वनों पर पारंपरिक एवं संवैधानिक अधिकार आदिवासियों का -ः रनसिंह परमार, ‘‘वन अधिकार अधिनियम’’ पर दो दिवसीय मुखिया प्रशिक्षण शिविर हुआ संपन्न
वनों और वन संसाधनों पर आदिवासियों का पारंपरिक अधिकार
इस कड़ी में एकता परिषद् की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री श्रद्धा कश्यप ने बताया की गांव-गांव में जन चोपालो को व्यापक अभियान के रूप चलाने में आदिवासी मुखियाओं व गांव के पटेल, तड़वी, पंच, सरपंच, सचिवों की सक्रीय भागीदारी तय करने पर जोर दिया और सभी से अपील की कि महिलाओ के नाम से भी वन भूमि के दावे फार्म भरकर देने पर उनके नाम से जमीन एवं आवास का पट्टा सुनिश्चित किया जाए। जिले के वरिष्ठ समाजसेवी यशवंत भंडारी ने बताया कि वनो और वन संसाधनों पर आदिवासियों का पारंपरिक अधिकार है। उनके अधिकारों को कोई खत्म नहीं कर सकता है। यह हक़ सविधान ने दिया है, परन्तु आज इस क्षेत्र के आदिवासी अपने जंगल जमींन रोजगार एवं अपनी आजीविका के लिए दावेदारों को कोर्ट में भटकना पड रहा ह। वन अधिकार कानून के अंतर्गत बनाई गई समिति के साथ ग्राम सभा में लोगो की भागीदारी बढ़ाना होगी। विधान ने ग्राम सभा को न्यायालय के समान दर्जा दिया है।
संकल्प दिलवाया गया
एकता परिषद् मालवांचल संयोजक श्रीमती दुर्गा पवार ने कहा कि वन अधिकार अभियान कार्यक्रम धार, झाबुआ एवं आलीराजपुर में सघन रूप से चलाया जा रहा ह।ै आने वाले समय में अंतिम बार वन भूमि दावों के फार्म भरकर वनाधिकार समिति के साथ सौंपे जाएगा। अंतिम कार्रवाई एकता परिषद् कार्यकर्त्ता और मुखियाओं के साथ मिलकर चोपालो में वन भूमि मुद्दों को शासन प्रशासन से संवाद कर हल किया जाएगा। जागरूक रनसिंह परमार ने सभी आदिवासी मुखियाओं को यह संकल्प दिलाते हुए उनमे यह विश्वास जगाया की हम संगठित प्रयास करेंगे, तोे ही हमारा जीवन सुरक्षित है। हमारे पूर्वजो ने जो संजोकर रखा है, उस प्रकृति, संस्कृति को बचाना हमारा धर्म और कर्म है। इस संकल्प के साथ इस दो दिवासीय शिविर का समापन हुआ। इस अवसर पर मुखिया अनिता बहन, सानिया दाजी , करमभाई, वालचद , तारसिंह, एकता परिषद् कार्यकर्त्ता सुनील परमार, दीपक पवार , रामलाल आदि उपस्थित थे। अंत में सभी के प्रति आभार एकता परिषद् की मालवांचल संयोजक श्रीमती दुर्गा पवार ने माना।
चैतन्य पब्लिक स्कूल में निःशुल्क किड्स समर कैंेप का हुआ आयोजन, इंदौर से पधारे इस्कॉन गुरू गोपालदासजी ने शहर के बच्चों को विभिन्न विद्याओं में किया पारंगत
