बिहार आलू और बालू से आगे निकला ही नहीं : प्रशांत किशोर - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 1 दिसंबर 2022

बिहार आलू और बालू से आगे निकला ही नहीं : प्रशांत किशोर

Bihar-involve-in-balu-alu-prashant-kishore
आदापुर, पूर्वी चंपारण। बिहार के नेताओं पर राजनीतिक हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "यहां पर लोगों ने एक परिपाटी बना दी है कि कुर्ता पर गंजी पहन लेगा उसी को जमीनी नेता मानते हैं। अगर बिहार का नेता है तो उसको बोलने, बैठने, कपड़ा पहनने का ढंग नहीं होना चाहिए, उसको देश दुनिया की जानकारी नहीं होनी चाहिए। ऐसे लोगों को हम जमीनी नेता मान लेते हैं, ऐसे लोगों को नेता बनाएगा तो जिस हालत में रह रहे हैं उसी में रहना पड़ेगा। मैं आपको ये बताना चाहता हूं कैसे गरीबी दूर कर सकते हैं, आप में वो क्षमता है, बजाए इसके कि मैं आ कर कहूं कि मैं गरीबी दूर कर दूंगा।" किसानों पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "अगर बिहार का एक तिहाई किसान सब्जी उगाने लगे तो बिहार पूरे देश को सब्जी आपूर्ति कर सकता है। कोल्डस्टोरेज को हम केवल आलू रखने का घर समझते हैं, कोल्डस्टोरेज में हम सब्जी, फल सब रख सकते हैं, क्योंकि हमने आलू से आगे कभी देख ही नहीं। आलू और बालू से आगे बिहार निकला ही नहीं, तीसरा नाम मैं लेना नहीं चाहता हूं।"

कोई टिप्पणी नहीं: