मधुबनी : बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर जिले के प्रभारी सचिव सह सचिव द्वारा समीक्षा - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 26 मई 2022

मधुबनी : बाढ़ पूर्व तैयारियों को लेकर जिले के प्रभारी सचिव सह सचिव द्वारा समीक्षा

  • तैयारी जितनी अच्छी होगी आपदा का प्रभाव उतनी ही  होगी कम-प्रभारी सचिव, जिला प्रशासन द्वारा अब तक की गई तैयारी पर व्यक्त की प्रसन्नता।
  • बाढ़ से संबधित योजनाओं को ससमय पूरी गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने का दिया निर्देश। सामुदायिक रसोई में जीविका दीदियों का सहयोग लेने का दिया निर्देश

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मधुबनी, संभावित बाढ़  पूर्व तैयारियों  को लेकर प्रभारी सचिव ,मधुबनी सह सचिव, ग्रामीण विकास विभाग, बिहार श्री बालामुरुगन डी0 की अध्यक्षता में समाहरणालय सभा कक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। सर्वप्रथम जिलाधिकारी द्वारा मिथिला की पारंपरिक प्रथा से उनका स्वागत किया गया।जिलाधिकारी,  अरविन्द कुमार वर्मा ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जिले में अबतक की गई बाढ़ पूर्व तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मधुबनी जिला पारंपरिक रूप से आपदा के प्रति संवेदनशील जिला रहा है लगभग 18 नदियों और उसकी सहायक नदियां  जिले से गुजरती हैं ।उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र की भूमि का स्वरूप तराई का है जिससे अधिकांश भूमि गहरी है जो मानसून के दौरान नदियों के पानी से भर जाता है और बाढ़ का कारण बनने लगता है। जिला पदाधिकारी द्वारा बाढ़ के कारण पूर्व के वर्षों में हुई क्षति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान विभाग द्वारा बताया गया है कि 13 जून 2022 तक राज्य में मानसून आगमन की पूरी संभावना है साथ ही राज्य में सामान्य सामान से अधिक वर्षा होने की संभावना व्यक्त की गई है ।मई माह में मधुबनी जिले में 128. 6mm औसत बारिश हो चुकी है। जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक के तहत तटबंधों की कुल लंबाई लगभग 85 किलोमीटर है वही बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल टू के तहत तटबंधों की कुल लंबाई 63.62  किलोमीटर है। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक में तटबंध की संवेदनशील स्थलों की संख्या 30 है वही बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल दो में यह संख्या 29 है। तटबंधों की सुरक्षा हेतु कुल 128 स्थानीय श्रमिकों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक और बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल दो के तहत कुल 61 सलुइस गेट हैं जो सभी कार्यशील हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ नियंत्रण से संबंधित कुल 19 योजनाओं में से 10 योजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं शेष के कार्य अंतिम चरण में हैं। प्रभारी सचिव ने निर्देश दिया कि अपूर्ण योजनाओं को बाढ़ से पूर्व हर हाल में पूर्ण करवा लें परंतु किसी भी कीमत पर गुणवत्ता से समझौता नही होनी चाहिये। जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक कुल 2312 पुल-पुलियो  के भेंट की सफाई कर ली गई है और शेष की सफाई 31 मई तक पूर्ण कर ली जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले की मरम्मती योग सड़कों में अधिकांश की मरम्मत  करवा ली गई है। जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में संभावित बाढ़ के दृष्टिकोण से सरकारी नावों की मरम्मत कर ली गई है और निजी नाव मालिकों के साथ एकरारनामा का कार्य भी पूरा कर लिया गया है। अनुग्रहिक राहत के भुगतान हेतु परिवारों के आधार सीडिंग को अद्यतन करने का काम पूरा कर लिया गया है एवम सूची को अपडेट किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में बाढ़ आश्रय स्थल की पहचान कर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। मेगा बाढ़ राहत केंद्र के रूप में कुल 22 स्थानों की पहचान हुई है, जिसमें 24950 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जा सकती है। साधारण बाढ़ राहत केंद्र के तहत कुल 218 शिविरों की पहचान की गई है, जिसमें कुल 86867 लोग आश्रय ले सकते हैं। कोविड बाढ़ राहत केंद्र के तहत कुल 28 शिविरों की पहचान की गई है, जिसमें कुल 13985 लोग ठहर सकते हैं। इन सब के लिए सामुदायिक रसोई के लिए 220 स्थानों को भी चिन्हित किया गया है। जिसमें रोजाना कुल 75513 लोग भोजन प्राप्त कर सकते हैं।  गत वर्ष में चिन्हित बाढ़ आश्रय स्थलों का भौतिक सत्यापन अंतिम चरण में है और उन जगहों पर पेयजल एवं शौचालय आदि आदि के इंतजाम का काम जारी है।उन्होंने कहा कि जिला आपातकालीन संचालन केंद्र 24 x 7 कार्यरत है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री राहत कोष की राशि से निर्मित किए जा रहे बाढ़ आश्रय स्थलों के निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध करा दी गई है। कुल 8 बाढ़ आश्रय स्थलों में से 02 स्थलों पर निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है एवं शेष स्थलों पर निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। जिले में एसडीआरएफ के लिए आवासन एवं आपदा की स्थिति में रिस्पांस टीमों के प्रशिक्षण हेतु डिस्ट्रिक्ट इमरजेंसी रिस्पांस फैसिलिटी सह ट्रेनिंग सेंटर हेतु 1 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गई है। आपदा की घड़ी में मानव स्वास्थ्य के देखभाल हेतु मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी मधुबनी द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों की प्रतिनियुक्ति एवं जीवन रक्षक दवाओं, हैलोजन टेबलेट, ब्लीचिंग पाउडर, डीटीटी आदि अधिकांश दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। जिले में पेयजल आपूर्ति के मद्देनजर कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल मधुबनी के द्वारा कुल 1450 एवं लोक स्वास्थ्य प्रमंडल झंझारपुर के द्वारा 1634 इस प्रकार कुल 3084 चापाकल की मरम्मती का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। वर्तमान में कुल 7 मरम्मती दल भी कार्यरत है। जिसके माध्यम से मरम्मत हेतु बंद चापाकलों की सूचना प्राप्त होने पर उनकी मरम्मत सुनिश्चित की जाती है। जिला कृषि पदाधिकारी, मधुबनी द्वारा विभागीय निर्देश के आलोक में प्रभावित कृषकों को कृषि इनपुट सब्सिडी का भुगतान कर दिया गया है एवम आकस्मिक फसल योजना  बनाई गई  नियंत्र धान के बिचड़े का आच्छादन, धान की रोपनी एवं   वैकल्पिक फसल जैसे अरहर, तुरिया, उड़द, कुर्थी के फसल लगाने हेतु आकस्मिक फसल योजना की तैयारी कर ली गई है। बीज की आवश्यकता का आकलन कर कृषि विभाग को आवश्यक निर्देश दे दिए गए हैं। सभी अंचल अधिकारियों के द्वारा संभावित बाढ़ प्रभावित पंचायतों के लिए एक पंचायत नोडल अधिकारी के नेतृत्व में खोज बचाव एवं राहत दलों का गठन किया गया है जिलाधिकारी ने बताया कि  तटबंधों की निगरानी को लेकर ग्राम निगरानी समिति का भी गठन हेतु अग्रेतर करवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि जिले में वर्तमान में 209 लाइफ जैकेट हैं 15 मोटर बोट है और चार सेटेलाइट फोन भी उपलब्ध हैं। जिले में संकटग्रस्त समूह की पहचान कर ली गई है जिसकी अनुमानित संख्या 554545 है।प्रभारी सचिव ने जिला प्रशासन द्वारा अब तक की गई तैयारी पर  प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आपदा की तैयारी जितनी अच्छी होगी, आपदा का प्रभाव उतनी ही कम होगी। उक्त बैठक में जिलाधिकारी अरविन्द कुमार वर्मा,  उप विकास आयुक्त विशाल राज, ओएसडी सुरेंद्र राय,प्रभारी पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन शाखा सह जिला जनसंपर्क पदाधिकारी,  परिमल कुमार सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।

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