झाबुआ। शहर के डीआरपी लाईन रामकृष्ण नगर स्थित चैतन्य पब्लिक स्कूल पर 10 से 12 मई तक, तीन दिवसीय निःशुल्क किड्स समर कैंप का आयोजन किया गया। जिसमें विशेष रूप से इस्कॅान गुरूकुल संस्था इंदौर से पधारे वरिष्ठ शिक्षाविद् गोपालदासजी ने शिविरार्थियों को अलग-अलग विषयों एवं विद्याओं में दक्ष कर उनका जमकर उत्सावर्धन किया। शिविर में इस्कॉन संस्था इंदौर के 20, चैतन्य पब्लिक स्कूल झाबुआ के 70 सहित शहर के भी करीब 150 बालक-बालिकाओं ने भाग लेकर आयोजन को सफल एवं भव्य बनाया। कैंप का समय प्रतिदिन सुबह 7 से 10.30 बजे तक रहा। जानकारी देते हुए संस्था के मीडिया प्रभारी दौलत गोलानी ने बताया कि उक्त कैंप संस्था प्रबंधक हरिश यादव के मार्गदर्शन एवं स्कूल संचालक निप्पू राय तथा संदीप मल्लिक के नेतृत्व में संपन्न हुआ। तीन दिवसीय कैंप में बच्चों को कुल 11 विषय, जिसमंे आध्यात्मिक ज्ञान, आदर्श संतान का गुण (संस्कृति एवं सभ्यता), प्रेरणा वर्ग (मोटिवेशन क्लास), स्वयं का विकास (सेल्फ डेवलपमेंट), याददाश्त बढ़ाने की कला, मन को संतुलित करना (माईंड सेट प्रोग्राम), कला (आर्ट) एवं शिल्पकला (क्राफट), प्रश्नावली (क्विज), गायन (सिगिंग), नृत्य (डांस) एवं इंडोर खेल (गेम्स) खिलाएं गए। इस्कॉन संस्था इंदौर से पधारे गुरू गोपालदासजी के साथ इस्कॉन के बच्चों की अद्भुत प्रस्तुति देखकर शहर के बच्चों ने उनका अनुसरण किया एवं प्रेरणा प्राप्त की। प्रतिदिन प्रातःकाल शहर में हरी, गोपाल भजो ... एवं राधे-कृष्णा के संगीतमय वाद्य यंत्रों के साथ जयकारों के बीच प्रभात फैरी भी निकाली गई।
- करीब 150 बच्चों की रहीं सहभागिता, शहर में प्रतिदिन धार्मिक प्रभात फैरी भी निकाली गई
आनंद और उत्साह के साथ संपन्न हुआ कैंप
तीन दिवसीय कैंप में पूरा वातावरण आध्यात्म, धर्म, कला, संस्कृति, सभ्यता एवं रचनात्मक गतिविधियांे से ओत-प्रोत रहा। जिसकी स्कूल एवं शहर के बच्चों के अभिभावकांे ने भी मुक्त कंठ से सराहना की। साथ ही इस तरह के शिविरों की वर्तमान दौर में नितांत आवश्यकता की भी बात कहीं। प्रतिदिन स्कूल प्रबंधन की ओर से सभी शिविरार्थियों के लिए स्वल्पाहार की भी व्यवस्था की गई।
पुरस्कार वितरण किया गया
तीन दिवसीय शिविर को सफल बनाने में चैतन्य पब्लिक स्कूल के शिक्षक-शिक्षिका एवं स्टॉफ में सुनिता तानपुरे, शालिनी कमेड़िया, रजनी जैन, अंकिता मेड़ा, रीता पंवार, मुकेश मेड़़ा, शिवानी त्रिवेदी आदि का सराहनीय सहयोग रहा। शिविर का उद्देश्य ग्रीष्मकाल में बच्चों की छुट्टीयों के दिनों में उनमें अपने धर्म, संस्कृति, सभ्यता के साथ विभिन्न कलाओं में निखारना रहा। समापन पर विभिन्न विद्याओं में प्रथम एवं द्वितीय रहने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार भी प्रदान किए गए।
वैशाख पूर्णिमा पर बन रहे हैं दो शुभ योग, करें भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा .........
