- जन सुराज पदयात्रा के 67वें दिन चिरैया प्रखंड में प्रशांत किशोर की पदयात्रा और जन संवाद
तेजस्वी यादव को खुद जानकारी नहीं है कि रोज़गार दिए कैसे जाते हैं
नीतीश कुमार के 10 लाख नौकरी वाली बात पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में नई सरकार को बने 4 महीने हो गए। अब तक 10 हजार लोगों को नौकरी मिली है, अगले 8 महीने में 9 लाख 90 हज़ार नौकरियां कहां से देंगे उसे आप भी देख रहे हैं मैं भी देख रहा हूं। तेजस्वी यादव को इस बात का आइडिया भी नहीं है कि इतनी नौकरीयां कहाँ से लेकर आएंगे? किसी सलाहकार ने लिख दिया उसी बात को दोहरा रहे हैं। तेजस्वी को जानकारी नहीं होगी कि 10 लाख नौकरी देने की प्रक्रिया क्या है? उसके लिए बजट के प्रावधान क्या होंगे? इसे किया कैसे जाएगा? बस जनता को बरगलाने के लिए कुछ भी बोल देतें हैं ताकि उन्हें वोट मिलता रहे।
बिहार सरकार और समाज सरकारी विद्यालयों को पठन-पाठन का केंद्र नहीं मानता
बिहार के लोगो ने भी सरकारी विद्यालयों को खिचड़ी बांटने का सेंटर और सरकार की सुविधाओं का केंद्र बना लिया है, यहां फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे भवन, शिक्षक और बच्चे इनका कोई समायोजन नहीं है। इसी वजह से बिहार में पढ़ाई पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। आगे उन्होने कहा कि बिहार में शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाना यह केवल शिक्षकों की जिम्मेदारी नहीं है, यह बड़े स्तर पर प्रशासक और शासकों की शिक्षा को लेकर कोई सोच ना होने का परिणाम है। नीतीश कुमार के एक पढ़े-लिखे व्यक्ति होने के बाद भी शिक्षा में अब तक कोई बदलाव ना आना यह उनके कार्यकाल का एक काला अध्याय है।
मौजूदा शिक्षको की सैलरी रोक देगी बिहार सरकार अगर केंद्र ने पैसा देना बंद कर दिया
प्रशांत किशोर ने शिक्षकों के वेतन के मुद्दे पर बोलते हुए कहा, "आरजेडी जिसने 15 साल बिहार में शासन किया और बिहार को गर्त में लेकर चले गए। वो विकास की बात कर रहे हैं, उसको मैं गम्भीरता से कैसे ले सकता हूं। नीतीश कुमार ने झूठा वादा किया कि वो 10 लाख लोगों को नौकरी देंगे। मौजूदा शिक्षको की सैलरी रोक देगी बिहार सरकार अगर केंद्र ने पैसा देना बंद कर दिया। सांख्यिकी वाले सवा लाख लड़के, उनको हटा दिया गया है, टेक्नोलॉजी वाले लड़के को हटा दिया गया है और ना जाने कितने हटाए गए हैं। तो ऐसे में मैं उनपर कैसे यकीन कर लूं? अपने जीवन का सब कुछ छोड़ कर समाज में जीवन बिता रहा हूँ, ताकि जमीनी हकीकत को बारीकियों से समझ सकूं और उसका खाका तैयार कर सकूँ।"
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