--- वीरेंद्र यादव न्यूज ----
पटना जिले के फुलवारी से माले के विधायक हैं गोपाल रविदास। बीएड और एलएलबी डिग्रीधारी गोपाल रविदास कहते हैं कि विधान सभा की विधायी प्रक्रिया का इस्तेमाल जनसरोकार के मुद्दे के समाधान के लिए करते हैं। वे कहते हैं कि प्रदेश में राशन कार्ड बनवाने के लिए तीन कागजात की आवश्यकता पड़ती थी। पहला एफिडेविट, दूसरा आधार कार्ड और तीसरा आवासीय। रविदास गोपाल कहते हैं कि एफिडेविट बनाने में एक मजदूर को कम से कम हजार रुपये लगते थे। उनके द्वारा सवाल उठाये जाने के बाद 19 मार्च, 2021 से राशन कार्ड के लिए एफिडेविट की अनिवार्य्रता समाप्त कर दी गयी। आवासीय प्रमाणपत्र की जरूरत को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं और उसे भी समाप्त किया जाएगा। उनका मानना है कि आधार कार्ड ही अकेला राशन कार्ड के लिए जरूरी दस्तावेज है और उसमें सारी सूचना होती है। बिहार राज्य राशन कार्ड योजना की नियमावली में सिर्फ एक दस्तावेज को ही पर्याप्त माना गया है। वे कहते हैं कि उनके ही सवाल के बाद सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में टेबुल-बेंच के लिए 50 करोड़ रुपये मंजूर किये गये, जबकि उच्च माध्यमिक विद्यालयों के लिए प्रति विद्यालय 2 करोड़ 37 लाख आवंटन का प्रावधान किया गया, ताकि चहारदीवारी और भवन की निर्माण कराया जा सके। वे कहते हैं कि हम सकारात्मक सहयोगी के साथ ही सरकार के कामकाज पर सवाल भी उठाएंगे। गोपाल रविदास कहते हैं कि सरकार बदली है तो उसकी कार्यशैली भी बदलनी चाहिए।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें