प्रधानमंत्री ने संसद में बाबासाहेब और राजेंद्र प्रसाद को नमन किया - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 26 नवंबर 2021

प्रधानमंत्री ने संसद में बाबासाहेब और राजेंद्र प्रसाद को नमन किया

pm-tribute-ambedkar-rajendra-prasad
नई दिल्ली, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी आज संसद में संविधान दिवस समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम को माननीय राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष ने संबोधित किया। माननीय राष्ट्रपति ने अपने भाषण के बाद, संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जिसका लाइव प्रसारण किया गया। माननीय राष्ट्रपति ने संविधान सभा वाद-विवाद का डिजिटल संस्करण, भारत के संविधान की सुलेखित प्रति का डिजिटल संस्करण और भारत के संविधान के अद्यतन संस्करण का विमोचन किया जिसमें अब तक के सभी संशोधन शामिल हैं। उन्होंने 'संवैधानिक लोकतंत्र पर ऑनलाइन क्विज'  का भी उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिवस बाबासाहेब अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, बापू जैसे दुरंदेशी महानुभावों और उन सभी लोगों का नमन करने का है जिन्होंने आजादी की लड़ाई में बलिदान दिए। आज का दिवस इस सदन को नमन करने का है। उन्होंने कहा कि ऐसे दिग्गजों के नेतृत्व में बहुत मंथन और चर्चा के बाद हमारे संविधान का अमृत उभरा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज लोकतंत्र के इस सदन को भी नमन करने का दिन है। प्रधानमंत्री ने 26/11 के शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया।आज उन बलिदानियों को भी नमन करता हूं।” प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा संविधान सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि यह हमें इस बात का मूल्याकंन करने का अवसर देता है कि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है।


प्रधानमंत्री ने संविधान दिवस मनाने के पीछे छिपी भावना के बारे में बताते हुए कहा, “बाबासाहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती थी, हम सबको लगा इससे बड़ा पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब अम्बेडकर ने जो इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें।” उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परंपरा की स्थापना के साथ-साथ उसी समय 26 नवंबर को भी ‘संविधान दिवस’ के रूप में स्थापित कर दिया जाता। प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवार आधारित पार्टियों के रूप में भारत एक तरह के संकट की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वह है पारिवारिक पार्टियां।” प्रधानमंत्री ने कहा, “योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग जाएं, इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है। समस्या तब आती है जब एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार द्वारा चलायी जाती है।” उन्होंने कहा कि संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं। श्री मोदी ने सवाल किया, “जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं।” प्रधानमंत्री ने दोषी भ्रष्ट लोगों को भूलने और उनका महिमामंडन करने की प्रवृत्ति को लेकर भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि हमें सुधार का अवसर देते हुए ऐसे लोगों को सार्वजनिक जीवन में महिमामंडित करने से बचना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में आधिकारों को लिए लड़ते हुए भी, कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी। उन्होंने आखिर में कहा, “अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता। आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे लिए आवश्यक है कि कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ें ताकि अधिकारों की रक्षा हो।”

कोई टिप्पणी नहीं: