वाध्यक्ष नगीनलाल शाहजी, नवयुवक मंडल पूर्वाध्यक्ष ललित भंसाली, वरिष्ठ स्वध्यायी वीरेंद्र मेहता, रंजना गादिया, किरण छाजेड़, कामिनी रुनवाल, मेघा लोढ़ा, दीपा शाहजी, पीनल शाहजी द्वारा स्तवन के माध्यम से गुरु गुणगान किया गया। ‘‘अणु स्मृति दिवस‘‘ के अंतिम दिन अणु स्मृति दिवस के अंतर्गत धर्मसभा में श्रावक-श्राविकाओं द्वारा एक वर्ष में बारह एकासन तप, तीन थोकडे कंठस्थ करने का एवं मालव शिष्य परंपरा पुस्तक पढ़ने का तथा एक वर्ष तक मोबाइल में गेम नही खेलने व अपना जन्मदिन नही मनाने का व एक वर्ष तक 51 ‘‘आवश्यक-सूत्र‘‘ (प्रतिक्रमण) करने का संकल्प लिया गया।
- अंतिम दिन 02 अक्टूबर को हुए 250 से अधिक सामूहिक एकासन तप
250 से अधिक हुए सामूहिक एकासन तप की आराधना
अणु स्मृति दिवस पर करीब 250 से अधिक तपस्वियों द्वारा एकासन द्वारा गुरु को तपस्या की भेंट दी गई। स्थानीय महावीर भवन पर ‘‘अणु स्मृति दिवस‘‘ के अंतिम दिन सामूहिक एकासन की सुंदर व्यवस्था श्री ललित जैन नवयुवक मंडल द्वारा की गई जिसका लाभ मनीष कुमार मनोज सेठिया परिवार ने लिया। आराधना का संचालन सचिव प्रदीप गादिया ने किया। अंत में सभी श्रावक श्राविकाओं के अणु स्मृति दिवस आयोजन में सहभागिता के लिए श्रीसंघ अध्यक्ष जितेंद्र घोड़ावत द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया उक्त जानकारी संघ प्रवक्ता पवन नाहर ने दी।
पत्रकार विकास परिषद ने किया समाजसेवी, साहित्यकारों एवं स्वास्थ्य सेवा देने वालों का सम्मान सेवा कार्यों से ही व्यक्ति महान बनता है - विधायक
इनका किया सम्मान -थांदला चेरेटिबल ट्रस्ट, ब्लड डोनेशन टीम, नेचरल गोल्ड परिवार, साहित्यकार डॉ. उमेश शर्मा व जगमोहनसिंह राठौर को साहित्य रत्न, डॉ. मनीष दुबे, डॉ. प्रीति, डॉ. नथानीयल फर्नांडिस, सीस्टर हलीमा, सीस्टर शैलबाला, सीस्टर दिव्या को स्वास्थ्य सेवा सम्मान, समाजसेवी कमलेश दायजी, दिलीप डामोर, मोहनलाल पाटीदार, हरिराम पाटीदार के साथ ही दिवंगत लक्ष्मीनारायण पाठक, समरथमल तलेरा व बसंतीलाल पाटीदार को मरणोपरांत समाजसेवा रत्न का सम्मान उनके परिजनों को दिया गया।
पत्रकार बने कोरोना योद्धा - वरिष्ठ पत्रकार सुधीर शर्मा, सुरेश समीर, रियाज अली मकरानी, वेणीचन्द राठौड़, एम एल फुलपगारें, सत्यनारायण शर्मा, शाबिर मंसूरी, आत्माराम शर्मा, दिनेश वैरागी, राजेश डामर, सोहनलाल परमार, राज गहलोत, मुकेश पाटीदार, मनीष वाघेला, निरंजन भारद्वाज, जमील अहमद, शहादत खान, महेश पाटीदार, जावेद खान, विवेक व्यास, शाहिद खान, सुमित तलेरा, पिंकी पाठक, प्रद्युम्न वैरागी, ललित चौहान, कमलेश कुवाड़, कौस्तुभ व्यास, अजय भाई, गिरीश धानक, कुलदीप वर्मा, गोपाल प्रजापत, रितिक परमार आदि अंचल के पत्रकारों का कोरोना योद्धा के रूप में सम्मान किया गया। इस अवसर पर समाजसेवी व्यवसायी महेश व्होरा, रजनीकांत लोढ़ा, दिनेश सौलंकी, विपिन नागर, विजय भीमावत, नितेश सौलंकी, दीपक पालरेचा, कपिल पाठक, पारस तलेरा,मनोज उपाध्याय व राजू धानक, राकेश डाबी भी विशेष रूप से समारोह में उपस्थित रहे।
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत पूरे देश में अखिल भारतीय जागरूकता एवं आउटरीच अभियान दिनांक 2 अक्टूबर से 14 नवम्बर-2021 तक कार्यक्रम का आयोजन
वरिष्ठ अधिवक्ता श्री दिनेश सक्सेना द्वारा इस अवसर पर महात्मा गांधी जी द्वारा चलाये गये अभियानों एवं संघर्ष के बारे में बताते हुये अंहिसा के मार्ग पर चलने के संबंध में सुझाव व्यक्त किया। श्री लीलाधर सोलंकी अपर जिला न्यायाधीश/सचिव द्वारा अपने उद्बोधन में विहीन ग्राम योजना-2000 अंतर्गत बताया कि गांव में विवाद होने पर गांवों के पंच परमेश्वर के समक्ष रखे जाने पर दोनो पक्षों के मध्य सुलहवर्ता कराई जाकर विवाद का निपटारा गांव में ही पंचो द्वारा किया जाना चाहिए। श्री महेन्द्र सिंह तोमर, विशेष न्यायाधीश द्वारा मध्यस्थता विषय पर मध्यस्थता के माध्यम से अधिक-से-अधिक विवादों के समाधान और आपसी सुलह समझौते से निराकरण किये जाने अपने विचार व्यक्त किये। प्रधान जिला न्यायाधीश श्रीमान मोहम्मद सैय्यदुल अबरार महोदय द्वारा अपने संबोधन में बताया कि महात्मा गांधी जी द्वारा अपने जीवन में भारत तथा भारतवासियों को आजादी दिलाने के लिए उनके द्वारा अंहिसा के मार्ग पर चलते हुये किये गये संघर्ष को हमेशा याद रखते हुये उनका अनुसरण करते रहना चाहिए। आगे कहा कि गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराईयों के प्रति लगातर आवाज उठाई। वो चाहते थे कि ऐसा समाज बने जिसमें सभी लोगों को बराबरी का दर्जा हासिल हो। यह बात सही है कि हम सभी गांधीजी का काफी सम्मान करते है लेकिन उनके सपने तो तभी पूरे होगे जब हम उनके बताए शांति, अहिंसा, सत्य, समानता, महिलाओं के प्रति सम्मान जैसे आदर्शो पर चलेंगे। हमें उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन श्री भरत कुमार व्यास, द्वितीय अपर जिला न्यायाधीश द्वारा करते हुये गांधीजी के कार्यों पर अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम का आभार श्री राजकुमार चौहान, न्यायिक मजिस्टेªट प्रथम श्रेणी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य न्यायिक मजिस्टेªट श्री नदीम खांन, न्यायिक मजिस्टेªट सुश्री प्रतिभा वास्कले, श्री अमन सुलिया अभिभाषक संघ संयोजक तदर्थ समिति श्री राजेन्द्र संघवी, श्री सत्यम भट्ट शासकीय अधिवक्ता, श्री सौरभ सक्सेना अधिवक्ता एवं न्यायालयीन कर्मचारीगण व आमजन आदि उपस्थित रहें।
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