कविता : फिर भी गांव में खुशियां होती हैं - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 17 जुलाई 2022

कविता : फिर भी गांव में खुशियां होती हैं

ग्रामीण जीवन में समस्याएं होती हैं।


फिर भी जीवन में खुशियां होती हैं।।


न शोर शराबा होता है।


न मिलावटी जीवन है।


गम में भी खुशियां बेशुमार होती हैं।।


बिजली की समस्या है।


और सड़कें भी टूटी हैं।


सरकारी योजनाओं से ही।


खुशियां बेशुमार होती हैं।।


वर्षा अधिक हो तो समस्या होती है।


न हो तो वह भी समस्या है।


सूखे की स्थिति में जुबान बोलती है।।


हां, ग्रामीण जीवन में समस्या होती है।


फिर भी जीवन में खुशियां होती हैं।।


बच्चों को पढ़ाने के प्रति जागरूक तुम रहो।


स्कूलों की न अब कोई समस्या होती है।।


खेती दिना-दिन कम होती है।


ग्रामीणों की स्थिति कमजोर होती है।


फिर भी जीवन में खुशियां होती है।।



चांदनी बघरी
चांदनी बघरी

बघर, कपकोट

बागेश्वर, उत्तराखंड

(चरखा फीचर)

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