- नए भवन का हुआ भूमिपूजन और शिलान्यास
उन्होंने कहा की हम चाहते हैं की गौशाला आत्मनिर्भर बने और सरकार या किसी भी अन्य एजेंसी द्वारा दिए गए अनुदान का मोहताज नहीं रहे। गौशाला अपना खर्च खुद निकाले, गौशाला अगर लाभ भी कमाती है तो स्थानीय क्षेत्र का विकास ही करेगी। अभी तक विभागीय स्तर पर इस तरह की पहल नहीं की गई थी, आगे भी हम और कार्य करेंगे। जहां तक गौशाला की जमीन की बात है उसे हम रेंट पर लगाकर उससे आय अर्जित कर रहे हैं। कुछ समय पहले शंकर चौक की जमीन पर अतिक्रमण की खबर आई थी जिसके बाद हमने उसका नापी कराया है। रिपोर्ट आने के बाद हम उसका घेराबंदी भी कराएंगे। साथ ही गौशाला के पोखर का डाक के द्वारा सबसे अधिक बोली लगाने वाले को आवंटन किया जा रहा है। सुधा द्वारा ली गई गौशाला की जमीन के लिए हमने विभाग से मार्गदर्शन मांगा है, जिससे गौशाला को अधिक से अधिक आय हो सके एवं गौशाला का और ज्यादा विकास हो सके। उन्होंने मीडिया के द्वारा आम जनता से अपील किया की गौशाला शभ्यता, संस्कृति और सनातन धर्म का प्रतीक है। इसके विकास के लिए आप सभी आगे आएं, अपना सुझाव दें, कहीं भी अतिक्रमण होने पर अविलंब प्रशासन को या कमिटी को बताएं, हम त्वरित कार्यवाही करेंगे।
मौके पर गौशाला कमिटी के सचिव संजीव कुमार ने बताया कि गौशाला के 50 फीट लंबे और 25 फीट चौड़े(कुल 1250 स्क्वायर फीट) नए भवन में तकरीबन 20 से अधिक गायों की व्यवस्था हों सकेगी। भवन बनने के बाद नए गाय और उनके लिए चारे खरीदे जाएंगे। नए भवन के लिए तकरीबन 14 लाख, 5 लाख रुपए नए गायों के लिए और उनके चारे के लिए 1 लाख का अनुदान अभी मिला है। भविष्य में हम इसे एक आदर्श और अत्याधुनिक गौशाला बनाने के दिशा में जो भी कार्य हों सकेगा वो करेंगे। गौशाला परिसर में आज वृक्षारोपण भी किया गया। मौके पर उपाध्यक्ष गुरुशरण सर्राफ, सचिव संजीव कुमार, कोषाध्यक्ष मदन खंडेवाल, प्रो०प्रेम बैरोलिया, नंद कुमार बुबना, सोहन सर्राफ, श्याम यादव, विमल खंडेवाल, संदीप कुमार, अजय धारी सिंह, प्रेम शंकर झा, आमोद कुमार झा, कार्यपालक अभियंता, सहायक कार्यपालक अभियंता सहित अनेक पूर्ण कालिक सदस्य और आम लोगों ने वृक्षारोपण किया।
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