प्रतापगढ़ : ग्राम कड़ियावद में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022

प्रतापगढ़ : ग्राम कड़ियावद में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

  • ईंट भट्टा श्रमिकों को दी विधिक अधिकारों की जानकारी

leagal-awareness-pratapgadh
प्रतापगढ़ , राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, प्रतापगढ़ द्वारा जारी एक्शन प्लान की रोशनी में आज प्रतापगढ़ विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री शिवप्रसाद तम्बोली (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) प्रतापगढ़ द्वारा झांसड़ी रोड़ पर स्थित ग्राम कड़ियावद में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।  प्राधिकरण सचिव द्वारा गांव कड़ियावद में संचालित ईंट भट्टे पर रह रहे व काम कर रहे मजदूरों को उनके अधिकारों से अवगत कराने के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। श्रमिकों को उनके अधिकारों, न्यूनतम मजदूरी कानून, बन्धूआ मजदूरी कानून, बाल श्रम, मानव दुर्व्यापार तथा बाल विवाह, निःशुल्क शिक्षा कानून आदि के बारे में जानकारी दी गई। ईंट भट्टों पर मजदूरी करते समय काफी संख्या मंे महिला और पुरूष उपस्थित मिले। जो ईंट भट्टा स्थल पर झोपड़ियां बना कर निवास कर रहे हैं। श्रमिकों के छोटे-छोटे बच्चे विशाल व प्रवीण भी ईंट भट्टा मजदूरों के साथ निवास कर रहे हैं जिनका स्कूल नहीं जाना बताया गया। महिला मजदूरों से बात की गई जिन्होंने कोई लिखित करार होने से इंकार किया। ईंट भट्टा मालिक की ओर से उपस्थित व्यक्ति प्रवीण धोबी उपस्थित पाए गए जिन्होंने कोई लिखित करार होना नहीं बताया। महिला व पुरूष मजदूर भट्टा स्थल पर कच्चे मकान बना कर रहते हैं और महिला व पुरूष मजदूरों के लिए शौचालय जाने की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं होना भट्टा संचालक प्रवीण धोबी ने जाहिर किया और कहा कि लेट्रिन बनवा देंगे। बच्चे जो मासूम हैं उनकी पढ़ाई नहीं हो रही है और वे इससे वंचित हैं। अधिकांश मजदूर पिपलोदा मध्य प्रदेश के बताए जाते हैं। जिन परिस्थितियांे ये मजदूर काम कर रहे हैं उससे इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता कि ये मजदूर बंधूआ मजदूर हैं अतः इस संबंध में जिला कलक्टर महोदय के अधीन गठित विजिलेन्स कमेटी को पत्र लिखे जाने के निर्देश प्रदान किये गए।   आयोजित शिविर में उपस्थित आमजन को बाल विवाह निषेध कानून, मृत्यु भोज निषेध कानून, कन्या भु्रण हत्या निषेध कानून एवं मोटर वाहन अधिनियम आदि के बारे में कानूनी जानकारियां भी दी गई।

कोई टिप्पणी नहीं: