- अपूर्ण योजनाओं को पूरी गुणवत्ता के साथ ससमय पूर्ण करवाये।--डीएम।
प्रत्येक बुधवार को पंचायतो में आयोजित कैम्प एवम जाँच में सभी तकनीकी विभाग के कनीय,सहायक एवम कार्यपालक अभियंता को अनिवार्य रूप से भाग लेने का निर्देश। भूमिविवाद एवम भूअर्जन में विलंब से विकास योजनाएं होती है प्रभावित। वैसे सड़क जो पाँच वर्षों की मेंटेनेंस में है उसकी ससमय मरम्मती सुनिश्चित करे।
मधुबनी, डीएम अरविन्द कुमार वर्मा ने समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में तकनीकी विभाग के पदाधिकारियो की साथ बैठक कर कर विभागवार चल रही योजनाओं का समीक्षा किया,एवम संबधित अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए। उन्होंने समीक्षा के क्रम में कहा कि योजनाओं में अनावश्यक विलंब बर्दाश्त नही की जाएगी। सभी अपूर्ण योजनाओं को हर हाल में पूरी गुणवत्ता के साथ ससमय पूर्ण करे।उन्होंने कहा कि योजनाओं के प्रशासनिक स्वीकृति के पूर्व स्थल जाँच अनिवार्य रूप से करे,ताकि बाद में कोई समस्या नही हो। उन्होंने अभियंताओं को निर्देश दिया कि वैसे सड़क जो पाँच वर्षों की मेंटेनेंस में है एवम क्षतिग्रस्त है,वैसे क्षतिग्रस्त सड़को को संबधित एजेंसी सेअविलम्ब मरम्मती करवाना सुनिश्चित करे। विधुत विभाग की समीक्षा के क्रम में निर्देश दिया कि पटवन हेतु किसानों को कृषि फीडर से 16 घण्टे विधुत आपूर्ति सुनिश्चित करे। उन्होंने सड़को पर अतिक्रमण को सख्ती के साथ हटाने का निर्देश देते हुए कहा कि आवश्यकता पड़ने पर अतिक्रमणकारियो के विरुद्ध एआईआर दर्ज करवाये। जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के विभिन्न ग्रामीण व सुदूर हिस्से से सड़कों के रखरखाव को लेकर शिकायतें मिलती रहती हैं। इतना ही नहीं दैनिक समाचार पत्रों में भी सड़कों की बदहाली के बारे में खबर छपती रहती है। अतः जनहित में इस संबंध में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी संबंधित कार्यपालक अभियंता सहायक अभियंता एवम कनीय अभियंता प्रत्येक बुधवारिया जाँच के दौरान अपने अपने क्षेत्राधीन सड़कों की स्थिति का स्थलीय निरीक्षण कर खराब सड़कों की स्थिति का प्रतिवेदन दे। उन्होंने कहा कि वे समय समय पर जिले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा करेंगे और इस दौरान उन्हें किसी सड़क की स्थिति खराब प्रतीत हुई तो उसके लिए संबंधित अभियंता पर जबाबदेही तय कर करवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त विभिन्न सरकारी भवनों, पुल पुलिया और कब्रिस्तान चहारदीवारी निर्माण आदि की भी अद्यतन स्थिति की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी योजना की प्रशासनिक स्वीकृति निर्गत करने से पूर्व ही भूमि विवाद आदि की जानकारी रखते हुए गैर विवादित भूमि पर ही उसे जारी किया जाए। एक बार प्रशासनिक स्वीकृति देने के बाद कार्य में विलंब स्वीकार्य नहीं किया जाएगा। यदि कोई संवेदक कार्य करने में आनाकानी करते हैं तो इसकी लिखित सूचना जिले को दी जाए। उन्होंनेकहा की भूमि विवाद एवम भूअर्जन में देरी से विकास योजनाएं प्रभावित होती है,अतः इसे पूरी गंभीरता से लेकर निष्पादन करे।उन्होंने जल जीवन हरियाली से जुड़ी योजनाओं को अभियान के रूप में लेकर संपादित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की यह महत्वकांक्षी योजना जन जन से जुड़ी है। अतः इसे ससमय पूर्ण कराया जाए।जिलाधिकारी द्वारा उपस्थित अभियंताओं से जिले में तटबन्धों की स्थिति की जानकारी भी ली गई। उन्होंने हिदायत देते हुए कहा कि पूरी तरह से अलर्ट मोड में रहे। उन्होंने कहा कि तटबन्धों पर हुए रेनकट पर नजर रखे एवम इसे अविलम्ब ठीक करवाये। उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त विशाल राज, प्रभारी पदाधिकारी, जिला विकास शाखा, कुमारी आरती, प्रभारी पदाधिकारी, जिला आपदा प्रबंधन शाखा सह जनसंपर्क पदाधिकारी, परिमल कुमार, जिला योजना पदाधिकारी, सहित विभिन्न विभागों के कार्यपालक अभियंता आदि उपस्थित थे।
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