मधुबनी : 14 नवंबर से 20 को चाइल्ड राइट वीक - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 17 नवंबर 2022

मधुबनी : 14 नवंबर से 20 को चाइल्ड राइट वीक

Child-right-week
मधुबनी,  14 नवंबर को देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है जबकि 20 नवंबर को संपूर्ण विश्व में बाल दिवस मनाया जाता रहा है । इस वर्ष 14 नवंबर से 20 नवंबर की अवधि में सरकार एवं महत्वपूर्ण घटक यूनिसेफ द्वारा चाइल्ड राइट वीक मनाया जा रहा है जिसमें श्रम आयुक्त बिहार पटना के निर्देश के आलोक में आज दिनांक 17. 11.22 को श्रम अधीक्षक कार्यालय , जिला परिषद केंपस मधुबनी में एक कार्यक्रम आयोजित की गई।के इस अवसर पर विशाल राज , उप विकास आयुक्त , राकेश रंजन श्रम अधीक्षक, प्रभाकर तिवारी पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय  संजय कुमार जिला समादेष्टा होमगार्ड उपस्थित थे । इसके अतिरिक्त इस अवसर पर चाइल्डलाइन के जिला समन्वयक सनी कुमार एवं परितोष कुमार तथा सभी प्रखंडों के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी भी उपस्थित थे । कार्यक्रम की शुरुआत में श्रम अधीक्षक के द्वारा उपस्थित सभी पदाधिकारियों, कर्मियों एवं आम नागरिकों को बाल श्रम नियोजित नहीं करने से संबंधित शपथ दिलाया गया । इसके पश्चात चाइल्डलाइन की टीम के द्वारा उपस्थित सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को चाइल्डलाइन से दोस्ती से संबंधित बैंड हाथ में बांधा तथा बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने हेतु सभी पदाधिकारियों से अपील की ।  कार्यक्रम के अंत में उप विकास आयुक्त के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति हेतु धावा दल और चाइल्डलाइन की टीम को रवाना किया गया । श्रम अधीक्षक द्वारा बताया गया कि बच्चे देश का भविष्य है तथा बच्चों का स्थान विद्यालय एवं खेलकूद के मैदानों में है ना कि होटल ,ढाबा , गैरेज आदि में है । उनके द्वारा यह भी बताया गया कि बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास के लिए पढ़ाई के साथ-साथ खेल कूद दोनों आवश्यक है तथा यह हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है की सभी बच्चे को पूर्ण शिक्षा दिलाया जाए और उनका बचपन नहीं छीना जाए । आज धावा दल की टीम के द्वारा मधुबनी नगर से होते हुए रहिका एवं राज नगर में विभिन्न दुकान प्रतिष्ठान में सभी नियोजकों से बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करने से संबंधित शपथ पत्र भरवाया गया तथा इसी क्रम में सुंदर सर्विस सेंटर पंचवटी चौक पुलिया राजनगर, ओम साईं स्टोर भट्टी चौक राज नगर एवं सानू इंपोरियम राज नगर में कार्य कर रहे कुल 3 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराते हुए बाल कल्याण समिति , मधुबनी के समक्ष उपरस्थापित कर निर्देशानुसार उन्हें बालगृह में रखा गया है । बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986 के तहत नियोजक के विरुद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है । श्रम अधीक्षक ने बताया कि बाल श्रमिकों से किसी भी दुकान या प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986 के अंतर्गत गैरकानूनी है तथा बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20,000 से 50000 तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक के कारावास का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा एम सी मेहता बनाम तमिलनाडु सरकार 1996 में दिए गए आदेश के आलोक मे नियोजकों से 20000 प्रति बाल श्रमिक की दर से अलग से राशि की वसूली की जाएगी जो जिला पदाधिकारी के पदनाम से संधारित जिला बाल श्रमिक पुनर्वास कल्याण कोष में जमा किया जाएगा । इस राशि को जमा नहीं करने वाले नियोजक के विरुद्ध एक सर्टिफिकेट केस या नीलाम पत्र वाद अलग से दायर किया जाएगा । आज की इस धावा दल टीम के सदस्य के रूप में श्री अनूप शंकर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी राजनगर, श्री गोविंद कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी रहिका, श्री हितेश कुमार भार्गव श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी खजौली एवं श्री मिहिर कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पंडोल तथा चाइल्डलाइन के सदस्य श्री सनी कुमार प्रथम संस्था के श्री अशोक मोहिते पुलिस केंद्र मधुबनी से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के पुलिसकर्मी शामिल थे । धावा दल टीम के द्वारा आज सदर अनुमंडल के रहिका एवं राजनगर में सभी दुकानों और प्रतिष्ठानों की सघन जांच की गई तथा नियोजको से बाल श्रमिकों को नियोजित नहीं करने हेतु शपथ पत्र भरवाया गया एवं सभी दुकान एवं प्रतिष्ठानों में बाल श्रम मुक्त परिसर से संबंधित स्टीकर भी चिपकाया गया। श्रम अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि धावा दल नियमित रूप से प्रत्येक सप्ताह संचालित होगा तथा मधुबनी शहर के साथ-साथ सभी अनुमंडल मुख्यालय एवं प्रखंड मुख्यालय में भी संचालित की जाएगी तथा बाल श्रमिकों की विमुक्ति एवं बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले नियोजक के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी 

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