वँही मृतक के पिता भिखारी दास यह आरोप है कि यह घटना नही बल्कि सोची समझी साजिश थी मेरी बेटी को जान से मारने की। घटना के बाद गाँव के ही संजय ठाकुर उम्र-55, ब्रहमदेव ठाकुर उम्र-52, दोनों के पिता सनीचरी ठाकुर व जय प्रकाश यादव उम्र-50 पिता स्वर्गीय बैधनाथ यादव, राशलाल यादव उम्र-60 पिता स्वर्गीय रामबाबू यादव, भोला ठाकुर पिता संजय ठाकुर संयुक्त रूप से इंदू कुमारी को बेहोशी के हालात में चार पहिया वाहन से लाकर आंगन में रख दिया जहां इंदू कुमारी ने तरप-तरप कर दम तोड़ दिया। फिर संजय ठाकुर ने जबरदस्ती कंधे पर लादकर का अंतिम संस्कार कर दिया गया। कानूनी नियमानुसार किसी भी व्यक्ति के अप्राकृतिक मृत्यु के पश्चात उसके शव का पोस्टमार्टम किया जाता है, लेकिन इंदू कुमारी के शव का पोस्टमार्टम भी नहीं किया गया। पीड़ित भिखारी दास ने इस मामले को दर्ज कराने थाना फुलपरास थाना पहुंचे। काफी हस्तक्षेप के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है लेकिन फुलपरास थाना अब भी प्रश्न के घेरे में है की घटना के 3 महीने बीत जाने के बाद भी मामला में संलिप्त अपराधियों को अभी तक गिरफ्तारी क्यों नहीं किया गया ।
अब एक प्रश्न यह भी है कि इतने दिनों के बाद क्या पुलिस को कोई सबूत हाथ लगेगी और फिर पुलिस मामले में कितनी तत्परता दिखाती है ।मीडिया से बात करते हुए प्रो० संतोष दास पान पूर्व प्रदेश महासचिव जदयू प्रदेश अध्यक्ष व कई अन्य जिले से पधारे पान समुदाय के प्रतिनिधियों ने कहा कि "इसमें सीधा सीधा फुलपरास थाना की लापरवाही है और साथ ही उन्होनें कई आरोप भी लगाए,हलाकि उन्होनें कहा कि पुलिस अधीक्षक महोदय ने अच्छी सक्रियता दिखाई,और उन्होनें उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। इस घटना का समाचार मिलते ही नालंदा से डा.राजीव कुमार पान,श्री विजय प्रसाद जी एवं अन्य, मधेपुरा से श्री रधुनंदन दास जिला परिषद उपाध्यक्ष, राजीव कुमार राजा मुखिया एवं अन्य, सहरसा से श्री गोविंद दास, प्रताप पान, रनजीत पान एवं अन्य, बेगूसराय से श्री विनोद तांती पूर्व मुखिया, सत्यनारायण दास, सोहित तांती एवं अन्य, समस्तीपुर से जगदीश चौपाल इत्यादि, दरभंगा से बनारसी दास इत्यादि, बैशाली से डा.विश्वनाथ दास, वीरचन्द्र दास, भोजपुर से सरोज पान एवं मधुबनी से श्री राजेश्वर चौपाल , श्री उमेश दास मुखिया, श्री मनोज दास,श्री हीरालाल दास पूर्व प्रमुख पंडौल, विश्वनाथ दास , डा० प्रवीण कुमार दास, श्री दुखी दास, भारगव नारायण दास एवं पान समाज के अन्य सौकड़ों लोग शामिल हुए।
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