बिहार : पांच माह के बाद जाप अध्यक्ष पप्पू यादव जेल से बरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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सोमवार, 4 अक्तूबर 2021

बिहार : पांच माह के बाद जाप अध्यक्ष पप्पू यादव जेल से बरी

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पटना. जेल का फाटक टूटेगा, पप्पू यादव छूटेगा.आज वह सच साबित हुआ.मधेपुरा न्यायालय ने षड़यंत्रकारी बिहार सरकार के मुंह पर जोड़दार तमाचा जड़ते हुए जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव ( JAP Chief Pappu Yadav ) को बाइज्जत बरी कर दिया.इस तरह जेल का फाटक टूट गया, पप्पू यादव छूट गया. 11 मई को पटना से गिरफ्तार किया गया था.आज 32 साल पुराने अपहरण केस में मधेपुरा कोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया है.अब 156 दिनों के बाद खुली हवा में सांस ले सकेंगे.कथित इस मामले में पप्पू यादव पिछले 5 महीने से न्यायिक हिरासत में डीएमसीएच के मेडिसिन आईसीयू में इलाजरत थे. मधेपुरा रवाना होने के दौरान एंबुलेंस में पप्पू यादव ने मीडिया के सवाल पर बेहद संक्षिप्त जवाब दिया. पप्पू यादव ने कहा कि उन्हें अदालत और जनता पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि जनता के भरोसे पर उन्हें न्याय जरूर मिलेगा. वहीं, जन अधिकार पार्टी युवा के जिलाध्यक्ष विश्वम्भर यादव ने कहा कि पप्पू यादव को राजनीतिक साजिश के तहत जेल में बंद रखा गया है. उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से पप्पू यादव एक छोटे से कमरे में बंद हैं और वे जनता के बीच जाने के लिए तड़प रहे हैं. इस बीच मधेपुरा कोर्ट के फैसले के बाद पप्पू यादव ने ट्वीट कर लिखा कि,"इंसाफ हुआ, षड्यंत्र बेनकाब हुआ.जनता के आशीर्वाद से आज बाइज्जत बरी हो गया. साबित हो गया फर्जी मुकदमा में मुझे कैद किया गया था. न्यायालय के प्रति आभार! मैं रुकूंगा नहीं, झुकूंगा नहीं, थकूंगा नहीं, लड़ता रहूंगा! आज से फिर संघर्ष पथ पर आगे बढूंगा. गौरतलब है कि पप्पू यादव को अपहरण के एक मामले में 11 मई को पुलिस ने पटना से गिरफ्तार किया गया था. मामला करीब 32 साल पुराना है. बिहार के मधेपुरा के उदाकिशुनगंज के कुमार खंड थाने में 1989 में अपहरण का एक मामला दर्ज हुआ था, जिसमें पप्पू यादव को अभियुक्त बनाया गया था. पूर्व सांसद पप्पू यादव पर अपने चार साथियों के साथ मिलकर दो युवकों का अपहरण करने का आरोप लगाया गया था.पप्पू यादव, रामकुमार यादव और उमाकांत यादव एक साथ रहते थे. गुट के ही एक युवक ने एक लड़की से शादी कर ली थी. इस कारण पप्पू यादव का रामकुमार यादव और उमाकांत यादव से मतभेद हो गया था. इसके बाद 29 जनवरी 1989 को रामकुमार यादव के चचेरे भाई शैलेन्द्र यादव ने मुरलीगंज थाना में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि पप्पू यादव ने दिनदहाड़े रामकुमार यादव और उमाकांत यादव को जान से मारने की नीयत से अपहरण कर लिया. इसी मामले को लेकर पुलिस ने इतने दिनों बाद उन्हें गिरफ्तार किया था.बता दें पप्पू यादव को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनके समर्थक और कार्यकर्ता उन्हें रिहा करने के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे थे. हजारों कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी भी दी. भूख हड़ताल और धरना प्रदर्शन उनके कार्यकर्ता लगाता कर रहे. ऐसे में यह खबर उन कार्यकर्ताओं के लिए राहत भरी है.

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