- 16 मई को होगी वैषाख पूर्णिमा- दान पूण्य एवं व्रत का रहता है अत्यन्त महत्व- पण्डित द्विजेन्द्र व्यास
झाबुआ । हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का बहुत महत्व है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा-अर्चना की जाती है। पौराणिक कथाओं की माने तो वैशाख में पूर्णिमा के ही दिन भगवान बुद्ध का भी जन्म हुआ था। वैशाख माह की पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। शास्त्रों में ऐसी भी मान्यता है कि विष्णु भगवान के नौवें अवतार भगवान बुद्ध ही थे, इस वर्ष 16 मई को वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिष शिरोमणी पण्डित द्विजेन्द्र व्यास ने जानकारी देते हुए बताया कि वैशाख पूर्णिमा 16 मई सोमवार को पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर पावन नदियों में स्नान का बहुत ज्यादा महत्व होता है। पवित्र नदियों या सरोवरों में स्नान करना ज्यादा महत्व रखता है यदि यह संभव नही हो तो घर में ही एक खाली बाल्टी में गंगाजल डालकर उसे पानी से भरकर स्नान करें, ऐसे में गंगा स्नान का ही पुण्य प्राप्त होता है। इसके बाद घर के मंदिर में साफ-सफाई कर गंगाजल छिड़कें और सभी देवी-देवताओं का अभिषेक करें। ध्यान रहे सबसे पहले भगवान विष्णु का हल्दी से अभिषेक करें, उन्हें तुलसी अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करें, उनकी आरती करें। फिर भगवान को सात्विक चीजों का भोग लगाएं। पूर्णिमा की रात को चंद्र देव की पूजा की जाती है। रात को चंद्र उदय होने के बाद उन्हें जल का अर्घ्य देने से शुभ फल की प्रप्ति होती है। उन्होने यह भी बताया कि धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक पूर्णिमा के दिन का बहुत ज्यादा महत्व होता है। इस पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होता है, तो वहीं चंद्र देव की पूजा करने से दोषों से छुटकारा मिलता है । उन्होने बताया कि वैशाख पूर्णिमा का बड़ा ही महत्व है। इस दिन दान-पुण्य और धर्म-कर्म के अनेक कार्य किये जाते हैं। इसे सत्य विनायक पूर्णिमा भी कहा जाता है। वैशाख पूर्णिमा पर ही भगवान विष्णु का तेइसवां अवतार महात्मा बुद्ध के रूप में हुआ था, इसलिए बौद्ध धर्म के अनुयायी इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। पण्डित व्यास के अनुसार वैशाख पूर्णिमा पर व्रत और पुण्य कर्म करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि अन्य पूर्णिमा व्रत के सामान ही है लेकिन इस दिन किये जाने वाले कुछ धार्मिक कर्मकांड इस प्रकार हैं- वैशाख पूर्णिमा के दिन प्रातः काल सूर्याेदय से पूर्व किसी पवित्र नदी, जलाशय, कुआं या बावड़ी में स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए। स्नान के पश्चात व्रत का संकल्प लेकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन धर्मराज के निमित्त जल से भरा कलश और पकवान देने से गोदान के समान फल मिलता है। 5 या 7 जरुरतमंद व्यक्तियों और ब्राह्मणों को शक्कर के साथ तिल देने से पापों का क्षय होता है। इस दिन तिल के तेल के दीपक जलाएँ और तिलों का तर्पण विशेष रूप से करें। इस दिन व्रत के दौरान एक समय भोजन करें। श्री व्यास ने बताया कि वैशाख पूर्णिमा पर धर्मराज की पूजा करने का विधान है, इसलिए इस व्रत के प्रभाव से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है। मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण के बचपन के साथी सुदामा जब द्वारिका उनके पास मिलने पहुंचे थे, तो भगवान श्री कृष्ण ने उन्हें सत्य विनायक पूर्णिमा व्रत का विधान बताया। इसी व्रत के प्रभाव से सुदामा की सारी दरिद्रता दूर हुई। उन्होने 16 मई को वैशाख पूर्णिमा के बारे में बताया कि 15 मई को समय 12.47.23 से पूर्णिमा आरम्भ होगी तथा 16 मई को 9.45.15 पर पूर्णिमा समाप्त होगी इसलिये पूर्णिमा सूर्योदय दिवस अर्थात 16 मई को ही व्रत के लिये की जावेगी ।
कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी वर्ष मनाने को लेकर भाजयुमो देवझिरी मंडल की बैठक हुई संपन्न, विधानसभा एवं जिला स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित कर युवाओं को जोड़ने हेतु अभियान चलाया जाएगा
यह रहे उपस्थित
इस अवसर पर भाजपा देवझिरी मंडल अध्यक्ष सुरबानसिंह गुंडिया, युवा मोर्चा देवझिरी मंडल अध्यक्ष महेश चौहान, अमरसिंह भूरिया, दलसिंह चौहान, पंकज डामोर, मदन मेड़ा, देवल, बादल हटिला कमलेश डामोर आदि सहित अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे। अंत में आभार भायजुमो जिला कार्यालय मंत्री एवं प्रभारी श्री मखोड़िया ने माना।
कॉलेज चलो अभियान के तहत पीजी कॉलेज झाबुआ की गठित टीम ने शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में किया कार्यक्रम
झाबुआ। मप्र उच्च शिक्षा विभाग भोपाल के निर्देशानुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं प्रवेश प्रक्रिया को बढ़ावा देने हेतु कॉलेज चलो अभियान 1 से 15 मई तक चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत शहीद चन्द्रशेखर आजाद शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ द्वारा गठित समिति ने शहर के शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में जाकर वहां पर उपस्थित बालक-बालिकाओं एवं अभिभावकों को नवीन प्रवेश प्रक्रिया तथा उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इस दौरान कॉलेज चलो अभियान समिति की सदस्य डॉ. संगीता मसानी भाबोर, डॉ. हरिओम अग्रवाल एवं लोहारसिंह ब्राह्मणे आदि उपस्थित थे।
- विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को नवीन प्रवेश प्रक्रिया एवं विभिन्न योजनाओं की दी जानकारी
डॉ रामशंकर चंचल की लघु कथाओं पर लघु फिल्मों का निर्माण
झाबुआ। प्रख्यात साहित्यकार डॉ रामशंकर चंचल की लघु कथाओं पर आधारित बेहद खूबसूरत सुखद अहसास कराती लघु फिल्मों का निर्माण किया जा रहा है। इसके पूर्व भी डॉ चंचल की लघु फिल्म ‘काली‘ का निर्माण इसरो द्वारा किया गया था जिसे नेशनल अवार्ड मिला था। हाल में ही उनकी लघु कथा ‘रहस्य‘ पर बेगुसराय के बेहद प्रख्यात लघु फिल्म निर्माता निर्देशक डॉ अनिल पतंग द्वारा एक सार्थक सृजन पर प्रेरक फिल्म ‘रहस्य‘ नाम से ही बनाई गई है। जो नारी विवशता और खामोशी की विचारणीय प्रश्न खड़ा करती सभी को सोचने को विवश कर देती है। बेहद गर्व महसूस होता है आदिवासी अंचल में साहित्य सेवा में वर्षो से समर्पित डॉ रामशंकर चंचल की फिल्मों का निर्माण होना और उसके प्रभावशाली लेखन से देश और समाज को सही दिशा निर्देश देना अद्भुत है। आदिवासी अंचल की डॉ रामशंकर चंचल वो हस्ती है जिसने कई इतिहास अपने लेखनी के माध्यम से इस जिले को दिए उसमे एक यह भी कहा है कि डॉ चंचल आदिवासी अंचल में रहते साहित्य की अद्भुत कथाओं के माध्यम से देश को अमूल्य योगदान अपनी फिल्मों के माध्यम से भी देकर सम्मानित किया है। इस जिले को प्रदेश को इस सार्थक प्रेरक फिल्म ‘रहस्य‘ पर डॉ चंचल को देश विदेश से बधाई दी जा रही है वही जिले से उनके साहित्य मित्रो , गणमान्य नागरिक और परिचितों द्वारा भी लगातार उन्हे बधाई और शुभकामनाएं दीं जा रही है।
समाजसेवियों तथा पत्रकारों की गरिमामई उपस्थिति में ईद मिलन समारोह कार्यक्रम मे बोहरा हुए सम्मानित
‘‘ऑपरेशन हेलो‘‘ के तहत 70 गुमे हुए मोबाईल ट्रेस कर लौटाई लोगों की खुशियां‘‘
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