- जन सुराज पदयात्रा: 86वां दिन
पिछले 30 साल से बिहार में नागनाथ और सांपनाथ की सरकार चल रही है
जन सुराज पदयात्रा के दौरान तालिमपुर गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने लालू यादव और नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी के लागू होने से हर साल बिहार की जनता का 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। बिहार की जनता का यह पैसा उन भ्रष्ट पुलिसवालों और अफसरों की जेब में जा रहा है जो घर-घर होम डिलीवरी करवा रहे हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि हम आपको नीतीश कुमार, लालू यादव और मोदी जी का उदाहरण देने नहीं आए हैं। हम यहां आपको यह बताने आए हैं कि बबूल का खेती करेंगे तो उस पेड़ से आम नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा, "बिहार की जनता को अपनी समस्या के बारे में पता है। लेकिन जनता उस समस्या का समाधान नहीं निकाल पा रही है। बिहार की जनता के पास बस दो ही विकल्प रह गया है, 'एक नागनाथ और एक सांपनाथ'। बिहार की जनता को अब साथ मिलकर एक विकल्प खोजना पड़ेगा। बिहार में दल बनाने की प्रक्रिया यह है कि जो आदमी राजनीति में आता है वो दल बना लेता है और खुद उस दल का नेता बन जाता है और उसके बाद अगला नेता अपने बेटा को बना देता है। आम जनता पूरी जिंदगी झंडा लेकर घूमती है और उसके हाथ कुछ नहीं लगता। बिहार में विकल्प तब बनेगा जब बिहार की जनता खुद मिलकर अपना विकल्प बनाएगी।"
बिहार का गौरव हम बिहारियों को करना पड़ेगा, नेताओं ने हाथ खड़े कर लिए हैं
प्रशांत किशोर ने बिहार की बदहाली पर बोलते हुए कहा कि बिहार कभी नहीं सुधर सकता ये बात मान कर सब नेताओं ने अपने हाथ खड़े कर लिए हैं। बिहार तभी सुधरेगा जब बिहार की जनता इसे ईमानदारी से सुधारने की जिम्मेदारी लेगी। बिहार की जनता में यह काबिलियत है कि वो बिहार को आने वाले 10 सालों में अग्रणी राज्यों में शामिल करा सकती है। बिहारी शब्द ने आज दूसरे राज्यों में गाली का रूप ले लिया है, आज बिहारी मतलब बेवकूफ, अनपढ़ माना जाने लगा है। बिहारी के लोग बेवकूफ नहीं है। बिहार ज्ञान की भूमि रही है। देवताओं को भी बिहार में आ कर ज्ञान की प्राप्ति हुई है। इस मिट्टी का गौरव करना हम बिहारियों को सीखना पड़ेगा।
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