नई दिल्ली 23 जून, गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरूवार को कहा कि देश का विकास सबसे बड़ा लक्ष्य है और सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशी विकास करना है तो विकास के मॉडल में सहकारिता के सिवाय और कोई रास्ता नहीं है। श्री शाह ने यहां सहकारिता से संबंधित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशी विकास के लिए आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हुए लोगों का एंपावरमेंट करने की जिम्मेदारी सोसाइटी यानि सहकार और सरकार दोनों की है । समाज के छोटे से छोटे तबके को ऊपर उठाना,विकास की प्रक्रिया में हिस्सेदार बनाना और देश के अर्थतंत्र में स्टेक होल्डर बनाने का काम कोऑपरेटिव ही कर सकता है। कुछ लोग सहकारिता को एक अलग दृष्टि से देखते हैं और इसे दक़ियानूसी, कालबाह्य और अप्रासंगिक मानते हैं, मगर मैं इन सबसे यह कहना चाहता हूँ कि आज आप अमूल, कृभको, इफ्को और लिज्जत पापड़ के मॉडल को देखिए उन्होंने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार आपसे समानता का व्यवहार करेगी और आपके साथ सेकंड ग्रेड सिटीजन का व्यवहार नहीं होगा। हमें अगले 100 साल के बारे में सोचना पड़ेगा और उसके लिए कुछ संस्थागत परिवर्तन करने पड़ेंगे, नए और प्रोफेशनल लोगों के लिए जगह,स्पर्धा वाले प्राइवेट और राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ मानव संसाधन की तुलना,अकाउंट सिस्टम के पूरी तरह कंप्यूटरीकरण और सभी मानकों के लिए अकाउंट सॉफ्टवेयर में स्वयं अलर्ट पर आत्मचिंतन करना होगा अर्बन कोऑपरेटिव बैंकों से जुड़े बहुत सारे मुद्दे हैं और मैं आप सबसे यह कहना चाहता हूँ कि इनके समाधान के लिए आप सहकारिता मंत्रालय को अपनी कल्पना से दो कदम आगे पाओगे ।
गुरुवार, 23 जून 2022
देश के विकास के लिए सहकारिता के अलावा कोई रास्ता नही : शाह
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